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Shri Krishna Janmashtami 2023: मथुरा में कब है जन्माष्टमी का पर्व और श्रीकृष्ण महाभिषेक का समय, पढ़िए यहां

Mathura Shri Krishna Janmashtami News श्रीकृष्ण जन्मोत्सव ब्रज में धूमधाम से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर मथुरा में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। कृष्ण जन्मस्थान पर इस दिन विशेष आयोजन होते हैं। सूर्य उदय में अष्टमी होने पर जन्मोत्सव मनाया जाएगा। सात सितंबर को सूर्य उदय में अष्टमी रहने पर जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कपिल शर्मा-सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 03 Sep 2023 11:24 AM (IST)
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Mathura News: कान्हा का जन्मोत्सव तीन दिन बैकुंठ बन जाएगा ब्रज
मथुरा, जागरण संवाददाता। मुरली वाले की जन्म की घड़ी अब करीब है। चहुंओर उल्लास है। कन्हैया के जन्मोत्सव पर ब्रज बैकुंठ बन जाएगा। मंदिरों में तैयारी चल रही हैं। तारणहार का जन्मोत्सव तीन दिन तक चलेगा। देश-विदेश से श्रद्धालु जुटेंगे। धर्मशालाओं, आश्रमों और होटलों में बुकिंग हो रही है। वहीं कान्हा की नगरी में सजावट का दौर चल रहा है।

ब्रज में दिन मनेगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर ब्रज में आस्था की अविरल धारा बहती है। इस बार ब्रज में जन्मोत्सव तीन दिन मनाया जाएगा। प्राचीन मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देव में जन्मोत्सव छह सितंबर को मनाया जाएगा। जिस दिन अष्टमी लगती है, उसी दिन यहां जन्मोत्सव मनाया जाता है। श्री कृष्ण जन्मस्थान और अन्य मंदिरों में सात सितंबर को आयोजन होगा। सूर्य उदय में अष्टमी होने पर जन्मोत्सव मनाया जाएगा। नंदगांव में आठ सितंबर को जन्मोत्सव का आनंद होगा। यहां गोपद गणना (खुर गिनती) से यह आयोजन होता है। रक्षाबंधन के आठवें दिन कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

छह सितंबर को अष्टमी, सात सितंबर की दोपहर तक

अष्टमी छह सितंबर को दोपहर 3.37 बजे लगेगी और सात सितंबर को दोपहर 4.14 बजे तक रहेगी। छह और सात सितंबर को अष्टमी रहेगी। कामेश्वर चतुर्वेदी-ज्योतिषाचार्य जिस दिन अष्टमी लगती है, उसी दिन लाला का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार छह सितंबर को अष्टमी लग रही है। इसलिए छह सितंबर को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। नारायण शर्मा-मीडिया प्रभारी, प्राचीन मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देव

श्रीकृष्ण महाभिषेक का कार्यक्रम

रात 11 बजे-श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना, पूजन 

रात 11.55 बजे तक-सहस्त्रार्चन 

रात 11.59 बजे-प्राकट्य के दर्शन को पट बंद 

रात 12 बजे से रात 12.05 बजे तक प्राकट्य दर्शन, आरती 

रात 12.05 बजे से रात 12.20 बजे तक महाभिषेक 

रात 12.20 बजे से रात 12.40 बजे तक रजत पुष्प में विराजमान ठाकुरजी का जन्म महाभिषेक 

रात 12.40 बजे से रात 12.50 बजे तक शृंगार आरती 

रात 1.25 बजे से रात 1.30 बजे तक शयन आरती

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