Krishna Janmashtami 2024: : ब्रज में ठाकुरजी के गूंज रहे जयघाेष, जन्मस्थान पर आराध्य को सोम-चंद्रिका पोशाक अर्पित
Krishna Janmashtami Mathura नटवर नागर के 5251वें जन्मोत्सव पर खुशी की जो अनुभूति ब्रजवासियों को हो रही है उससे कम हजारों मील का सफर कर आए श्रद्धालुओं को भी नहीं। हर चेहरा दमक रहा है कान्हा के दर्शन की व्याकुलता आंखों में साफ दिखाई दे रही है। सोमवार को कान्हा का प्राकट्योत्सव है। ऐसे में उनकी नगरिया भी व्याकुल है।
जागरण संववाददाता, मथुरा। Janmashtami 2024 Date Mathura / Mathura janmashtami 2024 भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर उनका आंगन बैकुंठ बन गया। ब्रज का दृश्य देख श्रद्धालु हर्षित हो उठे। जन्मोत्सव की पूर्व संध्या में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। द्वारकाधीश मंदिर में भी आस्था की अविरल धारा बहती रही। यमुना मैया का भी श्रद्धालुओं ने यशोगान किया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव सोमवार को मनाया जा रहा है। लेकिन, रविवार को ही लाखों श्रद्धालुओं ने ब्रज में डेरा डाल लिया।
सुबह से ही जन्मभूमि जाने वाले मार्गों पर श्रद्धालुओं की लाइन लगने लगीं। कान्हा के आंगन में द्वापरयुग जीवंत हो रहा था। श्रद्धालु जन्मभूमि के दर्शन कर प्रसन्न हो रहे थे। श्रीकृष्ण भूमि की सजावट भी नयनाभिराम थी। सतरंगी बिजली की रोशनी से सजी जन्मभूमि को श्रद्धालु निहार रहे थे। द्वारकाधीश मंदिर में भी भक्ति की अविरल धारा बहती रही। ठाकुरजी के दर्शन कर भक्त अपने को धन्य समझ रहे थे।
ब्रज में आस्था की वर्षा
यमुना घाटों पर भी आस्था झूमती रही। यमुना मैया का पूजन किया। ब्रज में आस्था की वर्षा हुई। जन्मभूमि के दर्शन करने को पटबंद होने तक श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। हर तरफ भगवान श्रीकृष्ण के जयघोष गूंज रहे थे। ब्रज में आते ही श्रद्धालुओं की खुशी का ठिकाना नहीं था। हर ओर श्रद्धालु ही दिखाई दे रहे थे। रात तक श्रद्धालुओं के आने का क्रम चल रहा था। कान्हा की भक्ति में आस्थावान सुधबुध खोए थे। सोमवार को जन्मोत्सव में शामिल होने का इंतजार है। देश-दुनिया के श्रद्धालु भगवान के जन्मोत्सव में शामिल होने को व्याकुल हैं। जन्मोत्सव में शामिल होकर भक्त अपने को धन्य मानते हैं।गर्भ गृह मंदिर में ठाकुरजी को पोशाक की अर्पित।
शाेभायात्रा निकालकर पोशाक व श्रृंगार किया अर्पित
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा रविवार की शाम शोभायात्रा के मध्य ठाकुरजी को पोशाक व शृंगार अर्पित किया गया। श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा के दर्शन किए। ढोल, नगाड़े, मृदंग, झांझ, मजीरे, डमरू की मधुर ध्वनि के मध्य मंगल परिधान पहने भक्त, देश के विभिन्न भागाें से पधारे कलाकार शोभायात्रा में शामिल होकर अलौकिक आनंद की अनुभूति महसूस कर रहे थे। वहीं शोभायात्रा के दर्शन कर हजारों भक्त भी आनंद से सराबोर होकर नृत्य कर रहे थे। भगवान के 5251 वें जन्मोत्सव पर 5251 दीपों का दीपदान किया गया।
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