लाल सूटकेस में यमुना एक्सप्रेस वे पर युवती की लाश का खुला राज, सीने में मारी थीं दो गोलियां, कुबूला जुर्म
Body in Suitcase यमुना एक्सप्रेस वे के पास फेंका गया था सूटकेस। पुलिस की पूछताछ चली तो पिता और मां ने उगली पूरी बात। हत्या कर 18 घंटे घर में रखा बेटी का शव। प्रेम प्रसंग से परेशान थे। कार से दंपती फेंक गए थे बेटी का शव।
By vineet Kumar MishraEdited By: Prateek GuptaUpdated: Mon, 21 Nov 2022 09:48 AM (IST)
मथुरा, जागरण टीम। एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया कि स्वजन ने पूछताछ में बताया है कि आयुषी अक्सर घर से बिना बताए चली जाती थी, बदनामी होती थी, ऐसे में स्वजन उससे परेशान रहते थे। 17 नवंबर की अपराह्न करीब दो बजे आयुषी की मां ब्रजबाला ने उसे छत्रपाल से दूर रहने के लिए समझाया, इस पर वह मां से लड़ गई। ब्रजबाला ने नितेश को फोन कर घर बुला लिया। नितेश यादव घर पर आए और गुस्से में बेटी के सीने में गोली मार दी। छीनाझपटी के दौरान आयुषी के सिर और हाथ-पैर में भी चोट आई। इसके बाद नितेश बाजार गए और सफेद पालीथिन खरीदकर लाए। ब्रजबाला ने पति के साथ मिलकर पालीथिन के अंदर आयुषी के शव को पैक कर दिया। इसके बाद घर में रखे ट्राली बैग में शव बंदकर छिपा दिया।
ट्राली बैग लेकर कार से आए थे दंपती
18 नवंबर की सुबह तीन बजे दंपती अपनी फोर्ड फिस्टा कार से ट्राली बैग लेकर मथुरा के लिए चले। कार नितेश चला रहे थे और पत्नी पीछे ट्राली बैग के साथ बैठी थीं। दोनों आगरा-दिल्ली हाईवे से मथुरा पहुंचे। इसके बाद यमुना एक्सप्रेस वे के सर्विस रोड पर सुबह करीब 6.50 बजे ट्राली बैग सर्विस रोड पर रख दिया और यमुना एक्सप्रेस वे से होकर घर चले गए। राया पुलिस को ट्राली बैग में शव मिला तो उसकी खोजबीन शुरू की गई। सूचना पर पुलिस मोलड़बंद स्थित नितेश के घर पहुंची और पूछताछ की। रविवार देर शाम मां ब्रजबाला और आयुषी के भाई आयुष ने पोस्टमार्टम हाउस पर आकर पूछताछ की। एसपी सिटी ने बताया कि हत्या में प्रयुक्त सामान बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने खुद दंपती के खिलाफ हत्या और साक्ष्य मिटाने की रिपोर्ट दर्ज की है।
घटना के वक्त स्कूल गया था बेटा
जिस वक्त घटना हुई आयुषी का छोटा भाई आयुष स्कूल गया था। पुलिस ने बताया कि उसे स्वजन ने घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। घटना के समय नितेश के बुजुर्ग माता-पिता घर में थे, लेकिन वह भी इसके बारे में जान नहीं पाए। दिन भर घर में शव रखकर मां-पिता सुबह होने का इंतजार करते रहे।ये है मामला
18 नवंबर की दोपहर में सर्विस रोड पर एक लाल रंग का ट्राली बैग पुलिस को मिला था। ट्राली बैग में पालीथिन के अंदर पैक एक युवती का शव मिला। पुलिस उसकी खोजबीन कर रही थी, तभी रविवार को पता चला कि युवती बदरपुर क्षेत्र के मोलड़बंद की रहने वाली युवती आयुषी है। पुलिस युवती के घर पहुंची, तो पहले स्वजन ने फोटो देख युवती को पहचानने से इन्कार कर दिया। लेकिन युवती के छोटे भाई आयुष ने पहचाना। फिर पिता, मां और भाई को लेकर देर शाम पुलिस मथुरा आई। पिता को राया थाने में ही रोक लिया और मां और भाई को लेकर शव विच्छेदन गृह पहुंची, तो दोनों शव आयुषी यादव का ही होने की बात कही। आयुषी दिल्ली के एक कालेज में बीसीए की छात्रा था।
बैग में मिली थी लाल साड़ी
इंस्पेक्टर राया ओमहरि वाजपेयी ने बताया कि गोली मारने के बाद जब खून बहने लगा तो दंपती ने लाल साड़ी उसके चारों ओर बांध दी, इससे उसका खून उसने आ गया। बाद में ट्राली बैग में उस साड़ी को भी दंपती ने रख दिया।देवरिया ले जा रहे थे, रास्ता भटके तो सर्विस रोड पर रखा ट्राली बैग
राया थाना प्रभारी ओमहरि वाजपेयी ने बताया कि पूछताछ में नितेश यादव ने बताया कि वह बेटी के शव की अंत्येष्टि करना चाहते थे। वह उसे फेंकना नहीं चाहते थे। वह अपने गांव देवरिया के मगहरा जा रहे थे, आगरा-दिल्ली हाईवे से लखनऊ जाने के रास्ता खोजने के लिए छटीकरा से वृंदावन पहुंचे। इसके बाद यमुना एक्सप्रेस वे की ओर बढ़े तो रास्ता भटक गए। इधर, सुबह हो गई, उजाला होने के कारण दंपती डर गए और फिर सर्विस रोड पर ही ट्राली बैग रखकर चले गए।
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