Vrindavan Holi 2024: रंगों के गुबार में रंगीन हुई रसिया की धरती, बांकेबिहारी के आंगन में उड़ा गुलाल
Vrindavan Holi 2024रंगभरनी एकादशी पर रसिया की नगरी का चप्पा-चप्पा रंगीन हो गया। रंगभरनी एकादशी पर श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली वृंदावन में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पंचकोसी परिक्रमा करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिक्रमा मार्ग में रातभर राधारानी के जयकारे शुरू हुए जो लगातार जारी रहे। परिक्रमा मार्ग में जहां भी नजर पड़ी पूरे परिक्रमा मार्ग में भक्तों का भारी हुजूम ही नजर आ रहा था।
संवाद सहयोगी, वृंदावन। रंगभरनी एकादशी पर रसिया की नगरी का चप्पा-चप्पा रंगीन हो गया। आस्था का समंदर ऐसा कि जिधर भी नजर पड़ी, भक्तों की भीड़ का रेला मंदिर और परिक्रमा की ओर दौड़ता नजर आया। पंचकोसी परिक्रमा में मंगलवार की देर रात से शुरू हुआ आस्था का सैलाब बुधवार की देर रात तक अनवरत रूप से बना रहा।रंग गुलाल उड़ाते होली के रसिया की धुन पर नाचते-थिरकते भक्तों ने परिक्रमा पूरी की। सरकारी आंकड़ा मानें तो करीब दस से बारह लाख भक्तों ने पंचकोसी परिक्रमा की और लाखों भक्तों ने आराध्य बांकेबिहारी के आंगन में होली का आनंद लिया।
वृंदावन में उमड़ा आस्था का सैलाब
रंगभरनी एकादशी पर श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली वृंदावन में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पंचकोसी परिक्रमा करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिक्रमा मार्ग में रातभर राधारानी के जयकारे शुरू हुए जो लगातार जारी रहे। देशभर के अनेक शहरों से आए भक्तों की टोलियों में कहीं आडियो सिस्टम पर गाए जा रहे रसिया पर नाचते थिरकते और गुलाल उड़ाते भक्तों के उल्लास का ठिकाना न था तो कहीं राधारानी के जयकारे तो कहीं होली की हंसी ठिठोली का नजारा देखने को मिल रहा था।
परिक्रमा मार्ग पर भक्तों की भीड़
बुधवार की भोर से ही परिक्रमा मार्ग में जहां भी नजर पड़ी, पूरे परिक्रमा मार्ग में भक्तों का भारी हुजूम ही नजर आ रहा था। दिन चढ़ने के साथ भक्तों की भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा था। करीब 12 किलोमीटर परिक्रमा मार्ग के दायरे में कहीं भी पैर रखने तक को जगह नजर नहीं आ रही थी। तो मथुरा मार्ग, पानीगांव मार्ग, छटीकरा मार्ग से हजारों श्रद्धालु पैदल चलकर परिक्रमा में जुड़ते ही जा रहे थे।चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात
परिक्रमार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल की तैनाती की गई थी। ताकि किसी भी श्रद्धालु के साथ होली में किसी तरह की अभद्रता और अव्यवस्था न पनपने पाए। पूरे परिक्रमा मार्ग में लोगों के बस सिर ही सिर नजर आ रहे हैं। लोग गुलाल उड़ाते हुए परिक्रमा कर रहे हैं। परिक्रमा में भीड़ इस कदर है कि पैर रखने तक की जगह नहीं है।
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