Janmashtami in Mathura: रात भर श्रद्धालुओं का जमावड़ा, सड़कों पर ही चादर बिछाकर सो गए भक्त
Janmashtami in Mathura- गुरुवार को सूरज की किरणें बिखरने से पहले ही श्रद्धालुओं की भीड़ टोलियों में जन्म स्थान की ओर बढ़ने लगी। हाल ये हुआ कि शाम होते-होते लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए। किसी मार्ग पर पैर रखने की जगह भी नहीं बची। दो दिन में 40 लाख से अधिक श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
By vineet Kumar MishraEdited By: Shivam YadavUpdated: Fri, 08 Sep 2023 02:10 AM (IST)
मथुरा, जागरण संवाददाता: ये आराध्य भगवान श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम और अगाध आस्था थी। उनके जन्म के उत्सव का साक्षी बनने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु बुधवार को ही उनकी नगरी पहुंच गए।
गुरुवार को सूरज की किरणें बिखरने से पहले ही श्रद्धालुओं की भीड़ टोलियों में जन्म स्थान की ओर बढ़ने लगी। हाल ये हुआ कि शाम होते-होते लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए। किसी मार्ग पर पैर रखने की जगह भी नहीं बची। दो दिन में 40 लाख से अधिक श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
जन्मोत्सव का साक्षी बनने के लिए हर श्रद्धालु व्याकुल रहा। रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टेशन पर स्थिति ऐसी रही कि यहां पैर रखने की भी जगह नहीं बची। बुधवार रात दर्शन को आए श्रद्धालुओं को जब होटल और गेस्ट हाउस में कमरे नहीं मिले तो सड़क के फुटपाथ और डिवाइडर पर ही सो गए।
गुरुवार सुबह आंख खुली तो फिर कान्हा के मंदिरों में दर्शन के लिए चल दिए। दोपहर में स्थिति ऐसी बन गई कि हर सड़क पर पैर रखने की जगह नहीं थी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के साथ ही द्वारकाधीश मंदिर में श्रद्धालु पहुंचे। यहां पर आराध्य के दर्शन किए। जन्मस्थान जाने वाले हर रास्ते पर श्रद्धालु बढ़ते ही जा रहे थे।
पुलिस ने जाम से बचने के लिए भूतेश्वर चौराहा और मसानी चौराहा से ही वाहनों का प्रवेश रोक दिया। शाम पांच बजे तक जन्म स्थान और उसके आसपास सड़कों पर मानव श्रृंखला सी बन गई। शाम को जन्म स्थान परिसर के अंदर भी लीला मंच पर हो रही लीलाएं देखने के लिए श्रद्धालु जुटने लगे। ऐसे में बाहर प्रवेश के लिए लंबी लाइन लगी रही। आधे से एक घंटे तक श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए इंतजार करना पड़ गया।
बसों से पहुंचे श्रद्धालु, खुद बनाया भोजन
हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली से बसों से श्रद्धालु जन्माष्टमी पर पहुंचे। यहां श्रद्धालुओं ने धौली प्याऊ, महोली रोड, माल गोदाम रोड, पुराना बस स्टैंड, छावनी रेलवे स्टेशन मार्ग पर सड़क के किनारे और मैदानों में बसें खड़ी कर दीं और यहीं सड़क किनारे खुद खाना बनाया। इसके बाद मंदिरों में दर्शन के लिए निकल पड़े। रात डेढ़ बजे जन्म स्थान के दर्शन बंद हुए, तो सड़कों और फुटपाथों पर फिर चादर बिछाकर श्रद्धालु सो गए। चालीस लाख से अधिक श्रद्धालु दो दिन में पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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