Sharad Purnima 2022: शरद पूर्णिमा कल, यहां देखें ब्रज के मंदिरों में होने वाले विशेष दर्शन की सूची
Sharad Purnima 2022 द्वारकाधीश मंदिर में ठाकुरजी देंगे श्वेत वस्त्र में दर्शन। प्राचीन केशव देव मंदिर में होगा छप्पन भोग का आयोजन। रंगजी मंदिर में भगवान रंगमन्नार धवल चांदनी की अलौकिक छटा में रजत निर्मित सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तो को दर्शन देंगे।
मथुरा, जागरण टीम। शरद पूर्णिमा रविवार को है। मंदिरों के आयोजन श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होंगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर चंद्रलोक के दर्शन होंगे। द्वारकाधीश मंदिर में ठाकुरजी श्वेत वस्त्र धारण कर दर्शन देंगे। प्राचीन केशवदेव मंदिर सफेद विद्युत सज्जा से जगमग होगा।श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा-संस्थान के संयोजन में श्रीकृष्ण सेवा मंडल, जन्मस्थान द्वारा महोत्सव का शुभारंभ सुबह नौ बजे गोचरण लीला स्थित श्रीगिरिराजजी के अभिषेक से किया जाएगा।
सुबह 11.30 बजे प्रसादी-भंडारे का आयोजन होगा। शाम सात बजे से खीर प्रसाद बांटा जाएगा। शाम पांच बजे से श्री गिरिराजजी को अर्पित होने वाले छप्पनभोग के दर्शन हाेंगे। शाम चार बजे से श्रीकेशवदेव मंदिर में चंद्रलोक के दर्शन होंगे। भगवान श्रीकेशवदेव महाराज चंद्रलोक में विराजमान होकर भक्ताें को दर्शन देंगे। रात 11.30 बजे तक महारास का मंचन श्रीकृष्ण चबूतरा पर होगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा संचालित आयुर्वेद चिकित्सालय प्रांगण में दमा के रोगियाें को मध्यरात्रि में खीर के साथ दवा का निश्शुल्क वितरण किया जाएगा। मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश में शयन के दर्शन में ठाकुरजी श्वेत वस्त्र धारण कर दर्शन देंगे। मीडिया प्रभारी एड. राकेश तिवारी ने बताया कि शयन के दर्शन में शाम 6.30 बजे से 7.30 बजे तक ठाकुरजी के विशेष दर्शन होंगे। प्राचीन मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देवजी महाराज में छप्पन भोग लगेगा।
रंगजी मंदिर में होगी भजन संध्या
शरद पूर्णिमा दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में भगवान रंगमन्नार धवल चांदनी की अलौकिक छटा में रजत निर्मित सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तो को दर्शन देंगे। उत्सव में शाम को भजन संध्या का आयोजन होगा। इसमें नामचीन संगीतकार अपनी गायकी से भगवान की साधना करेंगे। रास राशेस्वर की लीला स्थली वृंदावन में शरद पूर्णिमा पर्व पर रंगजी मंदिर में भक्ति रस की अद्भुत सरिता प्रवाहित होगी। शाम को मंदिर में ठा. गोदा रंगमन्नार दिव्य श्वेत वस्त्राभूषण से अलंकृत होकर रजत निर्मित चंद्र वाहन पर विराजित होंगे। शास्त्रीय संगीतज्ञ ध्रुपद गायक पद्मश्री उस्ताद वसीफुद्दीन डागर अपनी सुरमई गायकी से ठाकुर जी के पदों का गायन करेंगे।