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हाई कोर्ट में फिर अटका ठाकुर बांकेबिहारी कॉरिडोर मामला, रिव्यू पिटीशन पर अब 14 अगस्त को सुनवाई; पहले मिली थी हरी झंडी

Banke Bihari Corridor ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ अधिक होने के कारण वर्ष 2020 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान भगदड़ मचने से दो श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी जबकि एक दर्जन से अधिक की तबीयत बिगड़ गई थी। तब सरकार ने हाई कोर्ट में पांच एकड़ में गलियारा बनाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन अभी इस पर हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं हुई हैं।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Sun, 11 Aug 2024 08:55 PM (IST)
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मंदिर कोष का भूमि अधिग्रहण में उपयोग की मांग पर अटका बांकेबिहारी कॉरिडोर मामला (प्रतिकात्मक फोटो)

जागरण संवाददाता, मथुरा। वृंदावन में भीड़ प्रबंधन के लिए ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में प्रस्तावित पांच एकड़ का गलियारा एक बार फिर इलाहाबाद हाई कोर्ट में अटक गया है। हाई कोर्ट ने पूर्व में गलियारा को हरी झंडी दी थी, लेकिन इसके लिए धन सरकार को खर्च करने को कहा था।

अब 14 अगस्त को होगी सुनवाई

सरकार ने बजट में 150 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान भी किया। इसके बाद सरकार ने रिव्यू पिटीशन दाखिल कर हाई कोर्ट से गलियारा के लिए भूमि अधिग्रहण करने को मंदिर के कोष में जमा धन का उपयोग करने की अनुमति मांगी है। मामला यहीं अटका है, जिस पर 14 अगस्त को सुनवाई होगी। अभी गलियारा की गतिविधियां बंद हैं।

घटना के बाद पांच एकड़ में गलियारा प्रस्तावित

2022 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रात दो बजे होने वाली मंगला आरती के दौरान भगदड़ मचने से दो श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी, जबकि एक दर्जन से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए थे।

इससे कुछ दिन पहले ही हाई कोर्ट में वृंदावन के अनंत शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर सरकार से मंदिर की व्यवस्था के बारे में पूछा था। सरकार ने घटना के बाद यहां पांच एकड़ में गलियारा प्रस्तावित किया था। हाई कोर्ट में इसे लेकर रिपोर्ट दी।

हाईकोर्ट ने नवंबर 2023 में गलियारा को दे दी थी मंजूरी

बीते वर्ष 20 नवंबर को हाई कोर्ट ने गलियारा को मंजूरी दे दी, लेकिन सरकार से साफ कहा कि मंदिर के धन का उपयोग न करें, अपने पास से निर्माण कराए।

इस वर्ष लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने प्रस्तुत बजट में 150 करोड़ रुपये का प्रावधान गलियारा निर्माण के लिए किया था। माना जा रहा था कि चुनाव बाद सरकार इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाएगी, लेकिन सरकार की ओर से धनराशि जारी नहीं की गई है।

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रिव्यू पिटीशन पर हाई कोर्ट में 14 अगस्त को सुनवाई

अब सरकार और जिला प्रशासन की ओर से रिव्यू पिटीशन पिछले माह दाखिल की गई, जिसमें कहा गया है कि वह गलियारा का निर्माण कराएगी, लेकिन भूमि अधिग्रहण मंदिर के नाम पर होगा। इसलिए मंदिर के कोष का उपयोग करने की अनुमति दी जाए। इस पर सेवायत फिर आपत्ति जता रहे हैं।

14 अगस्त को रिव्यू पिटीशन पर हाई कोर्ट में सुनवाई है। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गलियारा पर निर्णय हाई कोर्ट को देना है।

सरकार ये बताए अब तक क्या किया

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत और पक्षकार रजत गोस्वामी कहते हैं कि हाई कोर्ट ने ये भी पूछा है कि गलियारा के विकल्प के रूप में आज तक क्या कदम उठाए गए हैं। अभी तक ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण के माध्यम से दर्शन की व्यवस्था क्यों शुरू नहीं की गई है।

यदि पंजीकरण व्यवस्था से मंदिर में दर्शन कराएंगे, तो गलियारा की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। काशी विश्वनाथ, राम मंदिर और उज्जैन में महाकाल मंदिर के गलियारे निर्माण के लिए सरकार ने खुद धनराशि दी है।

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