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Fire In School Bus: हाईवे पर दौड़ रही थी डीपीएस स्कूल की बस, तभी अचानक हुआ कुछ ऐसा कि जान बचाकर कूदे 40 बच्चे, देखते ही देखते...

Mathura DPS School Bus Caught Fire Latest News IN Hindi घटना की जानकारी मिलने के बाद कई बच्चों के अभिभावक मौके पर पहुंचे और दिल्ली पब्लिक स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग करने लगे। धुएं का गुबार बनी बस में आग नहीं लगना लोगों में चर्चा का विषय रहा है। लोगों का कहना है कि अगर आग पकड़ लेती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

By jitendra kumar gupta Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 06 Apr 2024 06:44 PM (IST)
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Mathura News: डीपीएस बस बनी धुएं का गुबार, जान बचाने को कूदे 40 बच्चे
संसू, चौमुहां/मथुरा। आगरा-दिल्ली नेशनल हाईवे पर चौमुहां के पास बच्चों को घर छोड़ने जा रही दिल्ली पब्लिक स्कूल की चलती बस धुएं के गुबार से घिर गई। बस में धुआं देख बच्चों में चीख-पुकार मच गई। ड्राइवर को जब तक हाईवे किनारे लगाता, उससे पहले 40 बच्चों ने खिड़कियों से कूदकर जान बचाई। हादसे में कई बच्चे चोटिल हो गए।

अकबरपुर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस शनिवार दोपहर बच्चों को घर छोड़ने के लिए जा रही थी। सीएनजी की 51 सीटर बस में 40 बच्चे सवार थे। हाईवे स्थित आम्रपाली के समीप चलती बस से अचानक धुआं निकलने लगा। देखते ही देखते ही धुआं बढ़ने लगा। इससे बस में सवार बच्चों को घुटन होने लगी। बच्चे चीख-पुकार मचाने लगे। चालक-परिचालक भी घबरा गए। ड्राइवर के बस को हाईवे किनारे लगाने से पहले ही बच्चों ने खिड़कियों से कूदकर जान बचाई। अफरा तफरी में कई बच्चों के चोट भी लग गई। सूचना पर स्कूल प्रबंधन के साथ जैंत थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची।

दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य राहुल खन्ना ने बताया, साइलेंसर के पास कुछ कचरा जमा हो गया था। इसके कारण वह धुआं बनकर निकला है। वहीं जैंत थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया, स्कूली बस सीएनजी से चल रही थी। बस की फिटनेस की जांच आरटीओ से कराई जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल प्रबंधन की अभिभावकों से हुई नोंकझोक

दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस में हादसे की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में अभिभावक भी मौके पर पहुंच गए। यहां पर अभिभावकों की स्कूल प्रबंधन से नोंकझोक भी हुई। अभिभावकों का कहना था कि स्कूल प्रबंधन लापरवाह बना हुआ है। वाहनों की फिटनेस पूरी नहीं रहती है। खराब वाहनों से और वैधता समाप्त हुए वाहनों से बच्चों को स्कूल से ले जाया और छोड़ा जाता है, जो गलत है। अभिभावकों ने कहा, बस में आग लगती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

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अधिकांश स्कूलों में चल रहे वैधता समाप्त वाहन

जिले के अधिकांश स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के नाम पर व बच्चों को घर तक छोड़ने के लिए मोटी रकम ली जा रही है, लेकिन अधिकांश उन वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, जिनकी वैधता समाप्त हो चुकी होती है। निस्प्रोज्य वाहनों को कबाड़े की दर से खरीद कर यहां स्कूलों में डेंट-पेंट करके चलाया जाता है। कई बार एक ही वाहन के नंबर से कई वाहन चलते दिखाई दे जाते हैं। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर उचित कार्रवाई की मांग की हैं।

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आक्सीजन नहीं मिलने के कारण आग लगने से बची

मुख्य अग्निशमन अधिकारी एनपी सिंह ने बताया, आग लगने का मुख्य कारण आक्सीजन, फ्यूल और हीट होता है। सीएनजी बस में जहां से धुआं निकल रहा था। वहां पर आक्सीजन नहीं पहुंच पाई। अगर आक्सीजन मिल जाती तो बस आग की लपटों में बदल सकती थी। स्कूलों को बस की फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए। वरना कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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