Krishna Janmashtami 2023: वृंदावन के इस मंदिर में केवल एक दिन होती है मंगला आरती, दर्शन को भक्तों ने डाला डेरा
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर बांकेबिहारी मंदिर में तय समय से करीब आधा घंटे पहले मंदिर के पट बंद कर दिए लेकिन भक्तों ने मंदिर के बाहर डेरा डाल लिया। चूंकि ठा. बांके बिहारी की साल में एक ही दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मंगला आरती होती है तो बांके बिहारी के भक्त इस विलक्षण पल का साक्षी बनने को पूरी रात जागकर आरती का इंतजार करने मंदिर के आसपास डेरा डाल लिया।
वृंदावन, संवाद सहयोगी: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर ठा. बांकेबिहारी मंदिर में तय समय से करीब आधा घंटे पहले मंदिर के पट बंद कर दिए, लेकिन भक्तों ने मंदिर के बाहर डेरा डाल लिया। चूंकि ठा. बांके बिहारी की साल में एक ही दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मंगला आरती होती है, तो बांके बिहारी के भक्त इस विलक्षण पल का साक्षी बनने को पूरी रात जागकर आरती का इंतजार करने मंदिर के आसपास डेरा डाल लिया।
हालांकि, इस बार मंगला आरती के लिए सभी श्रद्धालुओं को मंदिर में एंट्री प्रतिबंधित है। केवल गोस्वामी समाज, सेवा अधिकारी के यजमान और वीआईपी ही मंदिर में मंगला आरती के दर्शन करेंगे। इससे पहले मंदिर में रात बारह बजे आराध्य का महाभिषेक हुआ।
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प्रतिदिन नहीं होती मंगला आरती
ठा. बांके बिहारी मंदिर में परंपरा के अनुसार, दूसरे मंदिरों की तरह प्रतिदिन मंगला आरती नहीं होती। इसके पीछे के कारण पर मंदिर सेवायतों की मानें तो ठाकुर जी रात में दो बजे तक निधिवन राज मंदिर में राधारानी और ब्रज गोपियों संग नित रास रचाते हैं और रात दो बजे मंदिर पहुंचकर विश्राम करते हैं। इसलिए ठाकुरजी को विश्राम में बाधा उत्पन्न न हो, इसलिए आराध्य की मंगला आरती नहीं की जाती है।
12 बजे होता है महाभिषेक
चूंकि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर रात में आराध्य का 12 बजे महाभिषेक होता है, तो ठाकुर जी निधिवन राज में रास रचाने नहीं जाते। इसलिए श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर ही साल में एक दिन ठाकुर जी की मंगला आरती होती है। इस मंगला आरती दर्शन को लाखों भक्त रातभर सुबह 1.55 बजे के उस क्षण का इंतजार करेंगे। आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे, जो सुबह तक दर्शन का लाभ लेंगे।