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Banke Bihari Mandir: बांकेबिहारी मंदिर में भारी भीड़ में निकल गई महिलाओं-बच्चों की चीख, मुश्किल हो रहे दर्शन

Banke Bihari Mandir वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ने वाली भीड़ श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत बन गई है। रविवार को हरियाणा के एक श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ गई जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। भीड़ में फंसने से कई बच्चों और महिलाओं की भी हालत खराब हो गई। मंदिर प्रशासन की लापरवाही के कारण दर्शन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।

By Vipin Parashar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 02 Sep 2024 01:51 PM (IST)
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Banke Bihari Mandir: बांकेबिहारी मंदिर में पहुंची भारी भीड़।
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर मेें श्रद्धालुओं को दर्शन सुलभ नहीं हो पा रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर व्यवस्था सुधरी, लेकिन इसके बाद फिर हालात बिगड़ गए। रविवार को भीड़ में फंसकर हरियाणा के एक श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें किसी तरह भीड़ से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

भीड़ में फंसे कई बच्चों और महिलाओं की भी चीख निकल गई। मंदिर के अंदर और बाहर गलियों में हालात ये हुए कि पैर रखने को भी जगह नहीं बची। यहां एक कदम भी बढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं को धक्का-मुक्की करनी पड़ी।

रविवार को अवकाश होने के कारण मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मंदिर सुबह निर्धारित समय पौने आठ बजे खुला, लेकिन उससे पहले ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर के बाहर गलियों में एकत्र हो गए। पट खुलते ही श्रद्धालु मंदिर के अंदर प्रवेश कर गए। एकदम से भीड़ अंदर पहुंची तो पैर रखने की भी जगह नहीं बची।

उपचार के बाद भेजा घर

बाहर भी दबाव बढ़ गया। दिन चढ़ने के साथ ही भीड़ बढ़ती रही। सुबह साढ़े दस बजे फरीदाबाद के सेक्टर-18 निवासी 75 वर्षीय हरिपद स्वजन के साथ दर्शन करके मंदिर के गेट संख्या चार से निकल रहे थे। इसी बीच वह भीड़ में फंस गए। उनकी तबीयत बिगड़ गई। स्वजन ने यहां पुलिसकर्मियों की मदद से किसी तरह उन्हें भीड़ से बाहर निकाला। स्वजन ने बताया कि वह काफी समय भीड़ में मंदिर के अंदर भी फंसे रहे, इससे हालत और बिगड़ गई। पुलिस ने एंबुलेंस से उन्हें जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया। यहां भर्ती कर उनका उपचार किया गया, इसके बाद उन्हें घर भेजा गया।

भीड़ में फंसे श्रद्धालु

इसके अलावा कई अन्य श्रद्धालुओं की भी हालत भीड़ में फंसकर खराब हुई। आगरा के सिकंदरा निवासी पूजा शर्मा अपने स्वजन के साथ मंदिर पहुंची थीं। दर्शन करने के दौरान भीड़ में फंसीं तो दम घुटने लगा। किसी तरह स्वजन ने उन्हें बाहर निकालकर राहत दी। दोपहर साढ़े 12 बजे यही हाल रहे। शाम को मंदिर के पट साढ़े पांच बजे खुले, लेकिन सुबह की अपेक्षा भीड़ में कोई कमी नहीं आई।

दो वर्ष में भी नहीं हो सकी दर्शन की व्यवस्था

संस, वृंदावन : ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ बढ़ती जा रही है, लेकिन दर्शन की व्यवस्था अब तक पटरी पर नहीं आ सकी है। वर्ष 2022 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती पर भीड़ अधिक होने से दो श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई। इसके बाद भी भीड़ में फंसकर कई श्रद्धालुओं की जान गई, लेकिन दर्शन के कोई ठोस इंतजाम नहीं हो पाए हैं।

ये हैं प्रमुख कारण

  • मंदिर परिसर का क्षेत्रफल करीब 36 सौ वर्गफीट है।
  • ठाकुर जी चार माह छोड़कर बाकी के आठ माह गर्भगृह के अंदर विराजमान होते हैं।
  • गर्भगृह में ठाकुर जी के दर्शन केवल 12 सौ वर्गफीट क्षेत्र में खड़े श्रद्धालुओं को ही हो पाते हैं। ऐसे में उनके दर्शन के लिए इसी क्षेत्र में अधिक श्रद्धालु आते हैं और भीड़ में फंस जाते हैं।
  • श्रद्धालु अंदर काफी देर तक खड़े रहते हैं। इससे बाहर भी भीड़ का दबाव बढ़ता है।
  • वीआईपी कटहरे में सौ रुपये की रसीद कटाकर दर्शन होते हैं। यहां से दर्शन करने की भी होड़ रहती है।
  • सेवायत अपने यजमानों को वीआईपी कटहरे में काफी देर तक खड़़ा रखते हैं।

निवारण

मंदिर में रेलिंग लगाकर उसके अंदर से श्रद्धालुओं को गुजारा जाए। अंदर श्रद्धालुओं का ठहराव पूरी तरह खत्म हो गए। एक रास्ते से वह अंदर आएं और दर्शन करते हुए दूसरे रास्ते से बाहर जाएं। इसके अलावा आनलाइन और आफलाइन पंजीकरण के जरिए दर्शन की व्यवस्था भी काफी कारगर होगी। हालांकि इस व्यवस्था को प्रार्थना पत्र प्रशासन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में दे रखा है। मंदिर के प्रशासक मुंसिफ मजिस्ट्रेट हैं, ऐसे में न्यायालय को ही निर्णय लेना है।

ये हैं जिम्मेदार

मंदिर में सेवायतों की संख्या ही करीब पांच सौ है। प्रत्येक सेवायत के यजमान आते हैं। लगभग सभी यजमान वीआइपी दर्शन करना चाहते हैं। उन्हें ऐसे दर्शन कराने में भी मंदिर के अंदर आपाधापी का माहौल बनता है। सेवायत मंदिर के अंदर अपनी गद्दी लगाते हैं, इससे भी काफी जगह घिर जाती है।

अब तक हुए हादसे

  • 27 अप्रैल 2009-कानपुर निवासी रमा माहेश्वरी की भीड़ के दबाव में मृत्यु।
  • 21 जुलाई 2012- दिल्ली के शकरपुर निवासी देशराज की भीड़ के दबाव में तबीयत बिगड़ी, मृत्यु।
  • 12 फरवरी 2022 -गाजियाबाद निवासी लक्ष्मण सिंह की भीड़ के दबाव में मृत्यु। 12 मार्च 2022 -मुंबई निवासी मधु अग्रवाल की भीड़ के दबाव में हृदयाघात से मृत्यु।
  • 19 अगस्त 2022- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुई भगदड़ में नोएडा निवासी 48 वर्षीय निर्मला देवी और मध्यप्रदेश निवासी 65 वर्षीय रामप्रसाद विश्वकर्मा की मृत्यु।
  • 19 मार्च 2024- भीड़ के दबाव में मुंबई निवासी 68 वर्षीय सुनील मागो की मृत्यु। 18 अगस्त 2024-भीड़ के दबाव में दम घुटने से हरियाणा के कुरुक्षेत्र के गांव शाहाबाद निवासी 65 वर्षीय मामचंद सैनी की मृत्यु।

ये कहते हैं लोग

मंदिर में भीड़ का दबाव बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पुलिस के बैरियर हैं। पुलिस के बैरियर हटा दिए जाएं और मंदिर के अंदर ठहराव खत्म कर दिया जाए। भीड़ का दबाव नहीं मिलेगा और राहत से दर्शन होंगे। -पंकज शर्मा, स्थानीय निवासी।

जब भीड़ अधिक होती है तो घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। बच्चे स्कूल नहीं जा सकते। हमें जरूरी सामान खरीदने को जाना हो तो पुलिस को अपना परिचय पत्र दिखाना पड़ता है। इससे निजात जरूरी है। राजकुमार अरोड़ा, स्थानीय निवासी।

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