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UP News: डालमिया बाग में पेड़ काटने पर बिल्डर शंकर सेठ समेत 31 को जेल, अंतरिम जमानत अर्जी खारिज

Mathura News डालमिया बाग में कॉलोनी बसाने के लिए रातों-रात 454 हरे पेड़ काटने के मामले में आरोपित डालमिया परिवार ने अब हाईकोर्ट की शरण ली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने ऊपर दर्ज मुकदमे को निरस्त करने के साथ ही अग्रिम विवेचना रोकने और गिरफ्तारी के लिए उत्पीड़न न करने की मांग की है। इस मामले में शंकर सेठ सहित 31 लोग जेल भेज दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Thu, 24 Oct 2024 09:50 AM (IST)
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मथुरा: डालमिया बाग प्रकरण में जेल भेजे जा रहे आरोपित।फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, मथुरा। वृंदावन के छटीकरा मार्ग स्थित डालमिया बाग में कॉलोनी बसाने के लिए रातों-रात काटे गए 454 हरे पेड़ों के मामले में बिल्डर शंकर सेठ समेत 31 लोगों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए न्यायालय ने बुधवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इनमें जेसीबी व पोकलैन चालक व मजदूर भी शामिल हैं। 11 अनुपस्थित आरोपितों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।

करीब 33 एकड़ में फैले डालमिया बाग में गुरुकृपा तपोवन नाम से कॉलोनी काटी जा रही थी। 18 सितंबर की रात अचानक जेसीबी और पोकलैन मशीनों से यहां 454 हरे पेड़ काट दिए गए। इससे बड़ी संख्या में सांप व अन्य वन्य जीवों की मृत्यु हो गई और जीवों के घोंसले क्षतिग्रस्त हो गए।

19 सितम्बर को दर्ज हुआ था मुकदमा

19 सितंबर को वन विभाग, बिजली और मथुरा-वृंदावन प्राधिकरण ने तीन अलग-अलग मुकदमे बाग के स्वामी डालमिया एंड संस, नारायण प्रसाद डालमिया, श्रीचंद्र कुमार धानुका, मृगांक धानुका, अरुणा धानुका के साथ ही पोकलैन व जेसीबी स्वामी व चालकों व मजदूरों के विरुद्ध दर्ज कराए थे। 23 सितंबर की रात बिल्डर शंकर लाल अग्रवाल उर्फ शंकर सेठ को गिरफ्तार किया गया, कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई। अब तक इस मामले में 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया, सभी अंतरिम जमानत पर थे।

सभी की जमानत अर्जी खारिज

वन विभाग के मुकदमे में बुधवार आरोपितों की जमानत अर्जी पर सुनवाई एसीजेएम प्रथम सोनिका वर्मा के न्यायालय में थी। वन विभाग की पैरवी के चलते न्यायालय ने सभी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। शंकर सेठ समेत 31 आरोपित कोर्ट में उपस्थित थे, उन्हें जेल भेज दिया गया। वन विभाग के अधिवक्ता सतीश वार्ष्णेय ने बताया कि 11 आरोपितों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं।

डालमिया बाग के कटे पड़े हरे पेड़ का फाइल फोटो।

शासन ने लिया संज्ञान, तब अफसरों ने दिखाई तेजी

डालमिया बाग में 454 हरे पेड़ काटने की गूंज शासन तक पहुंची। शासन ने पूरे मामला का संज्ञान लिया और विभागों से जवाब तलब किया, तो सरकारी विभाग हरकत में आ गए। वन विभाग ने आरोपितों की अंतरिम जमानत खारिज करने के लिए जिला जज के न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसमें 30 अक्टूबर को सुनवाई है। अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी शासन को भेजी जा रही है। बाग में हरे पेड़ काटने के साथ ही वन्य जीवों की मृत्यु भी हो गई। पूरा मामला प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर उत्तर प्रदेश शासन के संज्ञान में आ गया।

शासन ने भी पूछा

शासन की ओर से संबंधित विभागों को पिछले दिनों पत्र जारी कर पूछा गया कि उन्होंने अब तक क्या कार्रवाई की। उधर, मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने भी पूरे मामले में वन विभाग की संलिप्तता की गोपनीय जांच कराई। वन विभाग की संलिप्तता मिली तो मंडलायुक्त ने कार्यवाहक के रूप में घटना के दिन काम देख रहे आगरा के डीएफ समेत चार पर कार्रवाई की संस्तुति की।

उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय से भी प्रशासन के साथ ही एमवीडीए और वन विभाग से जवाब मांगा गया। इसके बाद वन विभाग की गति में और तेजी आई। वन विभाग ने अंतरिम जमानत अर्जी खारिज करने के लिए जिला जज के न्यायालय में याचिका दायर कर दी। इधर, वन विभाग भी अब तक की गई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज रहा है। माना जा रहा है कि इस पूरे मामले में शासन स्तर से और भी कार्रवाई की जा सकती है। 

इनको भेजा गया जेल

शिवशंकर अग्रवाल उर्फ शंकर सेठ,गजेंद्र सिंह, विनोद वैष्णव, मुनेष सनी, नंदलाल, बाबूलाल, सुघर सिंह, रवि, बिजेंद्र, अवधेश शर्मा, हरिदास, मुबारिक, बनी सिंह, नवल सिंह, प्रवीन कुमार, अजय, रामवीर, ओमी उर्फ ओमप्रकाश, गोपाल, मुकेश सिंह, सोहन सिंह, रामू उर्फ राम प्रकाश, शहजाद, अयूब, आकाश, सुखराम, रामअवतार, मुश्ताक, मौसीम व शरीफ। 

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अब फरार 11 को तलाश जेल भेजेगी पुलिस

पेड़ों को काटने के मामले में 42 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ये सभी अंतरिम जमानत पर चल रहे थे। पिछले दिनों न्यायालय में हुई सुनवाई पर 11 आरोपित अनुपस्थित थे। इस बार भी आरोपित न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। इनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। पुलिस अब इन सभी को तलाश कर जेल भेजेगी।

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