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Karwa Chauth 2022: चांद तो चमकेगा पर मथुरा के इस गांव में सुहागिन नहीं रखेंगी व्रत, 150 साल पुराना है नाता

Karwa Chauth 2022 गुरुवार को करवाचौथ का चांद आसमान पर चमकेगा लेकिन सामाजिक रूढ़वादिता के बंधन में बंधी चांदनी पर मायूसी ही छाई रहेगी। मथुरा के कस्बा सुरीर के एक मुहल्ले में ठाकुर समाज के सैकड़ों परिवारों की सुहागिनें इस बार भी करवाचौथ का व्रत नहीं करेंगी।

By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Wed, 12 Oct 2022 05:03 PM (IST)
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Karwa Chauth 2022: सुहागिनें इस बार भी करवाचौथ का व्रत नहीं करेंगी।
मथुरा, जागरण टीम। करवा चौथ के चांद का दीदार करने के लिए देश में महिलाएं तैयारी कर रही हैं। सोलह श्रृंगार कर अपने अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना के लिए बेताब हैं। करवाचौथ के पूरे दिन सुहागिनें उपवास रखकर चंद्रमा की पूजा कर व्रत तोड़ती हैं। वहीं मथुरा का एक एेसा गांव जहां सुहागिनें व्रत नहीं रखती हैं। सैकड़ों परिवार की सुहागिनें इस गांव में सती के श्राप के कारण करवा चौथ की पूजा नहीं करती हैं। ये गांव है मथुरा जिले का सुरीर। पढ़िए आखिर क्या है इस गांव में व्रत न रखने के पीछे की कहानी...

करवाचौथ न मनाने के पीछे है ये कहानी

यूपी के मथुरा जिले के सुरीर में करवाचौथ न मनाने के पीछे एक कहानी है। करीब डेढ़ सौ वर्ष पहले गाव रामनगला (नौहझील) का युवक अपनी पत्नी को ससुराल से गौने की विदा कराकर सुरीर के रास्ते भैंसा-बुग्गी से गांव लौट रहा था। तभी सुरीर में कुछ लोगों ने भैंसा-बुग्गी रोक ली और बुग्गी में लगा भैंसा अपना बताते हुए विवाद खड़ा कर दिया। झगड़ा इतना हुआ कि इस विवाद में युवक की हत्या हो गई। अपने सामने पति की मौत से कुपित नव विवाहिता मुहल्ले के लोगों को श्राप देते हुए सती हो गई।

करवाचौथ पर सती का श्राप मानकर नहीं रखा व्रत

इस घटना के बाद मुहल्ले में अनहोनी शुरू होने लगी। इसे सती का श्राप कहें या बिलखती पत्नी के कोप कहर, यहां कई नव विवाहिताएं विधवा हो गईं। इसे देखते हुए बुजुर्गेां ने इसे सती का श्राप मान लिया और गलती के लिए क्षमा मांगी। तभी से यहां की कोई महिला करवा चौथ मनाना तो दूर, इस दिन पूरा श्रृंगार भी नहीं करती है। घटना के बाद से गांव रामनगला के ग्रामीण सुरीर में खाना तो दूर, पानी तक नहीं पीते।

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करवा चौथ पर चांद का दीदार की थी तमन्ना

मुहल्ला वघा निवासी विवाहिता पूजा कहती हैं कि शादी के बाद करवाचौथ पर निर्जला व्रत एवं सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार करने की तमन्ना थी। ब्याह कर आए तो यहां की इस बंदिश का पता चला।

विवाहिता रेखा का कहना है कि शादी के बाद इस त्योहार से परहेज की बात सुनी तो मनमसोस कर रह गईं। विवाहिता रुक्मिणी ने बताया कि इस अजब बंदिश की वजह से कभी व्रत नहीं रख पाई हैं।

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विवाहिता सपना ने बताया कि करीब दस वर्ष पहले उसकी शादी हुई थी। पहले करवा चौथ पर सुहाग की सलामती को व्रत रखने की मन में बड़ी इच्छा व उत्साह था, लेकिन बंदिशों के चलते त्योहार न मनाने की कसक आज तक है।

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