श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर शरद पूर्णिमा महोत्सव, श्रीकेशवदेव चंद्रलोक में विराजमान होकर दर्शन देंगे श्रीकृष्ण
Sharad Purnima 2024 Maharas श्री कृष्ण जन्मस्थान पर शरद पूर्णिमा का पावन पर्व 16 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। भक्तों को रात 11.30 बजे तक प्रवेश मिलेगा। महारास का मंचन होगा और श्री गिरिराजजी की महाशयन आरती होगी। आयुर्वेद चिकित्सालय में श्वास रोगियों को खीर के साथ दवा का निशुल्क वितरण किया जाएगा। वृंदावन में ठाकुर राधा दामोदर मंदिर में कार्तिक नियम सेवा महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है।
जागरण संवाददाता, मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी। श्रीकेशव देवजी चंद्रलोक में विराजमान होकर दर्शन देंगे। तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक प्रवेश कर सकेंगे।
संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के तत्वावधान में श्रीकृष्ण सेवा मंडल, जन्मस्थान द्वारा बुधवार को शरद महोत्सव मनाया जाएगा।
सुबह होगा श्रीगिरिराज का अभिषेक
सुबह 8.30 बजे गो सेवा से शुभारंभ होगा और सुबह 9.30 बजे श्रीगिरिराज का अभिषेक होगा। 11.30 बजे से अन्नक्षेत्र प्रांगण में प्रसादी भंडारे का आयोजन होगा। शाम सात बजे से खीर प्रसाद का वितरण होगा। शाम पांच बजे से श्री गिरिराजजी मंदिर में अर्पित होने वाले दिव्य छप्पनभोग के दर्शन हाेंगे। उन्होंने बताया कि शाम चार बजे से श्रीकेशवदेव मंदिर को चंद्रलोक का स्वरूप प्रदान किया जाएगा।श्रीकेशवदेव महाराज का श्रीविग्रह दिव्य चंद्रलोक में विराजमान होगा
भगवान श्रीकेशवदेव महाराज का श्रीविग्रह दिव्य चंद्रलोक में विराजमान होगा। शाम सात बजे से रात 11.30 बजे तक मुरारीलाल तिवारी के निर्देशन में महारास का मंचन श्रीकृष्ण चबूतरा पर होगा। रात 11. 30 बजे श्रीगिरिराजजी की महाशयन आरती होगी। श्रद्धालुओं का प्रवेश रात 11.30 बजे तक हो सकेगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा संचालित आयुर्वेद चिकित्सालय प्रांगण में श्वास (दमा) के रोगियाें को बुधवार की मध्यरात्रि में खीर के साथ दवा का निश्शुल्क वितरण किया जाएगा। औषधि प्राप्त करने को मरीज बुधवार शाम पांच बजे से गेट नंबर एक के निकट आयुर्वेद चिकित्सालय में निश्शुल्क पंजीकरण करा सकते हैं।
राधादामोदर मंदिर में कार्तिक नियम सेवा आरंभ
ठाकुर राधादामोदर मंदिर में सोमवार को 34 दिवसीय कार्तिक नियम सेवा महोत्सव का शुभारंभ सांस्कृतिक आयोजनों के साथ हुआ। कार्तिक नियम सेवा करने के लिए देश दुनिया के भक्तों ने सुबह से शाम तक साधना, परिक्रमा व आरती दर्शन का नियम शुरू कर दिया।
सप्तदेवालयों में शामिल ठाकुर राधादामोदर मंदिर में सोमवार को शुरू हुए कार्तिक नियमसेवा में सेवायत आचार्य करुण गोस्वामी ने कहा कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहते हैं। इस पवित्र मास में ठाकुर राधा दामोदर लाल के विशेष दैनिक दर्शन होंगे। ठाकुरजी कभी मनिहारी स्वरूप, दान लीला रूप, मालिन भेष, राम स्वरूप, दाम वंदन लीला, नौका विहार व मयूर भेष धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। आचार्य कृष्ण बलराम गोस्वामी ने कहा मंदिर में देश दुनिया के हजारों भ्ज्ञक्त हरिनाम संकीर्तन, जप, दीपदान, परिक्रमा व मंगल आरती दर्शन कर नियम सेवा करेंगे। आचार्य पूर्ण चंद्र गोस्वामी ने कहा 14 अक्टूबर से 15 नवंबर तक कार्तिक मास नियम सेवा महोत्सव मनाया जाएगा। दो नवंबर को अन्नकूट 56 भोग तथा 12 नवंबर की शाम को तुलसी सालिग्राम विवाह होगा।
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