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UP News: बरसाना के जलमहल को 30 करोड़ की लागत से संवारेगी सरकार, राधारानी मंदिर है श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र

Mathura News प्रदेश सरकार राधारानी के पिता के बृषभानु कुंड स्थित जलमहल को अब संवारेगी। इसके लिए 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीपीपी मॉडल पर ये काम होगा। इस स्थल को हेरिटेज होटल रिसार्ट का रूप दिया जाएगा। सरकार प्रदेश के चुनिंदा ऐतिहासिक धरोहरों को लग्जरी होटल समेत एडेप्टिव रीजूज एसेट्स में बदलेगी। इनको पुन उपयोगी बनाने की प्रक्रिया की जा रही है।

By Navneet SharmaEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 14 Dec 2023 12:32 PM (IST)
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बरसाना के जलमहल को 30 करोड़ की लागत से संवारेगी सरकार, राधारानी मंदिर है श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र
जागरण संवाददाता, मथुरा। प्रदेश सरकार राधारानी के पिता के बृषभानु कुंड स्थित जलमहल को अब संवारेगी। इसके लिए 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीपीपी मॉडल पर ये काम होगा। इस स्थल को हेरिटेज होटल, रिसार्ट का रूप दिया जाएगा।

सरकार प्रदेश के चुनिंदा ऐतिहासिक धरोहरों को लग्जरी होटल समेत एडेप्टिव रीजूज एसेट्स में बदलेगी। इनको पुन: उपयोगी बनाने की प्रक्रिया की जा रही है। बररसाना स्थित जलमहल को इसमें शामिल किया गया है। बरसाना देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। वर्ष पर श्रद्धालुओं का आवागमन होता है।

30 करोड़ खर्च करेगी सरकार

होली और राधाष्टमी पर पैर रखने को भी जगह नहीं मिलती है। जलमहल को पुन: उपयोगी बनाया जाएगा। इसके लिए एजेंसी का चयन किया जा रहा है। सरकार 30 करोड़ रुपया खर्च करेगी। इसे हेरिटेज होटल, रिसार्ट का रूप दिया जाएगा। म्यूजियम की भी योजना है।

डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए यह बेहतर स्थान बनेगा। अगले वर्ष इसके लिए काम शुरू हो जाएगा। फिलहाल काफी पुराने हो चुके, जलमहल को नया रूप दिया जाएगा।

सरकार प्रदेश के चुनिंदा ऐतिहासिक धरोहरों को लग्जरी होटल समेत एडेप्टिव रीजूज एसेट्स में बदलेगी। बरसाना स्थित जलमहल को शामिल किया गया है। पीपीपी माडल पर इसका विकास होगा।

डीके शर्मा-जिला पर्यटन अधिकारी

ये है खासियत

मान्यता है राधारानी के पिता बृषभानुजी इस कुंड में स्नान करने आते थे। वर्ष 1770 में भरतपुर स्टेट के राजपुरोहित रूपराम कटारा ने चार मंजिला जल महल बनवाया था। इसी के अंदर राधारानी की मां कीर्ति के नाम से भी कुंड है। कुंड के बीच में बने जलमहल की एक मंजिल पानी में ही डूबी रहती है। इसलिए जलमहल के अन्य हिस्से में गर्मी के दौरान काफी ठंडक रहती है और लोग यहां दिन में विश्राम करने आते हैं। समय के साथ जलमहल जर्जर होता गया। ऊपर की मंजिलों में कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है।

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