खत्म होगा आठ साल का इंतजार, कान्हा की नगरी में बनने वाला है कुछ खास; 15 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा काम
वृंदावन में यमुना नदी के किनारे 177 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को इलाहाबाद हाई कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। आठ साल से रुके इस प्रोजेक्ट के तहत केशी घाट सहित सात घाटों का निर्माण किया जाएगा। रिवर फ्रंट बनने से वृंदावन में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और श्रद्धालुओं को यमुना स्नान और अन्य धार्मिक क्रियाकलापों के लिए बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
राकेश शर्मा, मथुरा। अब कान्हा की नगरी में यमुना किनारे नया पर्यटन केंद्र विकसित होगा। वृंदावन में 177 करोड़ रुपये की लागत से यमुना पर केशीघाट सहित सात घाटों का पर प्रस्तावित रिवर फ्रंट काम शुरू करने को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। आठ वर्षों से प्रतीक्षित इस परियोजना पर इसी माह दोबारा काम शुरू होगा।
2014 में वृंदावन में रिवर फ्रंट की कार्ययोजना तैयार हुई थी। उस समय घाटों के आगे मिट्टी कटान रोकने और बाढ़ के पानी का आवेग कम करने के लिए पानी के अंदर तीन-चार फीट ऊंची सीमेंटेड दीवार बनाई गई थी। अंडरग्राउंड लाइन डालने के लिए पाइप भी डाले जा रहे थे।
इसी बीच वृंदावन के सामाजिक कार्यकर्ता मधुमंगल शुक्ला ने नालों के प्रदूषित जल के यमुना में प्रवाहित होने और रिवर फ्रंट कार्ययोजना में इसका प्रवाह रोकने का कोई प्रबंध न किए जाने का तर्क देते हुए 2016 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की। तब परियोजना रोक दी गई। बाद में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर जल निगम की ओर से नालों के प्रवाह यमुना में प्रवाहित रोकने के लिए प्रबंध किए गए, इनमें नालों की टेपिंग प्रमुख था।
मथुरा-वृंदावन में 23 नाले टेप होने थे, जिनमें से 19 नाले टेप हो चुके, जबकि शेष नालों को टेप किए जाने की प्रक्रिया जारी है। इनमें वृंदावन में एक नाला पूर्णत: और एक आंशिक रूप से टेप किया जाना है, जिस पर काम चल रहा है। इस मामले में सिंचाई विभाग ने जल निगम की ओर से हाई कोर्ट में शपथ पत्र दिया कि वृंदावन में रिवर फ्रंट निर्माण से पहले ही वृंदावन के शेष नालों की टेपिंग हो जाएगी।
इस पर हाई कोर्ट ने रिवर फ्रंट निर्माण पर लगा स्टे हटाते हुए शासन को रिवर फ्रंट का काम चालू कराने की अनुमति दे दी है। अब रिवर फ्रंट के वर्षों से रुके हुए कार्य को दोबारा चालू कराए जाने के लिए सिंचाई विभाग सक्रिय हो गया है। ये होंगे कार्य-रिवर फ्रंट परियोजना में चयनित आठ घाटों पर स्थान की उपलब्धता के अनुसार पक्के घाट बनाए जाएंगे। यहां प्रकाश व्यवस्था, पर्यटकों के बैठने के लिए बेंच आदि होंगी।
रिवर फ्रंट सबसे ज्यादा केशीघाट पर चौड़ा होगा, जहां प्रतिदिन आरती-स्नान के अलावा अन्य धार्मिक क्रियाकलाप होंगे। साथ ही रिवर फ्रंट के समीप वाहनों की पार्किंग भी होगी, जिनके लिए स्थान तलाश किए जाएंगे। इनसेट बहुप्रतीक्षित है परियोजना, केशीघाट होगा केंद्र वृंदावन रिवर फ्रंट पर्यटन महत्व के नजरिए से वर्तमान में सबसे बड़ी परियोजना है। इससे वृंदावन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में खासी बढ़ोतरी होगी।
प्रस्तावित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का गलियारा ही रिवर फ्रंट परियोजना से बड़ी परियोजना होगी। केशीघाट इस परियोजना के केंद्र में रहेगा, जहां करीब 125 मीटर चौड़ाई वाला रिवर फ्रंट तैयार किया जाएगा। यहीं पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ रहेगी। अन्य घाटों पर स्थान अपेक्षाकृत कम है, जहां स्थान की उपलब्धता के अनुसार कार्य कराया जाएगा।
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सिंचाई विभाग की कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल, यूनिट-32 15 अक्टूबर से काम दोबारा प्रारंभ करेगी। वर्षा के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा हुआ है। जलस्तर कम होते ही रिवर फ्रंट का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा।ये घाट हैं शामिल
जिन घाटों पर रिवर फ्रंट विकसित किया जाना है, उनमें केशीघाट, जुगल घाट, गोविंद घाट, राधाबाग घाट, वराह घाट, कालिया दमन घाट, चीर घाट और श्रृंगार वट घाट शामिल हैं।हाईकोर्ट ने रिवर फ्रंट परियोजना को दोबारा प्रारंभ करने की अनुमति शासन को दे दी है। कार्य दोबारा प्रारंभ करने के लिए यमुना जलस्तर कम होने का इंतजार किया जा रहा है। जल्द ही कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को 15 अक्टूबर से काम प्रारंभ करने के लिए कहा गया है। -राकेश कुमार, एई, सिंचाई विभााग