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Lunar Eclipse: 30 साल बाद शरद पूर्णिमा पर है चंद्रग्रहण, चांदनी में दर्शन नहीं कर सकेंगे बांकेबिहारी के भक्त

Lunar Eclipse On Sharadpurnima ठाकुर बांकेबिहारी समेत सभी मंदिरों में इस शरद पूर्णिमा चंद्रमा की धवल चांदनी में ठाकुरजी भक्तों को दर्शन नहीं देंगे। चंद्रग्रहण रात 1.05 बजे प्रारंभ 2.23 बजे तक रहेगा। जबकि इसके सूतक शाम को 4 बजे शुरू हो जाएंगे। ऐसे में ठाकुर बांकेबिहारी समेत सभी मंदिर दोपहर 3.30 बजे बंद हो जाएंगे। वृंदावन के मंदिरों का समय भी बदला है।

By Vipin ParasharEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 18 Oct 2023 07:45 AM (IST)
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Mathura News: ठाकुर बांकेबिहारी इस बार चंद्रमा की रोशनी में नहीं देंगे दर्शन

संवाद सहयोगी, वृंदावन/मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी इस बार शरद पूर्णिमा पर सोलह कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन नहीं देंगे। इसके पीछे शरद पूर्णिमा पर पड़ रहे चंद्रग्रहण को कारण माना जा रहा है।

ठाकुर बांकेबिहारीजी साल में एक ही दिन महारास की मुद्रा में मुरली बजाते हुए चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन देते हैं। करीब 30 वर्ष के बाद ऐसा हो रहा है कि ठाकुर जी 30 साल बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण पड़ रहा है।

गजकेसरी योग बन रहा

याज्ञिक आचार्य पंडित बनवारीलाल गौड़ ने बताया 30 साल पहले शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का योग पड़ा था। तब भी ठाकुरजी ने चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन नहीं दिए थे। करीब 30 वर्षों बाद में रास पूर्णिमा के दिन गजकेसरी योग गुरु चंद्र के सहयोग से बन रहा है।

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शरद पूर्णिमा के दिन इस तरह का चंद्र ग्रहण योग नहीं पड़ा है। यह पहली बार है कि इस पीढ़ी के लोगों के सामने जब के ठाकुरजी को खीर का भोग उनके आंगन में नहीं लगाया जा सकेगा। खीर का भोग ग्रहण कल के बाद में हर वस्तु पवित्रता के साथ स्नान ध्यान से निवृत्त होकर के तैयार की जाएगी, और फिर अपने ठाकुरजी को भोग लगाया जा सकता है। ऐसे में सूर्याेदय के समय उसका प्रसाद लेने से उतना ही पुण्य की और स्वास्थ्य रक्षा की प्राप्ति रहेगी।

ये रहेगा प्रभाव

पंडित बनवारीलाल गौड़ चंद्रग्रहण के प्रभाव पर बताते हैं चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर के प्रारंभ कल में अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश कर रहा है, जो की मेष, वृषभ, कन्या और मकर राशि वालों के लिए हानिकारक अशुभ फल देने वाला है। सिंह, तुला, धनु और मीन राशि वालों के लिए सामान्य मध्य जैसा रहेगा बहुत ज्यादा कोई हानि या बहुत कुछ लाभ देने वाला नहीं है।

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मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण लाभ देने वाला रहेगा। उनको ग्रहण का दर्शन करने से किसी भी प्रकार का कोई भी हानि नहीं मानी जाएगी शुभ रहेगा।

उपाय:

पंडित बनवारीलाल गौड ने बताया जिन लोगों को ग्रहण दृश्य निषेध लिखा हुआ है, वे नमक, तेल, चावल, मीठा, लोहा, काला कंबल, कपड़ा दान कर सकते हैं। ऐसा करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव उनको नहीं लगेगा।

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