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Mathura News: रेलवे बोर्ड का निदेशक बताकर ट्रेन में सफर कर रहा था व्यक्ति, चेकिंग में मिले फर्जी पास

Mathura Crime News Update खुद को रेलवे बोर्ड का निदेशक बता कर रहा एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से 15 फर्जी रेलवे पास प्रथम श्रेणी की टिकट 70 हजार नकद बरामद किए गए हैं। पहले अपना नाम रविंद्र पाण्डेय बताने वाला व्यक्ति ग्वालियर का रहने वाला रामगोपाल विश्वकर्मा निकला। झांसी से रेलवे का सेवानिवृत्त कर्मचारी होने की जानकारी आरपीएफ को मिली है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 03 Sep 2024 08:29 AM (IST)
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रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ ने चेकिंग स्टाफ के सहयोग से पकड़ा फर्जी रेलवे अधिकारी। फोटो सौ. रेलवे विभाग

जागरण संवाददाता, मथुरा। Mathura News: खुद को रेलवे बोर्ड का निदेशक बता फर्जी पास पर ट्रेन में सफर कर रहे एक जालसाज को सोमवार को आरपीएफ के सहयोग से मुख्य टिकट निरीक्षक की स्क्वायड ने जंक्शन रेलवे स्टेशन पर दबोच लिया। ग्वालियर के निवासी इस व्यक्ति के पास से प्रथम श्रेणी कोच में रेल सफर करने के 15 फर्जी पास, आईडी और 70 हजार रुपये बरामद हुए हैं। अब जीआरपी शातिर से पूछताछ कर रही है।

सोमवार को जंक्शन रेलवे स्टेशन पर ट्रेन संख्या 20403 प्रयागराज-लालगढ़ एक्सप्रेस में ड्यूटी कर रहे सीटीआई एमके भूटान, टीटीई सिद्धार्थ शंकर शर्मा को ट्रेन के एच-वन कोच में एक व्यक्ति संदिग्ध पास पर सफर करते मिला।

सूचना पर आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक अवधेश गोस्वामी भी पहुंच गए। पूछताछ में व्यक्ति ने खुद का नाम रविंद्र पांडेय और रेलवे बोर्ड का निदेशक बताया। उसके से पास से रेलवे के 15 फर्जी पास भी मिले। इसमें कुछ इस्तेमाल किए हुए थे, कुछ खाली थे।

असली नाम रामगोपाल विश्वकर्मा

आरपीएफ ने पूछताछ की तो पता चला कि उसका असली नाम रामगोपाल विश्वकर्मा निवासी शिवाजी नगर ठाथीपुर ग्वालियर है। बरामद पास में छह फर्स्ट क्लास एसी टिकट, दो टिकट, आठ प्रथम श्रेणी के पास शामिल हैं।

रेलवे बोर्ड के इंस्पेक्टर सुशील लहारिया ने बताया कि पकड़ा गया रामगोपाल अपने बारे में कुछ नहीं बता रहा है, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि वह झांसी में रेलवे में कर्मचारी था, कुछ वर्ष पहले सेवानिवृत्त हुआ है। उसके मोबाइल में रेलवे के कई अधिकारियों और टीटीई के नंबर मिले हैं।

स्टेशन निदेशक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। उसके विरुद्ध टीटी स्टाफ सिद्धार्थ शर्मा ने रिपोर्ट लिखाई है।

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दिखाता था प्रभाव पकड़ा गया रामगोपाल

अधिकारियों पर अपना प्रभाव दिखाता था। ये भी आशंका जताई जा रही है कि वह खुद को अधिकारी बताकर रेलवे में नौकरी का दिलाने झांसा देकर ठगी करता हो। अब इस पर जांच की जा रही है कि उसे पास कहां से मिलते थे, वह पास छपवाता था तो कहां से छपवा रहा था। 

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