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बनाइये यूपी में रंगोत्सव का प्रोग्राम; विश्व प्रसिद्ध मथुरा की होली का कैलेंडर जारी, आज से इस दिन तक रहेगी रंगाें की धूम

Holi 2024 होली के आनंद में डूबेगा ब्रज आसमान होगा सतरंगी भगवान श्रीकृष्ण के आंगन में 20 मार्च को होगा रंगारंग होली का आयोजन ब्रज की होली के आनंद अनूठा है। देश-दुनिया के श्रद्धालु बरसाना नंदगांव गोकुल बलदेव जन्मस्थान की होली में शामिल होने आते हैं। आज से होली के आयोजन शुरू हो गए और होली का उत्साह सातवें आसमान पर है होली के दौरान आसमान सतरंगी हो जाएगा।

By Navneet Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 17 Mar 2024 10:11 AM (IST)
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Holi 2024: मथुरा में होलिका अष्टक के साथ शुरू हुए होली के आयोजन।
जागरण संवाददाता, मथुरा। होलिकाष्टक रविवार से लग रहे हैं। इसी के साथ ब्रज होली के आनंद में डूूब जाएगा। आसमान सतरंगी हो जाएगा। होली के प्रमुख आयोजन रविवार से शुरू हो जाएंगे। रविवार को बरसाना में लड्डू होली का आयोजन होगा।

ब्रज में वसंती पंचमी से ही होली के आयोजन शुरू हो जाते हैं। श्रद्धालु मंदिरों में रसिया गायन का आनंद ले रहे थे। अब ब्रज की प्रसिद्ध लठामार और अन्य होली शुरू हो जाएंगी। मंदिरों में भी होली के आयोजन की तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। भक्त ठाकुरजी के साथ होली खेलने को उत्सुक हैं।

होली के प्रमुख आयोजन

17 मार्च फाग महोत्सव नंदगांव, 17 मार्च लड्डू होली बरसाना, 18 मार्च लठामार होली बरसाना, 19 मार्च लठामार होली नंदगांव व रावल, 20 मार्च जन्मस्थान, ठा. बांके बिहारी, 21 मार्च को गाेकुल में छड़ीमार होली, 24 मार्च फालैन, 25 मार्च धुल्हेड़ी, 26 मार्च बलदेव, गांव जाब, मुखराई, 27 मार्च बठैन, गिडोह, 31 मार्च महावन, दो अप्रैल रंगजी मंदिर।

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विभिन्न होलियों के हाेंगे दर्शन, केशव वाटिका में होगा आयोजन

भगवान श्रीकृष्ण के आंगन में रंगारंग होली का आयोजन 20 मार्च को होगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर रंगारंग कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। स्वच्छ भारत, स्वस्थ्य भारत अभियान उत्सव का संकल्प होगा।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि लठामार होली का आयोजन 20 मार्च को होगा। सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। लठामार होली का आयोजन केशव वाटिका में ही किया जाएगा। सघन वृक्षावली से अच्छादित प्रांगण में लठामार होली का आयोजन अनूठा होगा। मंदिर, देवालयाें, धार्मिक स्थलाें से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत अभियान शुरू किया गया है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। लठामार होली आयोजन का संकल्प स्वच्छ भारत, स्वस्थ्य भारत होगा। श्रद्धालुओं को यह संदेश संकल्प रूप में कराया जाएगा। इस संदेश का प्रचार-प्रसार श्रीकृष्ण जन्मभूमि की रंगारंग लठामार होली के माध्यम से किया जाएगा। लठामार होली, होली के नृत्य, गायन आदि विधाएं स्वास्थ्य व स्वच्छता के लिए जागरूक करातीं हैं।

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संस्थान की प्रबंध समिति के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि श्रद्धालु परंपरागत होली के दर्शन प्राकृतिक वातावरण और आध्यात्मिक छटा के मध्य कर सकेंगे। वसंत पंचमी से प्रारंभ यह फाग महोत्सव चरम पर है। श्रीकृष्ण संकीर्तन मंडल द्वारा केशवदेव महाराज के समक्ष नित्य होली गायन और पुष्प होली का आयोजन किया जा रहा है।

गुलाल की वर्षा करते समय परिसर से आकाश इंद्रधुनषीय दिखाई देगा। लठामार होली में ग्राम रावल के सिद्ध हुरियारे-हुरियारिनाें के साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि के हुरियारे-हुरियारिनें भी इस दिव्य लठामार होली लीला में सहभागिता करेंगें। पोशाकों का निर्माण किया जा रहा है। टेसू पुष्प के रंग भक्ताें को प्रिया-प्रियतम के रंग से सराबोर कर होली के आनंद में दिव्य रस को प्राप्त कराएंगे।

रंग एवं गुलाल वर्षा के लिए स्वचालित यंत्राें का उपयोग भी किया जाएगा। सामान घराें पर कर्मचारियाें की संख्या बढ़ाई जाएगी । तीनाें द्वार से प्रवेश व निकास रहेगा। श्रद्धालु मोबाइल, इलेक्ट्रोनिक सामान आदि साथ न लाएं। किशोर भरतिया ने बताया कि प्रिया-प्रियतम ने इस पवित्र लीला का दर्शन स्वयं कराकर ब्रजवासियाें को परमानंद प्राप्त कराया था। लगभग 42 वर्ष से उसी आनंद के दर्शन ब्रजवासियाें के साथ विदेशी कृष्ण भक्त कर रहे हैं। नंदकिशोर अग्रवाल ने बताया कि रंगारंग लठामार होली में ब्रज के विभिन्न अंचलों में खेली जाने वाली होली के दर्शन होंगे। फूलाें की होली, मयूर नृत्य, गुलाल होली, रंग की होली, चरकुला नृत्य आदि के दर्शन होंगे।

यमुना घाट पर विराजमान होकर होली खलेंगे ठाकरजी

मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश के मीडिया प्रभारी एड. राकेश तिवारी ने बताया कि 17 मार्च को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक मंदिर के जगमोहन में ठाकुरजी को भावनात्मक रूप से यमुनाजी बनाकर पिचकारी से होली खिलाई जाएगी। ठाकुरजी स्वर्ण और रजत की पिचकारियों से होली खेलेंगे। प्रतिदिन सुबह 10 से 11 बजे तक होली खेलेंगे। 20 मार्च को ठाकुरजी कुंज में विराजमान होकर होली खेलेंगे। 22 मार्च को ठाकुरजी बगीचे में विराजमान होकर होली खेलेंगे। 25 मार्च को डोल महोत्सव के साथ सभी कार्यक्रमों का समापन होगा।

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