UP News: टटलूबाजी का नया पैंतरा; घंटों के काम के बदले हजारों की पगार...बेरोजगारों को ऑनलाइन सर्वे की नौकरी का ऑफर
सोने की ईंट बेचने और कबाड़ बेचने के जरिए देश भर के लोगों को ठगने वाला टटलू गिरोह अब इंटरनेट के जरिए लोगों को अपना शिकार बना रहा है। पहले लोगों के खाते में एक हजार रुपये तक भेजकर उन्हें विश्वास में लिया जाता है और फिर 20 से 30 हजार रुपये तक ठगे जा रहे हैं। एक माह में ही साइबर थाने में ऐसे दो दर्जन मामले पहुंचे।
जागरण संवाददाता, मथुरा। जिले से जुड़े मेवात क्षेत्र के साइबर ठग अब ऑनलाइन रोजगार देने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। घर बैठे ऑनलाइन सर्वे करके हजारों रुपये कमाने का झांसा दिया जा रहा है।
केस एक : हाईवे थाना क्षेत्र की रहने वाली दीपिका के पास एक मैसेज आया। उनको टास्क पेपर काम का झांसा देकर ढाई लाख रुपये ठग लिए गए। दीपिका ने कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
केस दो : गोविंद नगर निवासी विवेक को वाट्सएप पर मैसेज आया। कुछ घंटों में हजारों रुपये कमाने का झांसा देकर ठगों ने 1.75 लाख रुपये की ठगी की गई। विवेक की शिकायत पर साइबर पुलिस जांच कर रही है।
नए तरीकों से फंसा रहे युवाओं को
मेवात क्षेत्र के साइबर ठग नए-नए तरीके निकालकर ठगी कर रहे हैं। अब रोजगार देने के नाम पर भोले-भाले लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। ठग घर बैठे आनलाइन सर्वे का काम देने का झांसा दे रहे हैं। कुछ घंटों में पांच हजार रुपये कमाने की बात भी कर रहे हैं।
काम शुरू करने से पहले लोगों से तीन वेबसाइट खुलवाकर ट्रेनिंग देकर उनके खातों की जानकारी ले रहे हैं और कुछ रुपये देकर लोगों का विश्वास जीत रहे हैं। इसके बाद लोगों से 20 से 30 हजार रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा कराए जा रहे हैं। पहले रुपये खाते में आता देख लोग विश्वास में आ जाते हैं और फिर अपने खाते सिक्योरिटी धनराशि के नाम पर ठग रुपये ट्रांसफर कराते हैं।
ये भी पढ़ेंः आगरा में चिलर प्लांट में अमोनिया गैस का रिसाव; ऑपरेटर की मौत, दो घंटे बाद निकाला जा सका शव
पुलिस की परेशानी, दूसरे खाते से ठग डलवा रहे रुपये
साइबर ठग लोगों को ट्रेनिंग के दौरान फंसाते समय दूसरे से उनके खाते में रुपये डलवाते हैं। ठगी के बाद पीड़ित के शिकायत करने पर पुलिस खाताधारक तक पहुंचती है तो वह भी पीड़ित निकलता है। इससे पुलिस भी ठगों तक आसानी से नहीं पहुंच पा रही है।
वाट्सएप की जगह टेलीग्राम का अधिक उपयोग
साइबर ठग इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म वाट्सएप के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं और फिर उनसे टेलीग्राम डाउनलोड कराते हैं। फिर टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर उनसे ठगी करते हैं। ठगी होने के बाद ग्रुप से लोगों को हटा दिया जाता है। पुलिस के लिए परेशानी है कि टेलीग्राम का डाटा उनको आसानी से नहीं मिल पाता है। इससे साइबर ठग पकड़ में नहीं आ पाते हैं।
ठग सर्वे कराने के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। दो दर्जन शिकायतें अकेले एक माह में आई हैं। टीमें ठगों को पकड़ने के प्रयास में लगी हैं। -जसवीर सिंह, प्रभारी, साइबर थाना