जन्माष्टमी पर वृंदावन पहुंचे कुमार विश्वास, मिट्टी में लोटपोट करते आए नजर; ब्रज दर्शन कर मांगी मनौती
कवि डॉ. कुमार विश्वास ब्रज भ्रमण पर हैं। वह विभिन्न तीर्थ स्थानों पर दर्शन कर रहे हैं। उन्होंने गोकुल महावन के रमणरेती आश्रम में गुरु शरणानंद से आशीर्वाद लिया और रमण बिहारी के दर्शन किए। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे ब्रजरज में लोटपोट कर मनौती मांगते दिख रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर वे अपने-अपने श्याम कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
दरअसल कवि कुमार विश्वास ने रमण बिहारी के दर्शन किए और ब्रजरज में लोटपोट कर मनौती मांगी। इस दौरान लिया गया फोटो- वीडियो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से साझा किया। जिसके बाद से वीडियो तेजी से प्रसारित होने लगी।
बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर कवि कुमार विश्वास रविवार को कृष्णनगरी में
हरेकृष्णा आर्चिड में चल रहे
'अपने-अपने श्याम' कार्यक्रम में पहुंचे। रविवार को शुरुआत रियलिटी शो स्वर्ण स्वर भारत के गायकों के भजनों के साथ हुई। श्रोताओं की भीड़ से भरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट से कार्यक्रम स्थल गूंज उठा।
राष्ट्रकवि डॉ. कुमार विश्वास ने कहा भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र ऐसा है कि वे किसी के वश में नहीं आते। भगवान के अवतार को न केवल ब्रजवासी बल्कि प्रकृति भी बड़ी उम्मीद लगाए थी। यही कारण था कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के कारागार में अवतार लिया तो देवकी-वासुदेव के बंधन खुल गए और दरबारी भी गहरी नींद में सो गए।
सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट की गूंज
इतना ही नहीं, घनघोर वर्षा और उफनती यमुना में रास्ता देने के लिए प्रकृति भी मथुरा और गोकुल के रास्ते में सहायक बन गई। ऐसे प्रभु श्रीकृष्ण ने जब इंद्र का मान नष्ट किया तो उन्होंने अपनी सत्ता का अहसास दिला दिया।
मंच पर आए राष्ट्रकवि डॉ. कुमार विश्वास ने आज के युग में कृष्ण के कथा की वैज्ञानिक व्याख्या भी समझाई। कहा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं सारी दुनिया को बहुत सहजता से सम्मोहित कर लेती हैं। ब्रजभाषा के कई छंदों के माध्यम से कृष्ण के विद्रोही स्वरूप का दर्शन करवाया।
कहा लोक के आनंद की गेंद अगर अनाचार के चंगुल में फंसतीं हैं तो अपने युग के हर नायक का यह प्रथम कर्तव्य है कि वह दुष्ट कालिया को दंड करके लोक का आनंद सुनिश्चित करे।
बोले कृष्ण की कथा यह सिखाती है कि प्राकृतिक संसाधनों का वितरण न्यायोचित होना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण व राधा के प्रेम संबंधों पर अनेक छंद के साथ अपनी एक प्रसिद्ध मुक्तक सुनाते हुए कहा कि यदि पुकार राधा जैसी हो कृष्ण अवश्य आएंगे।
पारंपरिक धार्मिक कथाओं से अलग अनेक प्रसंगों की तार्किक व वैज्ञानिक व्याख्याओं से सभागार में बैठे श्रोता आनंद से भरे नजर आए। समापन उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों पर केंद्रित अपने प्रसिद्ध गीत कन्हैया कन्हैया से किया। इस पूरे गीत में श्रोता कन्हैया कन्हैया के धुन पर झूमते रहे।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी ने भी भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित अपने अपने श्याम कार्यक्रम का आनंद लिया।
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