Flood In Mathura: बाढ़ के बीच राहत भरी खबर, दो दिन में कम हो जाएगा यमुना का पानी, फंसे लोग शिविर में पहुंचाए
Mathura News In Hindi अगले तीन दिन में घटने लगा पानी फिर भी रहेगा खतरे के निशान से ऊपर। ओखला व ताजेवाला बैराज से छोड़े जाने वाले पानी में भी आई कमी। इधर गोकुल में पानी आने के बाद भी श्रद्धालुओं का आना जारी रहा। यहां श्रद्धालु मुख्य मार्ग से अंदर पहुंचे और आराध्य के दर्शन किए। शाम तक श्रद्धालुओं का आवागमन जारी रहा।
मथुरा, जागरण संवाददाता। ब्रजवासियों को फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। सोमवार को यमुना में जलस्तर बढ़ा, लेकिन अब आगे ये कम होगा। केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि सोमवार रात से ही जलस्तर कम होने लगेगा। ओखला और ताजेवाला बैराज से भी छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में कमी आई है। गोकुल बैराज से पानी अधिक मात्रा में आगरा की ओर छोड़ा जा रहा है। सोमवार को यमुना का जलस्तर 167.34 मीटर पहुंच गया। इससे हालात बेकाबू हो गए।
बाढ़ में फंसे हैं लोग
बाढ़ में बड़ी संख्या में लोग फंस गए। लेकिन केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, अब यमुना का जलस्तर कम होना शुरू हो जाएगा। सोमवार रात से ही जलस्तर कम होने लगेगा। इसका असर मंगलवार सुबह दिखाई देगा। धीरे-धीरे जलस्तर में कमी आ रही है। 20 जुलाई तक दी गई रिपोर्ट के मुताबिक, जलस्तर में काफी कमी आएगी। वेबसाइट के मुताबिक, 18 जुलाई की सुबह नौ बजे तक जलस्तर घटकर 167.20 मीटर रह जाएगा। सोमवार को ओखला बैराज से 99,188 क्यूसेक और ताजेवाला बैराज से 32,423 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ये पानी भी पहले छोड़े गए पानी से काफी कम है। 20 जुलाई तक जलस्तर 167 मीटर से घटकर 166 मीटर तक रह जाएगा।
शेरगढ़ और मांट में घटा जलस्तर
शेरगढ़ और मांट ब्लाक के गांवों में सोमवार को जलस्तर में एक से दो फीट की कमी आई है। शेरगढ़ का बाबूगढ़ गांव पूरी तरह पानी से घिरा है। यहां पर सोमवार को जलस्तर में करीब दो फीट की कमी आई है। इसी तरह मांट ब्लाक के छिनपारई गांव में पानी कुछ घटा है।
वंशीवट में डूबी कई कुटिया
यमुना का पानी वंशीवट में पहुंच गया है। यहां तीन दर्जन से अधिकारी कुटिया बनी हुई हैं, जिनमें संत रहते हैं। मांट तहसील की बाढ़ चौकी के प्रभारी मोहनसिंह व लेखपाल लोकेश यहां पहुंचे। एक कुटिया डूब चुकी थी। यहां के चार संतों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।