Lok Sabha Election: हेमा मालिनी के सामने मायावती ने खेला अब जाट कार्ड, नामांकन से ऐन पहले बदला बसपा ने मथुरा से प्रत्याशी
BSP Mathura Lok Sabha Candidate Change बसपा ने सात दिन पहले एक सम्मेलन में कमलकांत उपमन्यु को प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद अब उन्हें हटाकर सुरेश सिंह को बसपा का प्रत्याशी बनाया है। मथुरा लोकसभा सीट से भाजपा ने हेमामालिनी को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस के विजेंद्र सिंह का यहां से लड़ना लगभग तय माना जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मथुरा। कान्हा की नगरी में लोकसभा चुनाव का रण इस बार रोचक होगा। लगातार दो बार की सांसद और भाजपा प्रत्याशी फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को चुनावी मुकाबले में घेरने के लिए बसपा और कांग्रेस ने भी जाट कार्ड खेला है। कांग्रेस से अंतराष्ट्रीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह प्रत्याशी होंगे, तो बसपा ने पूर्व आइआरएस अधिकारी सुरेश सिंह पर दांव लगाया है। दो-दो सेलिब्रिटी के मैदान में आने से चुनावी मुकाबला काफी रोचक होगा।
साढ़े चार लाख जाट वोट
मथुरा लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक साढ़े चार लाख जाट वोट है। ऐसे में हर राजनीतिक दल की नजर जाट वोट बैंक पर टिकी है। दो बार से भाजपा की हेमा मालिनी चुनाव जीत रही हैं। इस बार भाजपा को रालोद का साथ भी मिल गया है। ऐसे में भाजपा राजनीतिक रूप से मजबूत मानी जा रही है। 2009 के बाद जिले में राजनीतिक पराभव झेल रही कांग्रेस ने हेमा को घेरने के लिए सेलिब्रिटी विजेंदर सिंह पर दांव लगाया है। ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह भी मथुरा से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
विजेंद्र ने एक्स अकाउंट पर की पोस्ट
शनिवार को उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि पार्टी जहां से कहेगी, वहां से चुनाव लड़ूंगा। पार्टी हाई कमान ने भी उनके नाम पर शनिवार को मुहर लगा दी। अब केवल अधिकृत घोषणा होना बाकी है। हरियाणा के भिवानी के निवासी विजेंदर सिंह वर्ष 2019 में कांग्रेस में आए और दिल्ली से चुनाव लड़ा। लेकिन हार गए। वर्ष 2019 के चुनाव में महज 28084 मत हासिल करने वाली कांग्रेस द्वारा 38 वर्षीय विजेंदर सिंह पर दांव लगाने के पीछे सधी हुई रणनीति है।
अधिकृत घाेषणा होना बाकी
हेमा के मुकाबले एक तो वह सेलिब्रिटी उतारना चाहते हैं, दूसरा हरियाणा के काफी जाटों की रिश्तेदारी मथुरा में है। विजेंदर बेनीवाल जाट हैं, इनकी संख्या भी यहां काफी है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवान सिंह वर्मा ने बताया कि पार्टी हाई कमान ने विजेंदर सिंह के नाम पर मुहर लगा दी है, अब केवल अधिकृत घोषणा होना बाकी है।
बसपा ने बदला प्रत्याशी
उधर, बसपा ने सात दिन में ही अपना प्रत्याशी बदलकर पूर्व आइआरएस अधिकारी सुरेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। 62 वर्षीय सुरेश सिंह भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे हैं वह प्रवर्तन निदेशालय में सहायक निदेशक रहे और कुछ दिन सीबीआइ में भी तैनात रहे। वर्ष 2004 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सुरेश सिंह की पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की रही और संघ में भी उनकी काफी मजबूत पकड़ रही। विहिप के भी वह पदाधिकारी रहे। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट उनकी ऐनवक्त कटी थी।
वर्ष 2019 में भी वह भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने हेमा को प्रत्याशी बना दिया। ऐसे में सुरेश सिंह ने बसपा की सदस्यता ले ली। करीब बीस वर्ष से सौंख क्षेत्र में अपने पिता के नाम से बाबा कढेरा सिंह विद्या मंदिर का संचालन करने वाले सुरेश सिंह की प्रत्याशिता पर शनिवार को मुहर लग गई।
इससे पहले 23 मार्च को बसपा ने वरिष्ठ पत्रकार कमलकांत उपमन्यु को प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया और एक अप्रैल को वह नामांकन पत्र दाखिल करने वाले थे। जाट बाहुल्य खूंटैलपट्टी में सुरेश सिंह की मजबूत पकड़ मानी जाती है। बसपा जिलाध्यक्ष गोवर्धन सिंह ने बताया कि सुरेश सिंह को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। इस बार तीन जाट प्रत्याशियों के एक साथ मैदान में आने से चुनावी मुकाबला काफी रोचक होगा।
संक्षिप्त परिचय
नाम-सुरेश सिंह निवासी-नगला अक्खा, मथुरा उम्र-62 वर्ष शैक्षिक योग्यता-स्नातक, इलाहाबाद विवि कार्य-1984 में भारत सरकार की राजस्व सेवा में चयन, प्रवर्तन निदेशालय व सीबीआइ में रहे। 2004 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। सौंख क्षेत्र में बाबा कढेरा सिंह विद्या मंदिर का संचालन। विहिप के प्रांत अध्यक्ष रहे, अंतर राष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री रहे। आरएसएस में भी रहे।
नाम-विजेंदर सिंह
उम्र-38 वर्ष निवासी-भिवानी, हरियाणा शैक्षिक योग्यता-स्नातक, वैश्य कालेज, भिवानी कार्य-अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज, बीजिंग ओलंपिक में पदक विजेता, कई अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया। वर्ष 2019 में कांग्रेस में आए और दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा,लेकिन हार गए।