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Banke Bihari Mandir: वृंदावन में नंदोत्सव की धूम, बांकेबिहारी ने चांदी के सिंहासन पर बैठ भक्तों को दिए दर्शन

Banke Bihari Mandir Vrindavan News In Hindi नंद घर आनंद भैया जय कन्हैया लाल की.. की गूंज से गूंज उठा वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में सेवायतों और श्रद्धालुओं ने दर्शनार्थियों को जमकर उपहार लुटाए। ठाकुरजी ने जगमोहन में चांदी के सिंहासन पर बैठकर भक्तों को दर्शन दिए।

By Abhishek Saxena Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 28 Aug 2024 03:40 PM (IST)
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Mathura News: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का फाइल फोटो।

संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उनकी लीलाभूमि में उल्लास पूर्वक मनाई। ठाकुर बांकेबिहारी समेत दूसरे मंदिरों में रात बाहर बजे भगवान का पंचायमृत से महाभिषेक किया और बांकेबिहारी में वर्षभर में एकबार होने वाली मंगला आरती के दर्शन को देशभर के श्रद्धालु उमड़ पड़े।

बुधवार की सुबह जब मंदिर के पट खुले तो नंदोत्सव का उल्लास मंदिरों में देखने को मिला। मंदिरों में सेवायतों और श्रद्धालुओं ने दर्शनार्थियों को जमकर उपहार लुटाए, तो नंद घर आनंद भैया, जय कन्हैया लाल की.. की गूंज से मंदिर परिसर गूंजते रहे।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शुक्रवार की सुबह 7.45 बजे जब मंदिर के पट खुले तो नंदोत्सव की शुरुआत हुई। लेकिन, इससे पहले सेवायतों ने ठाकुरजी की श्रृंगार आरती की। श्रृंगार आरती खत्म होते ही नंदोत्सव का उल्लास शुरू हो गया। बांकेबिहारी मंदिर के साथ ही राधारमण मंदिर में भी पट खुलते ही नंदोत्सव की शुरुआत हुई। सेवायतों ने ठाकुरजी के प्रसादी फल, खजाना, वस्त्र, खिलाैने आदि जमकर लुटाए।

ठाकुरजी की प्रसादी पाने के लिए मची होड़

राधा दामोदर मंदिर में आयोजित नंदोत्सव में आचार्य कनिका प्रसाद गोस्वामी, दामोदर चंद्र गोस्वामी ने भक्तों को बधाई लुटाई। बधाई में खिलौने, बिस्कुट, टाफी, कपड़े, फल शामिल थे। मंदिरों में दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं को जब ठाकुरजी के प्रसादी उपहार लुटते नजर आए, तो वे भी पीछे नहीं रहे। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की एक-दूसरे को बधाई देने के साथ श्रद्धालुओं ने मंदिरों में लुटाए जा रहे उपहारों को लूटने में कसर नहीं छोड़ी। सुबह शुरू हुआ नंदोत्सव दोपहर तक चलता रहा। महिलाओं ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर बधाई गायन किया तो महिलाओं ने जमकर नृत्य किया।

सुबह हुआ नंदोत्सव

रात मंगला आरती के बाद सुबह नियत समय 7.45 बजे एकबार फिर से ठाकुर बांकेबिहारी ने जगमोहन में चांदी के सिंहासन पर बैठ भक्तों को दर्शन दिए, तो भक्त आल्हादित हो उठे। आराध्य की एक झलक पाने को भक्तों का उत्साह थमने का नाम नहीं ले रहा था। हालांकि मंदिर के अंदर और बाहर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती ने मंदिर में श्रद्धालुओं का ठहराव खत्म कर दिया।

भीड़ का दबाव ही बना। बल्कि श्रद्धालुओं को आराध्य बांकेबिहारी के बड़ी ही तल्लीनता से दर्शन का मौका मिला। मंदिर में सुबह नंदोत्सव हुआ तो सेवायतों व श्रद्धालुओं ने दर्शन को आ रहे भक्तों को उपहार लुटाए।

रात 9 बजे से मंगला आरती के दर्शन को सड़क पर ही बैठे रहे। लेकिन, पुलिस ने मंदिर तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी और न ही हमें मंगला आरती के दर्शन मिले। इस तरह की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। सालभर के इंतजार के बाद ये समय आता है और आरती न मिलने से मन दुखी है। -प्रशांत, दिलशाद गार्डन, दिल्ली।

छह घंटे सड़क पर इंतजार के बाद भी मंगला आरती के दर्शन नहीं मिले। ऐसी व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। हम कितनी उम्मीद लगाकर केवल मंगला आरती के लिए ही आए और इतना कष्ट सहन किया। फिर भी आरती दर्शन नहीं हुए। -मनोज राजपूत, रायपुर, छत्तीसगढ़।

जिस तरह आरती के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति मिली। इसी तरह लाइन से श्रद्धालुओं को आरती के समय भी प्रवेश देकर बाहर निकाला जा सकता था। लेकिन, छह घंटे तक कड़ी तपस्या के बाद भी बांकेबिहारी ने आरती दर्शन न दिए। -सरिता वेशरा, रायपुर, छत्तीसगढ़।

ठाकुर बांकेबिहारी के भक्तों के साथ इस तरह का छल जिसने भी किया, वह उचित नहीं है। हम केवल मंगला आरती दर्शन के लिए ही आए थे। भीड़ भी ज्यादा नहीं थी। बावजूद इसके हमें मंदिर तक भी नहीं पहुंचने दिया गया। -संगीता, दिल्ली।

हमारी बहुत दिनों से इच्छा थी ठाकुरजी की मंगला आरती दर्शन की। इसी लिए हम वृंदावन आए। लेकिन, प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की व्यवस्था ने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस तरह की व्यवस्था उचित नहीं। -प्रियंका, हल्दवानी, उत्तराखंड।

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