मथुरा पानी की टंकी हादसा; 25 साल की लाइफ, तीन वर्ष में गिर गई, पहले गिरा 'भ्रष्टाचार का पिलर' फिर ढहा पूरा ढांचा...
आगरा की एसएम कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भ्रष्टाचार के पिलर पर पानी की टंकी खड़ी की थी। जल निगम की अतिरिक्त निर्माण इकाई के अफसर कमीशनबाजी में आंखें बंद किए रहे। निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया। नतीजा टंकी चार वर्ष में ही धराशाई हो गई। इस हादसे में दो महिलाओं की मृत्यु हो गई जबकि एक की हालत नाजुक बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, मथुरा। वर्ष 2019 में भूतेश्वर के समीप जल निगम की अतिरिक्त निर्माण इकाई का कार्यालय खुला था। यहां दो कमरों में कार्यालय संचालित हुआ। यहां एक्सईएन के पद पर कुमकुम गंगवार, सहायक अभियंता डीके सिंह और अवर अभियंता रविंद्र प्रताप सिंह तैनात हुए। ये कार्यालय पेयजल परियोजनाओं के लिए अधिकृत थी। उस समय जल निगम की एक अन्य इकाई सीवर लाइन का काम करती थी।
सूत्रों के अनुसार, अतिरिक्त निर्माण इकाई ने शहर के मुहल्ला कृष्ण विहार कालोनी में पेयजल टंकी का प्रस्ताव तैयार किया, जिसे शासन से स्वीकृति मिली। करीब दो करोड़ की लागत से ढाई लाख लीटर की क्षमता की टंकी का निर्माण कराया गया। इसका ठेका आगरा के एसएम कंस्ट्रक्शन को करीब डेढ़-दो करोड़ में दिया गया। इस फर्म के मैसर्स सुधीर मिश्रा बताए गए हैं।
काम में बरती लापरवाही
एसएम कंस्ट्रक्शन ने निर्माण कार्य में लापरवाही बरती। घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया। लेकिन, कमीशन के चक्कर में एक्सईएन, सहायक अभियंता और अवर अभियंता इस ओर आंखें बंद किए रहे। ठेकेदार ने निर्माण कार्य में पूरी लापरवाही बरती और घटिया सामग्री पर पिलर खड़े कर दिए। ये टंकी वर्ष 2021 में बनकर तैयार हो गई, जिसका संचालन अतिरिक्त निर्माण इकाई ने वर्ष 2022 तक किया।ये भी पढ़ेंः मथुरा में दर्दनाक हादसा: हल्की बारिश में ही ताश के पत्तों का तरह ढह गई पानी की टंकी, दो की मौत व 11 गंभीरइस दौरान शासन ने इस इकाई को बंद कर दिया और यहां तैनात अधिकारी जल निगम के दूसरे खंड में मर्ज कर दिए गए। वर्ष 2023 में जल निगम ने इस टंकी को नगर निगम के हैंडओवर कर दिया। घटिया सामग्री के प्रयोग का ही नतीजा रहा कि टंकी तीन वर्ष में ही गिर गई। हादसे में दो महिलाओं की मृत्यु और 14 लोग घायल हो गए। देर रात आइजी दीपक कुमार भी पहुंचे।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।नगर निगम ने भी नहीं कराई जांच
वर्ष 2023 में अतिरिक्त निर्माण इकाई जल निगम ने ये टंकी नगर निगम के हैंडओवर कर दी। लेकिन, नगर निगम के अधिकारियों ने भी इस टंकी की गुणवत्ता की जांच कराना जरूरी नहीं समझा। अगर उस समय तकनीकी जांच करा ली जाती तो लोगों की जान न जाती।ये हैं जिम्मेदार
जल निगम की अतिरिक्त निर्माण इकाई के एक्सईएन, सहायक अभियंता, अवर अभियंता। इसके अलावा आगरा की एमएस कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार।