श्रीकृष्ण जन्मस्थान विवाद में नया मोड़, शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग को लेकर एक और याचिका; भेजा जाएगा हाईकोर्ट
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में एक और वाद दायर किया गया है। लखनऊ और देवरिया के दो लोगों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक नया वाद दायर किया है जिसमें शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की गई है। वाद में 1967 के समझौते को चुनौती दी गई है। कहा गया है कि औरंगजेब ने ठाकुर केशवदेव मंदिर को तोड़कर शाही मस्जिद ईदगाह बना दी थी।
जागरण संवाददाता, मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में बुधवार को एक और वाद दायर हुआ। सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में दायर वाद में शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की गई। वाद स्वीकार करते हुए न्यायालय से इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजा जाएगा। इसे मिलाकर अब तक 19 वाद इस मामले में दायर हो चुके हैं।
1967 में हुए समझौते को चुनौती
लखनऊ के सरोजनी नगर निवासी प्रशांत राव कंधोराय और देवरिया के उमानगर के रहने वाले ब्रजेश तिवारी ने इस वाद में ठाकुर केशवदेव महाराज को मुख्य वादी बनाया है। खुद को उनका मित्र बताया है। प्रशांत राव कंधोराय ने बताया कि वाद में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और ईदगाह कमेटी के बीच 1967 में हुए समझौते को चुनौती दी गई है।
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ईदगाह में भगवान कृष्ण का मूल गर्भगृह
कहा कि भूमिका असली मालिक श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट है। इसलिए ये समझौता अवैध है। कहा कि औरंगजेब ने पूर्व में ठाकुर केशवदेव मंदिर को तोड़कर वहां शाही मस्जिद ईदगाह बना दी थी। उसी ईदगाह में भगवान कृष्ण का मूल गर्भगृह है।
ठाकुर केशव देव महाराज को सौंपने की मांग
उन्होंने उस स्थान को कब्जा मुक्त कराकर ठाकुर केशव देव महाराज को सौंपने की मांग की। कहा कि हमें इस स्थान पर पूजा करने की अनुमति दी जाए। इसमें शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया है।यह भी पढ़ें- Banke Bihari Mandir: वृंदावन में नंदोत्सव की धूम, बांकेबिहारी ने चांदी के सिंहासन पर बैठ भक्तों को दिए दर्शन
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