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Mathura: 45 वर्ष बाद यमुना का जलस्तर बढ़ा, जन जीवन अस्त व्यस्त, नौजवानों ने नहीं देखी बाढ़, सेल्फी की मची होड़

यमुना के बढ़ते जलस्तर से किनारे बसी कालोनियों में हाहाकार मचा है। इन्हें बाहर निकालने के लिए प्रशासन की टीम लगी हैं। काफी संख्या में लोग अभी कालोनियों में हैं। यमुना किनारे बसी करीब दो दर्जन कालोनियां पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। बाराहघाट से कालीदह जुगलघाट चीरघाट श्रृंगारवट घाट केशीघाट वंशीवट जगन्नाथ घाट पानीघाट तक परिक्रमा मार्ग तक पानी पहुंच गया है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 17 Jul 2023 10:16 AM (IST)
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यमुना के खादर के इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
मथुरा, जागरण टीम। 45 बरस बाद यमुना मैया का जलस्तर फिर ऐसा बढ़ा कि यमुना से सटे इलाकों में जनजीवन ठप हो गया है। नवयुवकों ने तो ऐसी बाढ़ कभी देखी नहीं थी। उनकी जिंदगी यमुना में जलस्तर कम देखते-देखते बीत रही थी कि अब पानी के उफान ने संकट में डाल दिया है। जागरण टीम ने रविवार को मथुरा और वृंदावन के पांच स्थानों पर पांच रिपोर्टरों ने बाढ़ का हाल देखा।

विश्राम घाट- समय- 11 बजे : विश्राम घाट पर आरती स्थल तक पानी पहुंच गया। यहां महारानी के मंदिर को भी पानी छू रहा है। यदि जलस्तर और बढ़ा तो यमुना मैया की प्रतिमा भी डूब जाएगी। नदी के जलप्रवाह को देख उत्साहित तीर्थ-पुरोहितों के जयकारों से विश्राम घाट गूंज उठा। यहां पर कई युवक घाट पर आए पानी में ही स्नान करने लगे, यहां पुलिसकर्मी लगातर एनाउंसमेंट कर घाट से दूर करने की अपील करते, लेकिन किसी पर इसका असर नहीं दिखाई पड़ा। यहां दुकानों तक पानी आ गया है। कुछ दूरी पर स्थित बंगाली घाट पर भी लोगों की भीड़ तेज गति से बह रही यमुना को देखने उमड़ी।

महादेव घाट, सदर । समय- 12 बजे : सदर क्षेत्र के इस क्षेत्र में 2010 के बाद अब पानी पहुंचा है। महादेव के मंदिर तक यहां पानी पहुंच गया। स्थानीय नागरिक यहां यमुना का पानी देख उत्साहित हुए और स्नान करने लगे। मंदिर पुजारी खुशी में इतना मग्न हुए कि भांग की घुटाई शुरू कर दी सबको इसे गृहण करने का न्यौता भी दिया। लोगों ने बताया कि 2010 में यहां पानी आया था, तब भी लोग उत्साहित थे, 13 वर्षों के बाद फिर वही स्थिति बनी है। नालों के प्रदूषण से कराह रही मैया में जल का प्रवाह देख मन गदगद है।

जयसिंहपुरा खादर। समय-12.30 बजे यमुना की तलहटी के इस इलाके में स्थिति बेहद खराब है। पूरी की पूरी कालोनी यहां जलमग्न हैं। घरों के अंदर कई फीट तक पानी है। ऐसे में ज्यादातर लोग परिवार छोड़कर चले गए हैं। लेकिन घर की चोरों से सुरक्षा के लिए एक-दो सदस्य रुक गए। उन्होंने छतों पर ही डेरा जमा लिया है। खादर में जलभराव अक्सर हो जाता है, लेकिन इतनी स्थिति खराब नहीं हुई। यहां की गणेश कालोनी को भी पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है। यहां चारों ओर केवल पानी ही पानी दिख रहा है।

पानी घाट वृंदावन: समय-11 बजे। यहां आसपास की कालोनी मोहिनी नगर, किशोरी कुंज, हुड़दंग नगर की कालोनी में फंसे लोग पहले सोचते रहे कि पानी कम होगा, लेकिन रविवार को जब जलस्तर बढ़ा तो स्थिति खराब होने लगी। पानी घाट के रास्ते इन कालोनियों के लोग यहां से निकलते रहे। उन्हें घर के साथ अपने सामान की चिंता भी रही।

चीरघाट वृंदावन :समय-12 बजे। वृंदावन का ये इलाका अब पिकनिक स्पाट के रूप में बदल गया है। परिक्रमा मार्ग पर स्थित चीरघाट पर सड़क पर यमुना का पानी करीब ढाई से तीन फीट आ गया है। लेकिन इससे बेखबर श्रद्धालु यहां पर मौज-मस्ती कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए ये पिकनिक स्पाट बन गया। यहां पर सेल्फी ली जाती रहीं। 

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