Move to Jagran APP

एक बंटवारा ऐसा भी; मथुरा के श्मशान घाट में हुई पंचायत, तब दी मां को मुखाग्नि, प्रॉपर्टी के लिए सात घंटे चिता पर रखा रहा शव

Mathura News मां की मौत के बाद बेटियों में जमीन बंटवारे को लेकर विवाद हो गया। जमीन बंटवारे के लिए सात घंटे चिता पर रखा रहा मां का शव। जब तक विवाद शांत नहीं हो गया तब तक बेटियां चिता को आग नहीं देने के लिए लड़ती रहीं। एक बेटी ने जमीन हड़पने के आरोप लगाए इसके बाद मौके पर पुलिस भी पहुंची।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 16 Jan 2024 08:45 AM (IST)
Hero Image
जमीन बंटवारे के लिए सात घंटे चिता पर रखा रहा मां का शव
जागरण संवाददाता, मथुरा। मथुरा में जमीन के लिए बेटियों ने सात घंटे तक मां का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। मां का शव चिता पर रखा रहा, लेकिन वे जमीन के बंटवारे पर अड़ी रहीं। रिश्तेदारों की पंचायत हुई। सहमति बनी और फिर स्टांप पेपर पर जमीन बंटवारे की औपचारिकता पूरी कर मुखाग्नि दी।

पुष्पादेवी पर थीं तीन बेटियां

आनंदपुरी निवासी पुष्पा देवी पर तीन बेटियां थीं। वह शादीशुदा बेटी मिथलेश के साथ रहती थीं। उनकी दो बेटियां अपनी ससुराल में रह रही हैं। पुष्पा देवी के पति गिर्राज का निधन पहले ही हो चुका था। शनिवार रात 98 वर्षीय पुष्पा देवी की मृत्यु हो गई। रविवार सुबह 10.30 बजे शव को मोक्षधाम ले जाया गया।

मुखाग्नि की तैयारी चल रही थी। तभी बड़ी विधवा बेटी शशि, बहन सुनीता के साथ मोक्षधाम पर पहुंच गईं। कहने लगीं कि मां के नाम पर चार बीघा जमीन थी। इसे बहन मिथलेश ने नाम लिखवा लिया है। मिथलेश ने इसका विरोध किया।

ये भी पढ़ेंः UP News; किशोरी के मॉडलिंग का शाैक परिवार को पड़ा भारी, रील्स बनाने की ख्वाहिश में लड़की हुई फरार, मुंबई पहुंचने से पहले हुआ कुछ ऐसा

जमीन बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया। पुलिस भी पहुंच गई। रिश्तेदारों ने समझाया, मगर वे जमीन को अपने नाम कराए बगैर अंतिम संस्कार के लिए तैयार ही नहीं थीं।

ये भी पढ़ेंः Weather Update: UP के 50 जिलों में कोहरा का अलर्ट, पढ़िए IMD का लेटेस्ट अपडेट, मेरठ और मुजफ्फरनगर में कड़ाके की ठंड

कोतवाली प्रभारी रवि त्यागी ने बताया कि एक बेटी मिथलेश ने डेढ़ बीघा जमीन बेच दी थी। समझौते में तय हुआ कि एक बीघा जमीन विधवा बेटी शशि को, शेष डेढ़ बीघा सुनीता व मिथलेश के बीच बराबर बंटेगी। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।