UP News: ट्रेन से कटकर जान देने वाली किशाेरियों की हुई पहचान, मुजफ्फरपुर से मथुरा तक कैसे किया सफर, सवाल ढूंढ रही पुलिस
13 मई को घर से लापता होने के बाद दो के फोन बंद हो गए थे। माही के फोन के अंतिम लोकेशन कानपुर में 21 मई को मिली। इसके बाद उसका भी फोन बंद हो गया। एसआइ मोहन कुमार का कहना है कि प्रथम दृष्टया लग रहा है कि तीनों किशोरियों को बहला-फुसलाकर लाया गया। तीनों मथुरा कैसे पहुंचीं और फिर अचानक आत्महत्या क्यों इसकी जानकारी नहीं हो पाई है।
जागरण संवाददाता, मथुरा। दिल्ली-आगरा रेल ट्रैक पर 24 मई को मालगाड़ी के आगे कूदकर जान देने वाली तीनों किशोरियां बिहार के मुजफ्फरपुर की निकलीं। आपस में तीनों किशोरियां सहेली हैं। 13 मई को तीनों घर छोड़कर आई थीं। एक किशोरी ने अपने घर पर बैग में चिट्ठी छोड़़ी थी, जिसमें लिखा था कि वह परमात्मा से मिलने जा रही हैं। मंगलवार को तीनों के स्वजन ने उनके बैग व कपड़े से पहचान की।
हाईवे थाना क्षेत्र में ये घटना 24 मई की दोपहर 1.20 बजे हुई थी। तीनों ने डाउन लाइन पर एक-दूसरे का हाथ थामा और फिर मालगाड़ी के सामने आ गईं। पहले पुलिस एक किशोरी को महिला और दो को किशोरी समझ रही थी, इससे आशंका थी कि तीनों के बीच मां-बेटी का रिश्ता है।
हाथों पर लिखे थे मेहंदी से नाम
गौरी के हाथ में मेहंदी से लार्ड युवराज लिखा था। माया के हाथ पर मेहंदी से एसबीजी लिखा था। माया की शर्ट पर ग्लोब टेलर मुजफ्फरपुर का स्टीकर मिला था। टेलर का स्टीकर मिलने के बाद पुलिस ने मुजफ्फरपुर पुलिस से संपर्क किया था, तो जानकारी हुई कि 22 मई को वहां के टाउन थाने में स्वजन ने तीनों की गुमशुदगी दर्ज कराई।
मंगलवार को दोपहर में हाईवे थाने पहुंचे स्वजन ने तीनों के कपड़ों से उनकी पहचान मुजफ्फरपुर के थाना सिंकदरपुर के बालूघाट निवासी 14 वर्षीय माही, थाना टाउन के कंपनी बाग योगिया मठ निवासी 14 वर्षीय गौरी और 13 वर्षीय माया के रूप में हुई।
इस साल नौवीं कक्षा पास की थी
तीनों ने इस वर्ष नौवीं कक्षा पास की थी। थाना टाउन के एसआइ मोहन कुमार ने बताया कि माया की मां सोनी देवी ने 22 मई को टाउन थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। गौरी के घर छोड़ने के बाद बैग में एक चिट्ठी मिली थी। इसमें लिखा था कि माया, गौरी व माही तीनों परमात्मा से मिलने के लिए किसी धाम जा रही हैं। घरवाले ढूंढने की कोशिश न करें। तीन माह बाद परमात्म से मिलकर लौट आएंगी।
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गर्मी में फूल गए चेहरे, शवों में कीड़े
भीषण गर्मी के कारण मोर्चरी के फ्रीजर में रखे तीनों शवों के चेहरे फूल गए थे। शवों में कीड़े पड़ने लगे थे। शव को देख स्वजन ने पहचान से इन्कार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने मृतकों के पास से मिले बैग और फोटो दिखाए। बैग और कपड़ों से स्वजन ने तीनों की पहचान हुई।
किशोरी के नाम मिला खत खोलेगा राज
तीनों किशोरियों द्वारा आत्महत्या करने के बाद पुलिस को एक किशोरी के बैग से एक खत मिला है। इसमें लिखा है कि हेलो, हमको बहुत बात बोलना था, पर ये सब कुछ इतना जल्दी में हो रहा है, इसलिए कुछ-कुछ बात बोल रहे हैं। पता है सारी बोलने से कुछ भी नहीं है। छोड़ो ये सब बात, अच्छे से रहना और सबका ख्याल रखना। हम तो नहीं हैं, वहां पर तुम अपना भी ख्याल रखना। टाइम पर खाना-पीना खाते रहना। अगर मेरी जगह किसी और को दी तो तुम्हारी खैर नहीं। यहां कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
हम हैं यहां बहुत मिस करेंगे। किशोरी को पत्र लिखने वाले वाइफ कहकर संबोधित किया है। ये भी लिखा कि मरना मत, तुम्हारी मौत से पहले मेरी मौत आ जाए। लिखा है कि जल्दी इंस्टाग्राम पर मैसेज करना, हम वेट करेंगे। पत्र लिखने वाले ने अपना नाम नहीं लिखा है। पुलिस पत्र लिखने वाले की जानकारी कर रही है। स्वजन इस मामले में चुप्पी साधे हैं।
माया के स्वजन ने माही के पिता पर लगाया था अपहरण का आरोप
माया के घर नहीं आने पर उनकी मां सोनी देवी ने माही के पिता मनोज पर अपहरण का आरोप लगाकर थाने में शिकायती-पत्र दिया था। सोनी देवी ने बताया कि बेटी माया सुबह 10 बजे यह कहकर निकली थी कि तीनों माही के पिता मनोज कुमार के साथ गरीब स्थान मंदिर में पूजा करने जाएंगे। फिर स्कूल राधा कृष्ण केडिया बालूघाट जाएंगे। बेटी घर नहीं लौटी को खोजबीन की। पता लगा कि गौरी भी घर नहीं पहुंची। माही के नाना सुरेश ने बताया, मनोज बाइक से बेटी को लेकर गए, लेकिन रास्ते में छोड़कर गांव लालगंज चले गए। पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि मनोज की बेटी भी लापता है। इसके बाद तीनों के मरने की खबर घर पहुंच गई।
पिता ने पहचाना बेटी माही का बैग
हाईवे थाने पहुंचे माही के पिता मनोज कुमार ने घटनास्थल पर मिले बैग को पहचान लिया। उन्होंने बताया, माही जिस बैग को लेकर घर से निकली थी वो यही है। लेकिन माही का शव दिखाया गया तो पहचानने से इन्कार कर दिया। पुलिस ने घटनास्थल पर शव की फोटो दिखाई तो उन्होंने बेटी होने की संभावना व्यक्त की। वहीं ट्रेन से कट कर जान देने वाली एक अन्य किशोरी के शव का फोटो भाई रिषु को दिखाया गया तो उसने पहचान की।
हाथों की मेहंदी देख मां के निकले आंसू
फोटो में शव को देख गौरी की मां आशादेवी ने पहले तो बेटी होने का दावा किया, फिर मुकर गईं। बाद में पुलिस ने गौरी के हाथ में मेहंदी की फोटो दिखाई। तब पहचान की। लेकिन, मेहंदी से लिखा लार्ड युवराज किसका नाम है, वह बता नहीं सकीं।
बिहार पुलिस के साथ आए स्वजन ने तीनों शव की पहचान कर ली है। इस संबंध में बिहार में गुमशुदगी दर्ज हुई है। किशोरियों ने आत्महत्या किस वजह से की है, इसकी जांच बिहार पुलिस कर रही है। बिहार पुलिस की जांच में पूरी मदद की जाएगी। - डा.अरविंद कुमार, एसपी सिटी