Lunar Eclipse 2022: द्वारिकाधीश मंदिर में भक्त कर सकेंगे राजाधिराज ठाकुर के दर्शन, बिहारीजी के पट होंगे बंद
Lunar Eclipse 2022 साल का आखिरी चंद्र ग्रहण अगले महीने पड़ रहा है। राजाधिराज ठाकुर भक्तों को देंगे ग्रहण में दर्शन। द्वारकाधीश मंदिर में भक्त कर सकेंगे भजन-कीर्तन। श्री कृष्ण जन्मस्थान के मंदिरों के पट रहेंगे बंद। आठ नवंबर को ग्रहण पड़ रहा है।
By vineet Kumar MishraEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 06 Nov 2022 08:20 PM (IST)
मथुरा, जागरण टीम। मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश में च्रदंग्रहण के दौरान आठ नवंबर को भक्त भगवान के दर्शन कर सकेंगे। बाकी सभी दर्शन नहीं होंगे। जन्मस्थान के पट बंद रहेंगे। चंद्रग्रहण आठ नवंबर को है। इस दिन द्वारकाधीश मंदिर की सभी झांकी के दर्शन बंद रहेंगे। ठाकुरजी केवल ग्रहण के दौरान भक्तों को दर्शन देंगे। ग्रहण के दौरान भक्त मंदिर में भजन-कीर्तन कर सकेंगे। ग्रहण में शाम 5.41 बजे से शाम 6.15 तक दर्शन खुलेंगे।
मंदिर के मीडिया प्रभारी एड. राकेश तिवारी ने बताया कि ग्रहण के दौरान भक्त ठाकुरजी के दर्शन कर सकेंगे। बाकी सभी झांकियों के दर्शन नहीं होंगे। सेवा अंदर ही अंदर रहेगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सभी मंदिर पांच बजे मंगला आरती के साथ खुलेंगे और सुबह आठ आठ बजे मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। शाम 7.30 बजे ठाकुरजी के दर्शन भक्ताें के लिए खुलेंगे। शयन आरती के बाद मंदिर पट रात नौ बजे बंद होंगे। श्रद्धालुओं का प्रवेश सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक हो सकेगा, ताकि भक्त भजन-कीर्तन कर सकें।
बांकेबिहारी मंदिर में बंद हो जाएंगे पट
कार्तिक पूर्णिमा पर पड़ने वाले चंद्रग्रहण के चलते ठा. बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन समय में परिवर्तन रहेगा। अगले महीने आठ नवंबर को पड़ने वाले चंद्रग्रहण के सूतककाल से कारण सुबह 5.45 बजे दर्शन खुलेंगे, तो सात बजे पट बंद हो जाएंगे। इसके बाद शाम को ग्रहणकाल खत्म होने पर 7.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे, रात 8.30 बजे बंद होंगे।सूतक से पहले हो जाएगी राजभोग सेवा
ठा. बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया, आठ नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण होगा। ऐसे में सुबह सूतककाल से पहले ही राजभोग सेवा पूर्ण हो जाएगी और शाम को ग्रहण खत्म होने के बाद शयनभोग सेवा के लिए मंदिर के पट खोले जाएंगे। बताया, सुबह 5.45 बजे मंदिर के पट खुलेंगे और 5.55 बजे श्रृंगार आरती होगी। इसके बाद 6.55 बजे राजभोग आरती के बाद सात बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। शाम को ग्रहणकाल खत्म होने के बाद 7.30 बजे पट खुलेंगे, तो 8.25 बजे शयन आरती होगी और 8.30 बजे मंदिर के पट बंद हो जाएंगे।
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