लीलाधर की लीला देखने लड्डू गोपाल भी साथ लाए
मथुरा: ये कान्हा से प्रीत का सवाल है। हर पांव कान्हा की नगरी की ओर बढ़ रहा है। रेलवे जंक्शन का नजारा देखने लायक है। हाथ में लड्ड़ू गोपाल और कदम श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर बढ़ रहे हैं। गुरुवार को शाम गहराने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ भी ट्रेनों में बढ़ गई।
सोनीपत के एपएक्स ग्रीन सेक्टर आठ की निवासी संगीता अपने पुत्र वंश और पुत्री खुशी के साथ मथुरा रेलवे जंक्शन पर उतरी। वह घर से लड्डू गोपाल को भी टोकरी में नई पोशाक पहनाकर लाला के दर्शन कराने साथ ले आईं। उनका कहना था, घर से जब माता-पिता धार्मिक यात्रा पर आते हैं, तब बच्चे को घर नहीं छोड़ते हैं। लड्डू गोपाल भी छोटे हैं। वह घर अकेले नहीं रह सकते हैं। इसलिए उनको भी साथ दर्शन कराने लेकर आईं। यह भाव सुनीता का अकेले का नहीं है। दिल्ली के दिलशाद गार्डन की अनु देवी भी लड्डू गोपाल को टोकरी में विराजमान कर पैदल-पैदल ही रेलवे जंक्शन से श्रीकृष्ण जन्मभूमि की ओर जा रही थीं। उनके साथ उनका परिवार भी था। राधे-राधे का जयघोष करते स्टेशन से बाहर आईं। अनु देवी कहती हैं, जब वह आ गई तो उनके लड्डू गोपाल भी साथ आएंगे। उनको अकेले तो नहीं छोड़ा जा सकता है। गुजरात के आनंद जिले से अपने परिवार के साथ आए जग्गाभाई नाकनचंद पटेल की बिटिया राम्या भी अपने लड्डू गोपाल के साथ स्टेशन के बाहर खुश नजर आई। वह कभी लड्डू गोपाल को निहारतीं, तो कभी नजर उस राह की तरफ दौड़ती, जो लाला की जन्मस्थली की ओर जाती है। पहली बार यहां आए पटेल परिवार का कहना था, यहीं तो योगेश्वर ने जन्म लिया। उनकी जन्मभूूमि पर उनके ही जन्म के दर्शन करके वह निहाल हो जाएंगे। बस, इसी भाव से वह यहां आए हैं। उनका कहना है कि यहां की भूमि का कण-कण पावन पवित्र है। भगवान श्रीकृष्ण ने उनको अपनी जन्मभूमि पर बुलाया तो वह घर का ताला लगाकर यहां चले आए। आगरा कैंट रेलवे कालोनी के सुमित अपनी मां मधु और परिवार के अन्य सदस्यों के संग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाने के लिए लड्डू गोपाल के साथ यहां आए हुए हैं।