Mathura News: खत्म हुआ इंतजार, शुरू हाेंगे मांगलिक कार्य; देव जागने के बाद नवंबर और दिसम्बर में ये है शुभ मुहूर्त
गूंजेगी शहनाई शुरू हाेंगे मांगलिक कार्य। एकादशी तिथि 22 नवंबर को सुबह 11.03 बजे शुरू होगी जो 23 नवंबर को सुबह 9.01 बजे खत्म होगी। भगवान विष्णु के शयनकाल में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। देवोत्थान एकादशी पर श्री हरि के जागने के बाद शुभ व मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है।
जागरण संवाददाता, मथुरा। चार माह से सोए देव 23 नवंबर को देवोत्थान एकादशी पर जाग जाएंगे। इसके साथ शहनाई गूंजने लगेंगी और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। नवंबर में छह और दिसंबर में शादी के सात शुभ मुहूर्त हैं।
29 जून को श्रीहरि विष्णु योग निंद्रा में चले गए थे। इसी के साथ चातुर्मास शुरू हो गया। इस बार सावन अधिक मास के कारण चातुर्मास चार की जगह पांच माह का था। 23 नवंबर को चातुर्मास की अवधि पूरी हो रही है। इसी दिन श्री हरि फिर योग निंद्रा से बाहर आएंगे। इसी के साथ पांच माह से थमी शहनाइयां गूंजने लगेंगी।
नवंबर और दिसम्बर में ये है मुहूर्त
दूल्हों का घोड़ी पर चढ़ने का इंतजार भी खत्म हो जाएगा। नवंबर में छह और दिसंबर में शादी के सात मुहूर्त हैं। 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास में विवाह बंद रहेंगे।
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ज्योतिषाचार्य अजय तैलंग ने बताया कि हिंदू धर्म में विवाह को एक महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। सनातन धर्म में किसी भी जातक का विवाह कुंडली मिलान कर तय किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में यह मान्यता है कि कुंडली में गुणों के मिलान के साथ-साथ शुभ मुहूर्त में विवाह करने पर वर और वधु को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी तिथि से विवाह का लग्न शुरू होता है।
यह हैं शुभ मुहूर्त
- नवंबर: 23, 24, 25, 27, 28, 29
- दिसंबर- 5, 6, 7 8, 9, 11, 15