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हेमा माल‍िनी ने मथुरा लोकसभा सीट से दाखि‍ल क‍ि‍या नामांकन, कहा- जो काम मेरे दो कार्यकाल में नहीं हो सका, उसे पूरा करूंगी

भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया। हेमा मालिनी ने कहा तीसरी बार मथुरा के लोगों की सेवा करने का अवसर पाकर मैं बहुत खुश हूं। जो काम मेरे दो कार्यकाल में नहीं हो सका उसे मैं पूरा करूंगी। इस बार मथुरा की जनता के लिए बड़ी विकास परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 04 Apr 2024 12:29 PM (IST)
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हेमा माल‍िनी ने मथुरा लोकसभा सीट से दाखि‍ल क‍ि‍या नामांकन।
एएनआई, मथुरा। भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया। हेमा मालिनी ने कहा, "तीसरी बार मथुरा के लोगों की सेवा करने का अवसर पाकर मैं बहुत खुश हूं। जो काम मेरे दो कार्यकाल में नहीं हो सका, उसे मैं पूरा करूंगी। इस बार मथुरा की जनता के लिए बड़ी विकास परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा के लिए हर संभव मदद करेंगे।"

बता दें, इस बार कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित करने में सबसे पीछे रही। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह का नाम कान्हा की नगरी से प्रत्याशी के रूप में लगभग तय था, लेकिन बुधवार दोपहर वे भाजपा में शामिल हो गए। विजेंदर सिंह के भगवा दल में जाने के बाद कांग्रेस ने देर शाम पार्टी के प्रदेश महासचिव मुकेश धनगर पर दांव लगाया।

भाजपा और बसपा से जाट प्रत्याशी होने के कारण कांग्रेस में टिकट मुकेश के हाथ लगी। कांग्रेस में टिकट के लिए लंबी दावेदारी थी। जिलाध्यक्ष भगवान सिंह वर्मा, पूर्व विधायक अनिल चौधरी और मुकेश धनगर का नाम पहले से दावेदारों में था, लेकिन इस बीच हरियाणा के भिवानी निवासी मुक्केबाज विजेंदर सिंह का नाम लगभग तय हो गया।

भाजपा ने जाट समाज से फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को प्रत्याशी बनाया है, तो बसपा ने जाट समाज से ही पूर्व आईआरएस सुरेश सिंह को मैदान में उतारा है। ऐसे में कांग्रेस विजेंदर सिंह को मैदान में उतारकर चुनाव फंसाना चाह रही थी। विजेंदर भी यहां से चुनाव लड़ने को तैयार थे, लेकिन उनका मन भाजपा की तरफ हो गया।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी में टिकट घोषित होने में देरी हो रही थी। ऐसे में विजेंदर का भाजपा से संपर्क हुआ। मंगलवार को दोपहर तक स्थानीय कांग्रेस नेता विजेंदर को ही प्रत्याशी मान रहे थे, लेकिन विजेंदर के भगवा दल में जाने की भनक कुछ पार्टी नेताओं को लगी, ऐसे में मंगलवार शाम तक उनको लड़ाने पर असमंजस रहा। बुधवार को विजेंदर ने भाजपा की सदस्यता ली। ऐसे में दोनों पार्टी से जाट नेताओं के बीच मुकेश धनगर के हाथ टिकट ली। इसके पीछे ये भी कारण है कि करीब सवा लाख से अधिक धनगर मतदाता हैं।

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