Holi 2023: बांकेबिहारी मंदिर में एक दिन पहले मनेगी होली, बसंत पंचमी से शुरू होता है चालीस दिन का उत्सव
Holi 2023 देश में 7 को होलिका दहन जबकि बांकेबिहारी मंदिर में 6 को होगा होलिका दहन की तिथि। काशी विश्वनाथ मंदिर के पंचांग के अनुसार मनेगी बांकेबिहारी मंदिर में होली। तीन मार्च को है रंगभरनी एकादशी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Tue, 14 Feb 2023 08:01 AM (IST)
संवाद सहयोगी, वृंदावन-मथुरा। होली के उत्सव का नाम आते ही लोगों की उमंग हिलोरें मारने लगती हैं। लेकिन, होली के पर्व पर दो तिथियों ने लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है। देशभर में होलिका दहन 7 को और धुलेंडी 8 मार्च को मनाई जाएगी। जबकि ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में होलिका दहन की तिथि 6 मार्च और धुलेंडी का उत्सव 7 मार्च को मनाया जाएगा। ऐसे में देशभर में होलिका दहन और धुलेंडी से एक दिन पहले ही ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दोनाें उत्सव मनाए जाएंगे।
एक दिन पहले होली खेलना हो जाएगा बंद
उत्सव की दो तिथियां होने के बाद भक्तों में असमंजस की स्थिति बन रही है। बांकेबिहारी मंदिर में एक दिन पहले होली खेलना बंद हो जाएगा, जबकि देशभर में 8 मार्च को जमकर रंगों की बरसात होगी।ब्रज के सबसे बड़े पर्व होली की शुरुआत ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में वसंत पंचमी से हुई। इसके बाद बरसाना की लठामार होली 28 फरवरी से ब्रज में होली का उल्लास सिर चढ़कर बोलेगा।
तीन मार्च को रंगभरनी एकादशी
बरसाना की लठामार होली के बाद बांकेबिहारी मंदिर में पांच दिवसीय रंगों की होली की शुरुआत रंगभरनी एकादशी 3 मार्च से होगी। इसके बाद ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में होलिका दहन की तिथि 6 मार्च और धुलेंडी 7 मार्च की सुबह मनाई जाएगी।ये भी पढ़ें...Agra: इंस्टाग्राम दोस्त की हो गई पत्नी, छोड़ा पति-दो बच्चों का परिवार, अब पति ने कर दिया साथ रहने को इन्कार
काशी विश्वनाथ मंदिर के पंचांग पर पर्व
मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी ने बताया चूंकि मंदिर में काशी विश्वनाथ मंदिर द्वारा तैयार पंचांग के अनुसार ही पर्व-उत्सव की तिथियां तय होती हैं और सूर्याेदय जिस तिथि में होता है, उत्सव उसी दिन मनाया जाता है। ऐसे में काशी विश्वनाथ के पंचांग के अनुसार इस बार मंदिर में होलिका दहन 6 मार्च की रात में और धुलेंडी का उत्सव 7 मार्च को सुबह उल्लास पूर्वक मनाया जाएगा।
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