श्रीकृष्ण जन्मस्थान आने वाले पहले PM होंगे मोदी, क्या आंदोलन को मिलेगी तपिश? विवाद के बीच अहम होगा दौरा
श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी में चल रहे विवाद के बीच उनका ये दौरा अहम माना जा रहा है। वे भले ही इस पर कुछ न बोलें लेकिन उनके जन्मस्थान पहुंचने मात्र से श्रीकृष्ण जन्मस्थान को ईदगाह की छाया से निकालने को चल रहे आंदोलन को गर्मी जरूर मिलेगी। ये दौरा लोकसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े देश में पार्टी के हिंदूवादी एजेंडे को आगे बढ़ने का संदेश होगा।
By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Tue, 21 Nov 2023 07:05 PM (IST)
विनीत मिश्र, मथुरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 नवंबर को ब्रज रज उत्सव में शामिल होने मथुरा आ रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मथुरा का उनका यह चौथा दौरा है। दौरे की खासियत यह है कि वह पहली बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान दर्शन को पहुंचेंगे। यही नहीं, वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचने वाले पहले पीएम होंगे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी में चल रहे विवाद के बीच उनका ये दौरा अहम माना जा रहा है। वे भले ही, इस पर कुछ न बोलें, लेकिन उनके जन्मस्थान पहुंचने मात्र से श्रीकृष्ण जन्मस्थान को ईदगाह की छाया से निकालने को चल रहे आंदोलन को गर्मी जरूर मिलेगी। ये दौरा लोकसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े देश में पार्टी के हिंदूवादी एजेंडे को आगे बढ़ने का संदेश होगा।
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प्रधानमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी पहली बार मथुरा 25 मई 2015 को आए थे। तब वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पैतृक गांव नगला चंद्रभान (दीनदयाल धाम) में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसके बाद वह फरवरी 2019 में वृंदावन के अक्षय पात्र फाउंडेशन में आए थे। सितंबर 2019 में वेटेरिनरी विवि के कार्यक्रम में आए।
इन दौरों में मोदी ने धर्मनगरी में किसी मंदिर में दर्शन नहीं किए। अब चौथे दौरे में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दर्शन प्रस्तावित हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया, जन्मस्थान पर अब तक कोई प्रधानमंत्री दर्शन को नहीं आया। सीमावर्ती राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है। अगले वर्ष देश में लोकसभा के लिए चुनाव भी होना है।
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ऐसे में प्रधानमंत्री के इस दौरे के कई अर्थ तलाशे जा रहे हैं। काशी में बाबा विश्वनाथ का दिव्य धाम बनने और अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद भाजपा के पास अगला काम श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मामले को ही आगे ले जाना होगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग इन दिनों तेज है।इस विवाद को लेकर 16 वाद हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। साधु-संतों के साथ ही हिंदू संगठन भी लगातार जन्मस्थान को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: अयोध्या, काशी के बाद अब मोदी की नजर में कान्हा का ब्रज, भरतपुर के चुनावी रण में दे चुके हैं बड़ा संदेशऐसे में जन्मस्थान आ रहे मोदी भले ही कुछ न कहें पर इस आंदोलन को गर्मी जरूर मिलेगी। सोमवार को अधिकारियों से मंथन के बाद एसपीजी ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान में दर्शन पर सहमति दी। अधिकारियों के साथ एसपीजी ने जन्मस्थान में व्यवस्थाएं भी देखी हैं।
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