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मथुरा में राज्यपाल आरिफ खान बोले- 'मानव सेवा ही माधव सेवा, मदद कर केरल को अहसास दिलाएं देश साथ खड़ा है'

Kerala Governor Arif Mohammad Khan In Mathura केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान गोवर्धन में आए थे। यहां उन्होंने संस्कृत में श्रीकृष्ण और शिव का किया गुणगान तो पूर्व राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन और स्वामी विवेकानंद की याद दिलाई। वायनाथ में भूस्खलन से हुइ मौतों के बाद वहां राहत और बचाव कार्य जारी है। राज्यपाल ने कहा सभी को सामर्थ्य अनुसार केरल की मदद करनी चाहिए।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 04 Aug 2024 03:28 PM (IST)
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Mathura News: केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान।

संवाद सूत्र, जागरण, गोवर्धन/मथुरा। Mathura News: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि केरल में भूस्खलन से तमाम मौतें हुई हैं, जनजीवन प्रभावित है। आप सभी दो रुपये, पांच रुपये अथवा अपनी सामर्थ्य अनुसार मदद करें। जिससे केरलवासियों को लगे कि दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। मानव सेवा ही माधव सेवा है।

राज्यपाल ने श्रीकृष्ण, शिव, स्वामी विवेकानंद व पूर्व राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के उदाहरण दिए और संस्कृत के श्लोक सुनाकर ब्रज वासियों का दिल जीत लिया। वे ग्रेटर नोएडा और महाराष्ट्र की गोवर्धन भंडारा समिति के धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने गोवर्धन आए।

गोवर्धन के गिरिवर निकुंज पहुंचे राज्यपाल

रविवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान गोवर्धन भंडारा समिति के कार्यक्रम में भाग लेने गोवर्धन के गिरिवर निकुंज पहुंचे। उनको गार्ड ऑफ ऑनर से सलामी दी गई। इसके बाद उन्होंने गोवर्धन भंडारा समिति के मंच से बोलते हुए कहा कि नर का किसी भी रूप में अपमान न करना, फिरता है यहां नारायण वेश बदलकर। आमंत्रण किसी का हो, गोवर्धन जी महाराज चाहते हैं तभी यहां पहुंचते हैं।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, कि बीती रात ही केरल पहुंचना था परंतु गोवर्धन महाराज की कृपा से उनकी भूमि पर पहुंचना उनका सौभाग्य है। धर्म और सेवा से समाज का उत्थान हो सकता है। स्वामी विवेकानंद के दो ही आदर्श थे, पहला त्याग और दूसरा सेवा। ब्रजभूमि से श्रीकृष्ण द्वारका गए। दक्षिण में उनके साक्ष्य नहीं मिलते परंतु वहां भक्ति की पराकाष्ठा है। एक भक्त कहते हैं कि जाप शिव का करता हूं और मन श्रीकृष्ण में चला जाता है।

भारत की संस्कृति बेहद खूबसूरत

राज्यपाल ने कहा, मनीषियों ने सबका सार श्रीमद्भागवत गीता बताया है। भारत की संस्कृति बहुत खूबसूरत है। 16 साल से भूखों को भोजन और प्यासे को पानी पिलाने वाले भंडारा समिति के आयोजक मनोज गोयनका, विनय सिंघल, सेवाधाम आश्रम उज्जैन के संचालक सुधीर गोयनका, नवलेश दीक्षित, समाजसेवी प्रमोद कसेरे सहित तमाम सेवाभावियों का स्वागत भी किया। उनकी सेवा की भूरि भूरि प्रशंसा की। सुधीर गोयनका को उन्होंने बुके भी भेंट कर कहा कि, भले ही वे उम्र में बड़े हैं, परंतु सुधीर के कार्यों को देखकर उनके पैर छूते हैं। सेवा समिति ने वायनाड के लोगों की मदद को 5.11 लाख रुपए भेंट किए।

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कार्यक्रम से पहले और समापन पर राष्ट्रगान हुआ।

केरल के राज्यपाल का स्वागत करने वालों में विधायक ठाकुर मेघश्याम सिंह, चेयरमैन प्रतिनिधि मनीष लंबरदार, सुनील गोयनका, मनोज सिंघल, संजय सिंह, सियाराम शर्मा, ठाकुर परशुराम, रामधन पहलवान, श्रीकांत, पंकज मुखिया आदि तमाम लोगों ने स्वागत किया।

शालीनता और धर्म पर पकड़ से दिल को छू गए महामहिम

सबका बार−बार हाथ जोड़कर अभिवादन और संस्कृत में बोलकर उन्होंने उपस्थित लोगों के दिल को जीत लिया। उन्होंने दो भक्तों के उदाहरण दिए तो तालियों ने रुकने का नाम नहीं लिया। राज्यपाल ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लिखा है कि एक 15 साल की बच्ची भगवान से प्रार्थना करती है कि आपका घर रत्नों से भरा समंदर है। खुद लक्ष्मी आपकी पत्नी है। मैं क्या दूं। ब्रज की गोपियों ने मन चुरा रखा है, वो आपके पास नहीं है। मैं अपना मन अर्पित करती हूं। वहीं दक्षिण भारत में शैव्य संप्रदाय मजबूत है, एक भक्त कहते हैं, जप शिव का करता हूं, मन कृष्ण में चला जाता है। कृष्ण भक्ति के इस भाव को सुनकर पांडाल तालियों से गूंज उठा।