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Banke Bihari Mandir: भारी भीड़ के दबाव में फंसे श्रद्धालु, बच्चों की निकली चीख, 300 मीटर की दूरी तय करने में लगा डेढ़ घंटा

Banke Bihari Mandir Virnadavan News श्रद्धालु भीड़ में फंसकर खुद को असुरक्षित महसूस करने लगीं। छोटे बच्चे तो चीख उठे। ड्यटी पर तैनात पुलिसकर्मी और सुरक्षागार्डों ने कड़ी मशक्कत कर हालात संभालने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो सके। तमाम श्रद्धालु बमुश्किल लाइन से बाहर निकल आए। मंदिर तक पहुंचने के लिए हर कोई आगे बढ़ने की जद्दोजहद में आपाधापी करने लगा।

By Vipin ParasharEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Mon, 11 Dec 2023 07:12 AM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2023 07:12 AM (IST)
Banke Bihari Mandir: भीड़ के दबाव में फंसे श्रद्धालु, बच्चों की निकली चीख

संवाद सहयोगी, वृंदावन/मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारीजी मंदिर में रविवार को भक्तों का भारी हुजूम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। मंदिर के बाहर और अंदर भीड़ के दबाव में श्रद्धालुओं की हालत खराब हो गई।

हालात यह थे कि विद्यापीठ और जुगलघाट से मंदिर की दूरी तय करने में श्रद्धालुओं को डेढ़ से दो घंटे का समय लग गया। मंदिर के समीप पहुंचने तक श्रद्धालुओं की हालत खराब हो गई। 

पट खुलते ही हजारों की भीड़

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रविवार को मंदिर के पट खुलने से पहले ही हजारों भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए पहुंच गई थी। सुबह 8.45 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुले श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर के अंदर पहुंच गया। पुलिस ने बैरिकेडिंग पर श्रद्धालुओं को रोकना शुरू कर दिया। मंदिर से लेकर विद्यापीठ व जुगल घाट तक श्रद्धालुओं की भीड़ का हुजूम पूरे बाजार में बन गया।

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दर्शन करने को लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही थी। बैरिकेडिंग पर भीड़ का दबाव भी बढ़ने लगा और हालात बदतर होने लगे। भीड़ के बीच फंसे लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। भीड़ में फंसे श्रद्धालु बाहर तक नहीं निकल पा रहे थे। न तो उन्हें पानी ही मिल पा रहा था और न ही भीड़ के दबाव से राहत। डेढ़ से दो घंटे में श्रद्धालु जब मंदिर चबूतरे के पास पहुंचे, तो बैरिकेडिंग पर रोक दिया गया।

हजारों श्रद्धालु दर्शन से वंचित

मंदिर चबूतरे के पास आपाधापी मच गई। ऐसे में महिलाएं फंसकर खुद को असुरक्षित महसूस करने लगीं तो तमाम बच्चों की चीख निकल गई। दोपहर एक बजे मंदिर के पट बंद हुए तो हजारों श्रद्धालु दर्शन से वंचित रह गए। ये श्रद्धालु मंदिर के आसपास ही डेरा डालकर बैठे रहे। शाम को मंदिर के पट खुले तो फिर सुबह जैसे ही हालात नजर आए। रात को मंदिर के पट बंद होने तक भीड़ का हुजूम दर्शन को लगा ही रहा।


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