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Shri Krishna Janmabhoomi Case: अदालत में सुनवाई हुई पूरी, अहम है 16 फरवरी का दिन, आ सकता है निर्णय

Shri Krishna Janmabhoomi Case शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने भी अपना पक्ष रखा। वादी पक्ष ने कहा अभिलेखों में ईदगाह से पहले मंदिर होने के प्रमाण। ईदगाह के निर्माण में मंदिर के अवशेष इस्तेमाल किए गए। ईदगाह कमेटी ने कहा- चलने योग्य नहीं वाद।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Thu, 09 Feb 2023 07:54 AM (IST)
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Shri Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में सुनवाई हुई पूरी
मथुरा, जागरण टीम। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में वादी पक्ष ने बुधवार को सर्वे कराने की मांग के लिए कोर्ट में साक्ष्य पेश किए। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निदेशक रहे अलेक्जेंडर कनिंघम की पुस्तक के ‘आर्कोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया’ पुस्तक के हवाले से बताया गया कि ईदगाह के निर्माण में मंदिर के अवशेष इस्तेमाल किए गए। इन्हें मिटाने का प्रयास किया जा चुका है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने अगली तारीख 16 फरवरी निर्धारित की है। इसी दिन निर्णय भी सुनाया जा सकता है।

ईदगाह का सर्वे कराने की कर रहे मांग

अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह व राजेंद्र माहेश्वरी की अपील पर एडीजे षष्टम के न्यायालय में सुनवाई हुई। वादी पक्ष ने कहा कि हम पहले ईदगाह का सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं। कई पुस्तकों में ईदगाह के पहले मंदिर ही होने के प्रमाण हैं। स्थापत्य और वास्तु कला भी मंदिर होने का प्रमाण दे रही है।

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बुधवार को प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता नीरज शर्मा ने कहा कि सर्वे के लिए प्रार्थना पत्र देकर जून में साक्ष्य मिटाने की आशंका जताई गई थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ऐसे में यह प्रार्थना पत्र तो अपने आप निरस्त हो गया।

वादी पक्ष ने कहा कि यदि पहले सर्वे हो जाएगा और सारे साक्ष्य सामने आएंगे, तभी इस बिंदु पर सुनवाई आगे होगी। निचली अदालत को पहले सर्वे के बिंदु पर सुनवाई का आदेश दिया जाए। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने बताया कि दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई।

ईदगाह कमेटी ने कहा, सुनवाई योग्य नहीं वाद

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय के वाद पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रुचि तिवारी के न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कहा कि पहले वाद की पोषणीयता पर सुनवाई की जाए। ये वाद चलने योग्य ही नहीं है। इस मामले में 13 फरवरी की तिथि सुनवाई के लिए नियत की गई। एक अन्य मनीष यादव के वाद पर 17 फरवरी की तिथि नियत की गई। 

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