Maan Singh Murder Case: राजा मान सिंह हत्याकांड में सजा का ऐलान, डीएसपी समेत 11 पुलिस वालों को उम्र कैद
Maan Singh Murder Case 35 साल बाद इस बहुचर्चित मामले में हत्या के दोषी करार हुए पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
By Prateek GuptaEdited By: Updated: Thu, 23 Jul 2020 08:28 AM (IST)
मथुरा, जागरण संवाददाता। राजा मान सिंह हत्याकांड में आठ बार फाइनल बहस हो गई थी और 19 जज भी बदल चुके थे। राजा के खिलाफ मंच और हेलीकॉप्टर तोड़ने के मामले में सीबीआइ ने एफआर लगा दी थी। 17 सौ से अधिक तारीखें भी मुकदमे में पड़ी, जबकि अनुमान के मुताबिक, मुकदमे में आराेपित बनाए गए 18 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में 15 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च भी हुआ। 35 साल बाद इस बहुचर्चित मामले में हत्या के दोषी करार हुए पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। राजपरिवार की तरफ से विजय सिंह, गिरेंद्र कौर, कृष्णेंद्र कौर दीपा, दुष्यंत सिंह, गौरी सिंह, दीपराज सिंह कोर्ट में मौजूद रहे। साथ ही राजस्थान सरकार मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 30-30 हजार और घायलों के परिजनों को दो-दो हजार का मुआवजा देगी।
राजा मान सिंह हत्याकांड की सुनवाई जयपुर कोर्ट और उसके बाद जिला सत्र एवं न्यायाधीश की अदालत में हुई थी। करीब 35 साल तक चले इस मुकदमे को लेकर वादी पक्ष के अधिवक्ता नारायण सिंह विप्लवी ने बताया कि मामले में राजा मान सिंह के खिलाफ मंच और हेलीकॉप्टर तोड़ने के मामले में सीबीआइ ने अपनी जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी थी। राजा मानसिंह के समर्थक बाबूलाल से पुलिस ने जो तमंचा बरामद दिखाया था, उसमें भी फाइनल रिपोर्ट लग गई थी। एसएचओ वीरेंद्र सिंह के बाद इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर कान सिंह सिरबी ने की। इसके बाद मामला सीबीआइ को स्थानांतरित हो गया।
सीबीआइ ने सिरबी समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन सीबीआइ अदालत में ये साबित नहीं कर सकी। ऐस में सिरबी समेत तीन पुलिसकर्मी दोषमुक्त हो गए। इधर, इस मामले में आठ बार फाइनल बहस को गई थी, लेकिन हर बार जज बदल गए। अब तक इस मामले में 19 जज बदल चुके हैं। जबकि 20वें जज ने इस पर अपना फैसला सुनाया है। 17 सौ से अधिक तारीखें भी पड़ीं। करीब आठ महीने तक हर 15 दिन में चार दिन लगातार इसी मुकदमे में बहस भी हुई। तब जाकर यह निर्णय आया है। अधिवक्ता के मुताबिक, राजस्थान से अभियुक्त और दोष मुक्त ठहराए गए लोगों को यहां तक लाने में अनुमान के मुताबिक पंद्रह करोड़ रुपये सुरक्षा पर खर्च हो हुए हैं।
मैं चश्मदीद गवाह हूं मैं घटना का चश्मदीद गवाह हूं। घटना के समय में राजा साहब के साथ गाड़ी में था। मैं अकेला बचा हूं। मैंने ही इस घटना की रिपोर्ट कराई थी। मैं वादी हूं और आज तक मुकदमे की पैरवी करता रहा हूं। हमको भरोसा था कि एक न एक दिन राजा साहब का न्याय मिलेगा और आज वह मिल गया है। मैं राजा साहब का छोटा दामाद हूं और अदालत के इस फैसले से बहुत खुश हूं।
विजय सिंहभरतपुर की जनता मनाएगी खुशी मैं राजा साहब की सबसे छोटी बेटी कृष्णेंद्र कौर दीप हूं। हमने न्याय के लिए 35 साल तक संघर्ष किया। हमें देर से न्याय मिला है, लेकिन हम इस अदालत के फैसले से खुश है। भरतपुर की जनता भी इस फैसले से खुशी मनाएंगी। आज वह सभी इस फैसले खुश होंगे, जो राजा मानसिंह से लगाव रखते हैं। कहते हैं कि देर हैं पर अंधेर नहीं हैं।
कृर्ष्णेंद्र कौर दीप, पूर्व मंत्री राजस्थान सरकारराजपरिवार के लिए महत्वपूर्ण दिनमैं राजा मान सिंह का नवासा (धेवता) हूं। 35 साल से राजा मान सिंह हत्याकांड का जो मुकदमा चल रहा था, आज उसमें फैसला आया है। यह निर्णय राजपरिवार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला है। भरतपुर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत कई क्षेत्रों के लोगों के लिए भी यह भावनात्मकपूर्ण दिन है। इस दिन को राजा मानसिंह और उनके परिवार के समर्थक सदैव याद रखेंगे।
दुष्यंत कुमारदोषमुक्त पुलिसकर्मियों का कथनपुलिस का सिपाही नहीं बने पुलिस की नौकरी कभी नहीं करनी चाहिए। अगर पुलिस में नौकरी करनी है तो डिप्टी एसपी से ऊपर का अधिकारी बने। पुलिसकर्मियों की सुनवाई कहां होती है। मेरी तो सीबीआइ ने सुनी ही नहीं। इसी तरह से विकास दुबे के मामले में भी पुलिसवालों की सुनवाई नहीं होगी। अदालत ने न्याय किया है। 35 बरस किसी तरह काटे, अब सुकून मिला है।
गोविंद प्रसाद रिटायर्ड कॉन्स्टेबल35 साल तक धक्के खाए हैं। तमाम परेशानियां झेली हैं। सीबीआइ ने भी कुछ गलतियां की हैं। मैं इस मुकदमे में बरी हो गया हूं। मेरे साथियों को ताे सजा हुई है। पुलिस की नौकरी इसलिए नहीं की थी कि ड्यूटी के दौरान मिले आदेश का पालन करने के बदले में इतने कष्ट झेलने होंगे।हरी किशन रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबलदोषियों की जर्जर काया, कई चलने को तरसे 35 साल का लंबा वक्त। इस दौरान बहुत कुछ बदल गया। जब राजा मान सिंह और उनके दो साथियों की हत्या हुई, तो दोषी राजस्थान पुलिस और आरएसी की नौकरी कर रहे थे। मुकदमे के ट्रायल के दौरान ही सीबीआइ की चार्जशीट में शामिल 18 पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हो गए। अब उम्र के आखिरी पड़ाव में हैं। ज्यादातर की उम्र सत्तर बरस पार कर गई है। ऐसे में कई दोषियों का शरीर भी साथ नहीं दे रहा। मंगलवार को कोर्ट लाए गए, तो एसटीएफ और पुलिस ने उन्हें सहारा दिया।
राजा मान सिंह हत्याकांड में दोषी पाए गए तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी की उम्र अब 82 बरस की हो गई है। वहीं, तत्कालीन एसएचओ वीरेंद्र सिंह 78 साल के हैं। सुखराम की उम्र 72 है। अन्य दोषियों की उम्र भी 7 दशक पार कर चुकी है। ऐसे में दोषी करार दिए गए,कई मुल्जिम तो ठीक से चल भी नहीं सकते। मंगलवार को एसटीएफ वज्र वाहन से सभी मुल्जिमों को लेकर कोर्ट परिसर पहुंची। एक मुल्जिम वाहन से उतरते ही लड़खड़ाने लगे, ऐसे में उन्हें एसटीएफ ने सहारा दिया। वह चलने की स्थिति में नहीं थे, तो उन्हें बैठाया, पानी पिलाया, फिर सहारा देकर कोर्ट रूम तक ले गए। यही हाल एक अन्य मुल्जिम का रहा। उन्हें भी सहारा देकर पुलिसकर्मी कोर्ट रूम ले गए। सजा होने के बाद भी इन्हें सहारा देकर ही वज्र वाहन से अस्थायी जेल ले जाया गया।
इनको हुई सजा :-तत्कालीन सीओ डीग कान सिंह भाटी निवासी हड्डा हाउस, एनवर्सर बीकानेर-तत्कालीन एसएचओ डीग वीरेंद्र सिंह निवासी बहरोर जाट थाना मंडावर अलवर-तत्कालीन कॉन्स्टेबल सुखराम निवासी भूडा दरवाजा थाना डीग, भरतपुर।-तत्कालीन हैड कांस्टेबल आरएसी ई कंपनी छठवीं बटालियन जीवनराम निवासी गांव बरानेकुर्द भोपालगढ़ जोधपुर-तत्कालीन हेड कॉन्स्टेबल आरएसी बी कंपनी छठवीं बटालियन भंवर सिंह निवासी गांव चांदनी थाना शंकरा जोधपुर-तत्कालीन कॉन्स्टेबल आरएसी ई कंपनी छठवीं बटालियन हरी सिंह निवासी ग्राम धीरा थाना ढांचू जोधपुर-तत्कालीन कॉन्स्टेबल आरएसी ई कंपनी छठवीं बटालियन शेर सिंह निवासी गांव निम्बारा थाना सुरणलिया नागौर-तत्कालीन कॉन्स्टेबल आरएसी ई कंपनी छठवीं बटालियन छत्तर सिंह निवासी गांव कटूकाला थाना शेरगढ़ जोधपुर-तत्कालीन कॉन्स्टेबल आरएसी ई कंपनी छठवीं बटालियन पदमाराम निवासी सुखमंडला थाना देवू जोधपुर-तत्कालीन कॉन्स्टेबल आरएसी ई कंपनी छठवीं बटालियन जगमोहन निवासी गांव खाकावाली थाना नगर भरतपुर-इंस्पेक्टर/ सेकंड एसपी ऑफिस रवि शेखर मिश्रा निवासी 44 संजय कॉलोनी मेहरू नगर जयपुरये हुए दोषमुक्त :-क्राइम असिस्टेंट संबद्ध इंस्पेक्टर एसपी कार्यालय कान सिंह सिरबी निवासी गांव व थाना बिलाड़ा, जोधपुर-तत्कालीन हेड कॉन्स्टेबल पुलिस लाइन हरी किशन निवासी सवला का नगला थाना बयाना भरतपुर-थाना डीग के तत्कालीन कॉन्स्टेबल गोविंद प्रसाद निवासी गांव नटोज थाना खेड़ली अलवरइनका हो गया निधन :-तत्कालीन एएसआइ थाना डीग सीताराम निवासी गोपालगढ़ भरतपुर-तत्कालीन कॉन्स्टेबल थाना डीग नेकीराम निवासी गांव व थाना कामा भरतपुर-तत्कालीन कॉन्स्टेबल थाना डीग कुलदीप सिह निवासी पूरमा थाना योहोन भरतपुरये पहले हुए बरी :-तत्कालीन कॉन्स्टेबल व वाहन चालक महेंद्र सिंह निवासी खरेरा थाना बयाना भरतपुरजानें कब क्या हुआ...
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- 20 फरवरी, 1985 को राजा मान सिंह ने जोंगा जीप से टक्कर मार सीएम के सभा मंच व हेलीकाप्टर को क्षतिग्रस्त कर दिया।
- 21 फरवरी, 1985 को पुलिस के साथ आमने-सामने की फायरिंग में राजा मान सिंह व दो अन्य की मौत हो गई।
- 22 फरवरी, 1985 को राजा मान सिंह के अंतिम संस्कार के वक्त आगजनी व तोड़फोड़ हुई। इसमें भी पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मृत्यु हुई।
- 28 फरवरी 1985 को सीबीआइ जांच के लिए नोटीफिकेशन हुआ।
- 17 जुलाई 1985 को सीबीआइ ने जयपुर सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट पेश की।
- 1990 में मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजस्थान से मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट में स्थानांतरित किया गया।
- 21 जुलाई, 2020 को 11 आरोपितों को हत्याकांड में दोषी ठहराया गया। तीन आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया गया।
- 22 जुलाई, 2020 को सभी दोषी अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
- 61 गवाह अब तक अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में पेश किए गए, जबकि 17 गवाह बचाव पक्ष ने प्रस्तुत किए।
- 1700 से अधिक तारीखों पर अब तक हुई सुनवाई।