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पैसे की व्यवस्था न हो सकी तो पत्नी का शव ठेले पर लादकर रातभर ढोता रहा शख्स, पुलिसकर्मियों ने की मदद

Mau News पैसों के अभाव में एक बुजुर्ग अपनी 60 वर्षीय पत्नी के शव को ठेला रिक्शा पर लादकर रातभर ढोता रहा। 50 किलोमीटर दूर अपने पैतृक गांव पहुंचने के लिए मजबूर व्यक्ति की मदद पुलिसकर्मियों ने की। कोतवाल ने वृद्ध को आर्थिक सहयोग देने को कहा। इसके बाद सबने दाह संस्कार के लिए गुलाब चंद को 1700 रुपये दिए और चंदे की व्यवस्था करवाई।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 25 Nov 2024 08:37 AM (IST)
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पैसे की व्यवस्था न हो सकी तो पत्नी का शव ठेला रिक्शा पर लादकर रातभर ढोता रहा शख्स
जागरण संवाददाता, मऊ। बेबसी-लाचारी की फिर एक और तस्वीर, बलिया से लेकर मऊ तक न जाने कितनी ही आंखों के सामने से गुजरती रही। पैसों के अभाव में एंबुलेंस या कोई अन्य वाहन की व्यवस्था न होने पर एक बुजुर्ग अपनी 60 वर्षीय पत्नी का शव ठेला रिक्शा पर लादकर रातभर ढोता रहा ताकि 50 किलोमीटर दूर अपने पैतृक गांव पहुंच पाए।

लोगों से अपील के बाद भी मदद नहीं मिल पाने पर उस गरीब मजदूर के पास यही चारा रह गया था। रविवार सुबह रघौली पिकेट के पास पुलिस की नजर पड़ी तो पूरा वाकया जानने के बाद पिघल गई। अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक मदद की। लंबे समय से बीमार घोसी क्षेत्र की दादनपुर अहिरौली निवासी 60 वर्षीय चंद्रमी देवी की बलिया जिले के नगरा में मौत हो गई।

ठेले पर रखकर ले जा रहा था शव

गरीबी की मार झेल रहे मजदूर पति गुलाब चंद के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह एंबुलेंस या कोई अन्य वाहन कर शव को घर ला सके। लाचार पति ने लोगों से मदद की अपील भी की, लेकिन कोई सहायता को आगे नहीं आया। बेबस गुलाब चंद रात में ही पत्नी के शव को ठेले पर रखकर दादनपुर अहिरौली के लिए चल पड़ा।

सुबह रघौली पिकेट के पास पहुंचा तो हेड कांस्टेबल संतोष यादव ने रोककर शव ठेला से ले जाने का कारण पूछा। गुलाब चंद फफक पड़ा। चंद्रमी देवी बीते तीन वर्ष से बीमारी से जूझ रही थीं। सभी पुत्र अलग रहते हैं। गरीबी से लाचार पति गुलाब चंद समुचित उपचार नहीं करा पा रहा था।

पुलिसकर्मियों ने की मदद

किसी की सलाह पर पत्नी को शनिवार को बलिया में एक झाड़-फूंक करने वाले के यहां ठेला रिक्शा से ले गया। वहां पत्नी की मौत हो गई। पति ने शव लाने के लिए वाहन की व्यवस्था का प्रयास किया, मगर किराया देने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं थी।

संतोष यादव ने कोतवाल राजकुमार सिंह को प्रकरण की जानकारी दी। कोतवाल ने वृद्ध को आर्थिक सहयोग देने को कहा। इसके बाद सबने दाह संस्कार के लिए गुलाब चंद को 1700 रुपये दिए और चंदे की व्यवस्था करवाई। रविवार को दोहरीघाट मुक्तिधाम में दाह संस्कार कराया गया।

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