नागदेवता की पूजा, सुख-समृद्धि की प्रार्थना
जासं, मथुरा : नागपंचमी का पर्व मंगलवार को मनाया गया। श्रद्धालुओं ने नागदेवता का पूजन कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। नागटीला, गरुड़ गोविंद मंदिर, शिवालयों में श्रद्धालुओं ने पूजन किया। कालसर्प योग दूर करने को भी पूजन किया। श्रीजी पीठ, श्री गोपाल वैष्णव पीठाधीश्वर के तत्वावधान में यमुना घाटों पर श्रावणी महापर्व मनाया गया।
श्रद्धालु सुबह से ही पूजन करने को मंदिरों में पहुंचने लगे। नागटीला, गरुड़ गोविंद मंदिर, शिव मंदिरों में नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा की। मंदिरों के बाहर सर्पों को दूध पिलाया। कालसर्प रोग दूर करने को पूजन किया और सोने-चांदी के नाग देवता दान किए। नागदेवता से सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। श्रीजी पीठ के तत्वावधान में ठाकुर बाबा महाराज के सानिध्य में श्रीजी पीठाचार्य मनीष बाबा द्वारा श्रावणी उपाकर्म विश्रामघाट पर कराया गया। अरुणधति पूजन, सप्तऋषि पूजन, ऋषितर्पण, पितर तर्पण, धर्मराज पूजन, दशविध स्नान, यज्ञोपवीत संस्कार पूजन आदि ब्रह्म कर्म किए । इस यज्ञ को करने मात्र अशुद्धता दूर हो जाती हैं। डा. श्रीनाथ शास्त्री, सुनसुन सरदार, अशोक चतुर्वेदी, कपिल बाबा, आचार्य मनीष कृष्ण, दाऊजी शास्त्री मौजूद रहे।
श्री गोपाल वैष्णव पीठाधीश्वर पुरुषोत्तमलाल महाराज के सानिध्य में श्रृंगार घाट पर श्रावणी महापर्व मनाया गया। आचार्य कुंज किशोर महाराज आचार्यत्व में आयोजन हुआ। वैदिक उपाक्रम और उत्सर्जन यज्ञ, तीर्थ स्नान, मृतका स्नान, भस्म स्नान, हेमाद्रि स्नान, पंचगव्य संस्कार, देव तर्पण, ऋषि तर्पण, आचार्य तर्पण, पितृ तर्पण, सप्त ऋषि पूजन वैदिक अनुष्ठान हुए। आचार्य यदुनंदन महाराज, मकरंद बाबा, नवनीत बाबा, बृजेश हलधर बाबा, अनुराग बाबा,मोहिताचार्य, माधव शास्त्री, पार्षद रामदास चतुर्वेदी शास्त्री, अभय शास्त्री, कमल नयन शास्त्री, कन्हैयालाल शास्त्री, दीपेंद्र शास्त्री, सुखदेव जी पप्पा चौबे, गंजे पहलवान, सुमित, मयंक पाठक, प्रमोद, कौशलेंद्र चतुर्वेदी मौजूद रहे। सुरीर में महिलाओं ने घर में नाग देवता की आकृतियां बना कर दूध, चंदन, मिष्ठान से पूजन किया। धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव का आभूषण नाग को दूध पिलाने से लोगों को अपने पूर्व जन्म के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। नाग भगवान शिव को भी प्रिय है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। सुबह से बीन बजाते सपेरे नाग देवता को लेकर घर-घर दर्शन कराते हुए घूमते रहे।