मात्र 6.12 लाख रुपये से कैसे सुधरेंगे 38 मंदिरों के हालात
उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा के 38 मंदिरों को संरक्षण रखरखाव और आराध्य की भोगसेवा के लिए 6 लाख 12 हजार 307 रुपये की धनराशि प्रदान की है। हालांकि यह राशि कई मंदिरों के लिए अपर्याप्त है कुछ को प्रतिदिन एक रुपये से भी कम मिल रहा है। इस लेख में हम इन मंदिरों को मिली आर्थिक सहायता और उनके रखरखाव की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
जागरण संवाददाता, मथुरा। सरकार ने संरक्षण-रखरखाव और आराध्य की भोगसेवा के लिए चिन्हिंत 38 मंदिरों को छह लाख 12 हजार 307 रुपये की धनराशि मंदिर प्रबंधन को दी है। हालांकि मंदिरों के लिए यह धनराशि बहुत कम है। कई मंदिरों की धनराशि तो एक रुपये प्रतिदिन से भी कम है। इससे रखरखाव या भोगसेवा कैसे हो पाएगी। इस वर्ष जिले में 152 मंदिरों का सत्यापन कराया गया, जिसके बाद 38 मंदिरों को सहायता दी गई है।
जिला प्रशासन ने पांचों तहसीलों के 152 मंदिरों का सत्यापन कराया है। इनमें से 38 मंदिरों को आर्थिक सहायता के योग्य और बाकी मंदिरों को बोगस माना गया। इन मंदिरों की शासन को रिपोर्ट भेजी गई, जिसके बाद प्रतिवर्ष के निर्धारित बजट 49.47 लाख रुपये के सापेक्ष छह लाख 12 हजार 307 रुपये 38 मंदिरों को वितरित किए गए।हालांकि मंदिरों के परिसर की विशालता और भोग प्रसाद की भव्यता को देखते हुए इनकी सहायता राशि बहुत कम है। यह छह लाख 12 हजार 307 रुपये की धनराशि वार्षिक तौर पर दी गई है, जो कि बहुत कम है। कुछ मंदिरों की सहायता राशि तो प्रतिदिन एक रुपये से भी कम है। ऐसे में मंदिरों का संरक्षण या भोग सेवा कैसे हो पाएगी, यह बड़ा सवाल है।
इन प्रमुख मंदिरों को मिली धनराशि
वृंदावन के रंगजी मंदिर को 87 हजार 911 रुपये, शाहजी मंदिर को 29 हजार 965 रुपये, रसिक बिहारी मंदिर को 1987 रुपये, राधाकांत मंदिर 43 हजार 290 रुपये, गोपालजी महाराज मंदिर 3 हजार 567 रुपये, मदनमोहन मंदिर को 4 हजार 312 रुपये दिए गए हैं।मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर को 44 हजार, मथुरानाथ मंदिर कंसखार को 594 रुपये, गोपालजी महाराज मंदिर गली पीरपंच को 504 रुपये, जम्बू स्वामी दिगंबर जैन ट्रस्ट को नौ हजार 628 रुपये और ठाकुर श्रीजी महाराज मंदिर गांव बाद को दो हजार 310 रुपये दिए गए हैं।
कोसी के लक्ष्मीनारायण जी महाराज मंदिर को 780 रुपये, दाऊजी महाराज मंदिर बठैनकलां को 360 रुपये, महावीर जी महाराज मंदिर को एक हजार 364 रुपये दिए गए हैं। गांव रावल के लाड़लीजी मंदिर को 464 रुपये दिए गए हैं। मांट के रासबिहारी मंदिर बैरूबाबा को 310 रुपये दिए गए हैं। गांव अड़ींग स्थित गंगाजी मंदिर को 3 हजार सात रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।72 वर्ष से मात्र 72 रुपये की आर्थिक सहायता
जिले में एक मंदिर ऐसा है जो 72 वर्ष पुराना है और उसकी वार्षिक सहायता राशि भी 72 रुपये है। प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक इस मंदिर के प्रबंधन ने कभी सहायता राशि के लिए प्रशासन से संपर्क नहीं किया। यह मंदिर है, नंदगांव के बिजवारी स्थित चिंतामणि जी महाराज मंदिर। इसी तरह वृंदावन के गोदम्माजी महारानी मंदिर की वार्षिक सहायता 109 रुपये की दी गई है, जो लगभग 30 पैसे प्रतिदिन है।निर्धारित धनराशि मंदिरों के रखरखाव व भोग प्रसाद के लिए दी गई है। किस मंदिर को कितनी धनराशि दी जानी है, इसका निर्धारण शासन स्तर से किया जाता है।
विजय शंकर दुबे, अपर जिलाधिकारी प्रशासन