Vrindavan Banke Bihari Mandir में सेवाधिकारी की मनमानी; 55 मिनट देरी से हुए ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन
Banke Bihari Mandir Vrindavan शरद पूर्णिमा पर श्वेत धवल पोशाक और मोरमुकुट कटि-काछिनी लकुटि लिए अधरों पर वंशी रख महारास की मुद्रा में ठा. बांकेबिहारी ने अपने भक्तों को दर्शन दिए तो भक्त आल्हादित हो उठे। मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा। लाखों श्रद्धालुओं ने आराध्य के दर्शन किए। चंद्र ग्रहण के चलते मंदिर में दर्शन का समय कम किया था।
By Vipin ParasharEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 29 Oct 2023 08:44 AM (IST)
संवाद सहयोगी, वृंदावन/मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सेवाधिकारियों की मनमानी रुक नहीं रही। शनिवार को शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारी को न्यायालय ने जगमोहन में विराजित करने के निर्देश दिए थे, ताकि दर्शन में सहूलियत हो।
लेकिन सुबह पट खुलने के बाद सेवाधिकारी ने गर्भगृह में ही श्रृंगार आरती की। करीब 35 मिनट बाद आराध्य को जगमोहन में विराजित कराया गया। शयनभोग सेवा में भी सेवाधिकारी ने 20 मिनट बाद पट खोले। ऐसे में हजारों श्रद्धालु श्रृंगार आरती से वंचित हो गए।
जगमोहन पर विराजित न कराने की मांग थी
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवाधिकारी रसिक बिहारी गोस्वामी ने मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन को प्रार्थना पत्र देकर शरद पूर्णिमा पर आराध्य को गर्भगृह के बाहर जगमोहन (चबूतरे) पर विराजित न कराने की मांग की थी, लेकिन प्रशासक ने आदेश जारी कर जगमोहन में ही विराजित करने को कहा।श्रृंगार आरती के दर्शन नहीं कर पाए भक्त
शनिवार सुबह पौने आठ बजे तय समय पर मंदिर के पट खुलने थे, तब आराध्य को जगमोहन में विराजित कराना था। लेकिन सेवाधिकारी रसिक और उनके बेटे गौरव ने गर्भगृह में ही श्रृंगार आरती की। इधर, मंदिर प्रबंधन ने पट खुलने से पहले ही जगमोहन में आराध्य के लिए चांदी का सिंहासन रख दिया। ऐसे में सुबह बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालु श्रृंगार आरती के दर्शन नहीं कर पाए।
सुबह आठ बजे सेवाधिकारी बदले। राजभोग सेवाधिकारी डा. फ्रेंकी गोस्वामी ने ठाकुर जी को जगमोहन में विराजित कराया। इस दौरान करीब 8.20 पर ही दर्शन शुरू हो सके। 35 मिनट तक श्रद्धालु सेवाधिकारी की मनमानी के कारण परेशान हो गए। सूचना पर एसपी सिटी एमपी सिंह भारी पुलिस बल के साथ मंदिर पहुंच गए।
मौजूद रहे पुलिस प्रशासन के अधिकारी
राजभोग सेवा शुरू हुई तो महारास की मुद्रा में मुरली बजाते ठाकुर बांकेबिहारीजी ने दर्शन दिए। 11 बजे मंदिर के पट बंद हो गए। इसके बाद 12.30 बजे पट शयनभोग सेवा के लिए पट खुलने थे। इसमें भी गौरव गोस्वामी की ही सेवा थी। यहां भी हठधर्मी के चलते सेवाधिकारी ने 20 मिनट तक पट बंद रखे। इस दौरान डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय मंदिर के कार्यालय में मौजूद रहे।
ये भी पढ़ेंः Karwa Chauth 2023: पत्नियों को इस बार चौंका देगा पतियों का सरप्राइज गिफ्ट, करवाचौथ पर तोहफा देने के लिए बाजार में दिए आर्डर12.50 बजे सेवाधिकारी ने पट पर्दा हटाया तब भक्तों को दर्शन हुए। वैसे भी शनिवार को चंद्रग्रहण के कारण साढ़े तीन बजे के बाद मंदिर के पट नहीं खुले, इसमें भी 55 मिनट सेवाधिकारी की मनमानी से पट नहीं खुले। मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने कहा कि वह प्रशासक को इसकी जानकारी देंगे।
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