चंडीगढ़ पुलिस में सब इंस्पेक्टर रहीं प्रिया को श्रीकृष्ण से हुआ प्यार तो छोड़ दी नौकरी, ठाकुरजी से किया ब्याह, अनोखी है इनकी कहानी
परिक्रमा मार्ग के मदनटेर के समीप में रह रही प्रिया बताती हैं एक साल पहले 29 नवंबर को उन्होंने ठाकुर बांकेबिहारीजी के बाल स्वरूप लड्डूगोपाल के साथ विधिविधान पूर्वक विवाह किया। ठाकुरजी के शादी के लिए उन्हें 14 साल इंतजार करना पड़ा। अपने लड्डूगोपाल को प्रियाकांत या पीहू पुकारती हैं। सीता ने अपना नाम बदलकर भी प्रिया रख लिया है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 04 Nov 2023 09:44 AM (IST)
संवाद सहयोगी, वृंदावन/मथुरा। फरीदाबाद के आर्यसमाजी परिवार में जन्मी प्रिया को बपचन से ही कन्हैया से लगाव था। परिवार के विरोध के बावजूद वह अपनी ताई के साथ गोवर्धन और वृंदावन आती रहीं। 14 वर्ष की आयु में परिवार से दूर होकर पहले तो अपना करियर बनाया।
फोरेंसिक एसआइ के पद पर कार्यरत रहीं। मन न लगा तो एचआर एयर होस्टेज की जिम्मेदारी निभाई। परिवार को पहले शादी न करने के लिए मना ही रखा था। लेकिन, एक साल पहले परिवार की सहमति से ठाकुर बांकेबिहारी के स्वरूप लड्डूगोपाल के साथ विधिवत रूप से विवाह रचाया। पहला करवाचौथ पड़ा तो पूरे विधिविधान के साथ करवाचौथ का व्रत रखा।
कृष्ण के नाम का किया श्रृंगार
हाथों में ठाकुरजी के नाम की मेहंदी रचाई, बिछुआ, सोलह श्रृंगार किए और वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा की तथा चंदा निकलने के बाद कन्हैया को सामने बिठाकर व्रत खोला। भगवान श्रीकृष्ण में भक्तों की आस्था ही ऐसी कि अपना सर्वस्व न्यौछावर करने में देर नहीं करते।ये भी पढ़ेंः Agra AQI News: हवा खराब की मुख्य वजहें आईं सामने, मौसम भी दे रहा प्रदूषण का साथ; नहीं सुधरे तो दिल्ली जैसे बनेंगे ताजनगरी के हालात
कंधाें पर लगे थे सितारे
अपना सबकुछ अर्पण करके उन्हें पाने की हर कोशिश उनके भक्त करते हैं। लेकिन, हरियाणा के पलवल की रहने वाली सीता जिसने न केवल परिवार की बंदिशें तोड़ीं, बल्कि नाम भी बदलकर प्रिया रख लिया। कभी उपनिरीक्षक बनने के बाद जिसके कंधों पर कभी सितारे लगे थे और फारेंसिंक टीम में अहम जिम्मेदारी थी। महिला भक्त को जब भगवान से प्रेम हुआ तो अपना सबकुछ छोड़ वृंदावन आ गई और पिछले साल लड्डूगोपाल से शादी कर ली। अब करवाचौथ पर निर्जला व्रत रखा और ठाकुरजी को सामने बिठाकर ही व्रत खोला।ये भी पढ़ेंः Yamuna Expressway पर सफर करें लेकिन संभल कर; अब छाने लगी हैं धुंध, हादसे से बचाव के लिए नहीं है कोई खास इंतजाम
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