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40 दिन बाद चला था प्लांट, स्टार्ट करते ही...; जानें इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में कैसे हुआ ब्लास्ट?

मथुरा में इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में मंगलवार देर शाम जोरदार धमाका हुआ था। रिफाइनरी के एड्रिकफेरिक वैक्यूम यूनिट में गैस रिसाव से तेज धमाके के साथ आग लग गई जिसमें 8 लोग झुलस गए। जांच में पता चला है कि नॉन रिटर्न वॉल्व में खराबी के कारण आग भड़की थी। रिफाइनरी में एड्रिकफेरिक वैक्यूम यूनिट को 40 दिन के शटडाउन के बाद स्टार्ट किया गया था।

By Jagran News Edited By: Sakshi Gupta Updated: Wed, 13 Nov 2024 05:42 PM (IST)
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नॉन रिटर्न वॉल्व में खराबी से भड़की थी रिफाइनरी में आग। (तस्वीर जागरण)
जागरण संवाददाता, मथुरा। मथुरा में इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में मंगलवार देर शाम जोरदार धमाका हुआ था। रिफाइनरी के एड्रिकफेरिक वैक्यूम यूनिट में गैस रिसाव से तेज धमाके के साथ आग लगने की खबर सामने आई थी, जिसमें 8 लोग झुलस गए थे। अब जांच में पता चला है कि नॉन रिटर्न वॉल्व में खराबी के कारण आग भड़की थी। रिफाइनरी में एड्रिकफेरिक वैक्यूम यूनिट को 40 दिन के शटडाउन के बाद स्टार्ट किया गया था। प्रथम दृष्टया प्लांट के सीडीयू कॉलम में नॉन रिटर्न वॉल्व की खराबी को ही आग का कारण बताया गया।

नॉन रिटर्न वॉल्व में खराबी से भड़की थी रिफाइनरी में आग

अब तक हुई जांच में पाया गया कि  हाइड्रोकार्बन भाप के साथ मिल गया। इसके कारण आग लग गई। उधर, आग की चपेट में आकर झुलसे दो अधिकारियों समेत आठ लोगों की हालत स्थिर है। तीन घायलों का इलाज दिल्ली अपोलो अस्पताल में किया जा रहा है। तीन अन्य कर्मियों को बुधवार सुबह फरीदाबाद रेफर किया गया है।

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रात भर दहशत में सो नहीं सके ग्रामीण

रिफाइनरी में आग लगने के बाद आसपास के क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में आ गए। धमाके की आवाज अभी भी लोगों के कानों में गूंज रही है। करीब तीन किमी. तक क्षेत्र में बसे गांवों में धमाके की आवाज से मकान तक हिल गए। ग्रामीण दहशत में रात भर सो न सके। उन्हें बार बार यही डर सताता रहा कि कहीं दोबारा हादसा न हो जाए।

बरारी गांव के बुजुर्ग सियाराम कहते हैं कि जब धमाका हुआ, वह घर के बाहर सो रहे थे। वह दहशत में आ गए। उन्हें लगा कि कहीं बम विस्फोट हुआ है। आधे से ज्यादा ग्रामीण डर के मारे खेतों पर पहुंच गए। एक घर में टीवी तक टूट गई।

40 दिन से बंद था प्लांट

रिफाइनरी में स्थित एड्रिकफेरिक वैक्यूम यूनिट में क्रूड ऑयल को फिल्टर किया जाता है। इस प्लांट में मरम्मत का कार्य चल रहा था। इसलिए 40 दिन से प्लांट बंद था।

मंगलवार शाम करीब सात बजे प्लांट फिर से शुरू करने की तैयारी थी। जैसे ही प्लांट शुरू किया गया। अचानक इसके वाल्व से गैस रिसाव होने लगा और देखते ही देखते तेज धमाके के साथ आग लग गई।

आग की लपटें बहुत तेज थीं

आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित रिफाइनरी के बाहर कई किमी तक वह दिखाई दे रही थीं। आग की चपेट में आकर वहां मौजूद प्लांट के प्रोडक्शन मैनेजर राजीव अग्रवाल के साथ ही प्रोडक्शन मैनेजर समीर श्रीवास्तव, कर्मचारी इरफान, हरिशंकर, मूलचंद, सत्यभान, संतोष, अजय शर्मा बुरी तरह झुलस गए।

उधर, रिफाइनरी की पीआरओ रेनू पाठक ने मंगलवार को ही धमाका होने से इनकार कर दिया था। उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

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