Mathura: लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने निर्भय और घनश्याम पर जताया भरोसा, साधे जातिगत समीकरण
Mathura में निर्भय पांडेय को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए ब्राह्मण वोटों को साधने की रणनीति भी है। जिलाध्यक्ष मधु शर्मा के इस्तीफा देने के बाद इस पद पर ब्राह्मण को ही प्रत्याशी बनाने की अटकलें थीं। उधर महानगर अध्यक्ष पद पर घनश्याम लोधी को जिम्मेदारी देकर भाजपा ने पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश की है। पहले वैश्य समाज से विनोद अग्रवाल के पास ये जिम्मेदारी थी।
जागरण संवाददाता, मथुरा : लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने जिले और महानगर में अपने सेनापतियों की शुक्रवार को घोषणा कर दी। ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी निर्भय पांडेय को दी गई है, जबकि महानगर में इस बार पिछड़ा वर्ग को ध्यान में रखकर घनश्याम लोधी को कमान सौंपी गई।
पिछले दिनों सहकारी संघ के चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर जनप्रतिनिधियों से हुई नोकझोंक के बाद जिलाध्यक्ष मधु शर्मा ने पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि महानगर अध्यक्ष विनोद अग्रवाल महापौर बन गए, ऐसे में दोनों पदों पर नए सेनापति तैनात किए जाने थे।
जिलाध्यक्ष पद के लिए एक दर्जन से अधिक दावेदार थे। लेकिन निर्भय पांडेय ने इसमें बाजी मार ली। संघ की पृष्ठभूमि के निर्भय पांडेय की पैरोकारी कई जनप्रतिनिधि कर रहे थे।
फोटो- निर्भय पांडेय, भाजपा जिलाध्यक्ष
निर्भय पांडेय को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए ब्राह्मण वोटों को साधने की रणनीति भी है। जिलाध्यक्ष मधु शर्मा के इस्तीफा देने के बाद इस पद पर ब्राह्मण को ही प्रत्याशी बनाने की अटकलें थीं। उधर, महानगर अध्यक्ष पद पर घनश्याम लोधी को जिम्मेदारी देकर भाजपा ने पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश की है।
फोटो- घनश्याम लोधी भाजपा महानगर अध्यक्ष।
पहले वैश्य समाज से विनोद अग्रवाल के पास ये जिम्मेदारी थी, उनके महापौर बनने के बाद पिछड़े वर्ग को ही महानगर की जिम्मेदारी दिए जाने की प्रबल संभावना थी। इसके पीछे कारण था कि वैश्य समाज से विनोद अग्रवाल के अलावा कोसीकलां नगर पालिकाध्यक्ष धर्मवीर अग्रवाल को बनाया गया