Vrindavan Banke Bihari; वृंदावन आ रहे हैं तो जरा सोचकर बनाएं प्लान, होटल-गेस्ट हाउस फुल, ब्रज में यहां भी हैं करें दर्शन
Mathura Vrindavan News वृंदावन में भारी भीड़ उमड़ रही है। शनिवार और रविवार को श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होने के कारण दर्शनों में दिक्कत आती है। नए वर्ष के अंत में ये संख्या कई लाख होगी इसलिए हालात और बिगड़ेंगे। यदि आप वर्ष 2023 के अंत में वृंदावन आ रहे हैं तो योजना बनाने से पहले एक बार विचार कर लें।
जागरण संवाददाता, मथुरा : अगर आप दिसंबर के अंतिम दिनों में छुट्टी मनाने वृंदावन आने का मन बना रहे हैं, तो थोड़ा विचार कर लें। दिसंबर के अंतिम दिनों में वृंदावन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। 17 दिसंबर को ठाकुर बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव है। इस दिन लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचेंगे।
17 दिसंबर से होटल-गेस्ट हाउस की एडवांस बुकिंग हो गई है। तीन जनवरी तक 80 फीस होटल बुक हैं। बीत रहे वर्ष की विदाई और नए वर्ष का स्वागत करने के लिए लाखों श्रद्धालु आराध्य के दरबार आएंगे। ऐसे में यहां भीड़ को व्यवस्थित करना पुलिस के लिए चुनौती होगी।
शादी का सीजन खत्म हो रहा
15 दिसंबर से शादी का सीजन खत्म हो रहा है। 17 दिसंबर को ठाकुर बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव है। उनके प्राकट्योत्सव में सहभागी बनने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु वृंदावन पहुंचेंगे। 17 दिसंबर से ही होटल और गेस्ट हाउस की एडवांस बुकिंग होने लगी है।
होटल गेस्ट हाउस फुल
होटल और गेस्ट हाउस की एडवांस बुकिंग से पता चल रहा है कि 17 दिसंबर के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु डेरा डालेंगे। 23 दिसंबर को शनिवार है, 24 को रविवार और 25 दिसंबर के क्रिसमस का अवकाश। ऐसे में 23 दिसंबर से ही यहां श्रद्धालु पहुंचेंगे और ज्यादातर यहीं रुकेंगे। आराध्य के दर पर ही वर्ष 2023 को विदाई देने के साथ ही 2024 का स्वागत भी होगा। इसलिए दो जनवरी तक यहां लाखों की भीड़ रहेगी।
मंदिर में पैर रखने की नहीं बचती जगह
भीड़ के कारण ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के अंदर के साथ ही बाहर भी पैर रखने की जगह नहीं बचती है। वृंदावन के अंदर वाहनों की भीड़ के कारण कई घंटे जाम लगता है। प्रशासन के पास भी वाहन शहर से बाहर पार्किंग स्थल पर रोकने और फिर श्रद्धालुओं को बैरिकेडिंग पर रोक-रोककर दर्शन कराने के अलावा कोई व्यवस्था नहीं रहती।
ब्रज में आएं तो यहां भी हैं करें दर्शन
ज्यादातर श्रद्धालु ब्रज में आते हैं तो केवल वृंदावन में दर्शन तक ही सीमित रह जाते हैं। ब्रज कान्हा और राधा की लीलाओं से सजा है। पग-पग पर उनकी लीला चिन्ह हैं। ब्रज में घूमने के लिए वृंदावन के साथ कई अन्य रमणीय स्थल हैं। इनमें श्रीजी का धाम बरसाना, गोवर्धन, नंदगांव, कोकिलावन, गोकुल, बलदेव और राधाकुंड भी शामिल है। यहां पर हर कदम पर भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के लीला स्थलों के दर्शन होते हैं।
'17 दिसंबर के बाद से होटल और गेस्ट हाउस में एडवांस बुकिंग है। तीन जनवरी तक होटलों में कमरे खाली नहीं हैं। बीते वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भीड़ अधिक होने की संभावना है।' अमित जैन, उपाध्यक्ष, मथुरा-वृंदावन होटल एसोसिएशन