करोड़ों रुपये खर्च करके मऊ रोजवेज परिसर का हुआ कायाकल्प, लेकिन जाम से नहीं मिली निजात; सुधरने का नाम नहीं ले रहे बस चालक
रेलवे स्टेशन रोडवेज जिला महिला अस्तपाल सहित जिला प्रशासन के कई कार्यालय बाल निकेतन रेलवे क्रासिंग से लेकर पुलिस लाइन तक होने के कारण सहादतपुरा मुख्य मार्ग पर वाहनों का सर्वाधिक दबाव रहता है। एक मिनट के लिए भी कोई बस इस मार्ग पर खड़ा हो जाता है तो जाम लग जाता है। वहीं रोडवेज चालक अव्यवस्था फैलाने से बाज नहीं आते हैं।
संवाद सहयोगी, मऊ। लगभग 5.5 करोड़ रुपये की लागत से शहर के मऊ डिपो के प्रशासनिक भवन व बस स्टेशन परिसर का कायाकल्प तो हो गया, लेकिन शहर के सहादतपुरा की मुख्य सड़क को जाम से निजात नहीं मिली।
प्रतिदिन अस्पतालों, न्यायालयों व सरकारी कार्यालयों को निकले लोगों को रोडवेज बस स्टेशन के पास जाम का सामना करना ही करना पड़ता है।चालक अक्सर मुख्य द्वार पर ही बस खड़ी कर देते हैं, इससे दूसरी बसें परिसर में प्रवेश के लिए प्रतीक्षा करती हैं, जिससे जाम लग जाता है। रोडवेज के सामने जाम केवल चालकों की मनमानी से लगता है।
अव्यवस्था फैलाने से बाज नहीं आते रोजवेज चालक
रेलवे स्टेशन, रोडवेज, जिला महिला अस्तपाल सहित जिला प्रशासन के कई कार्यालय बाल निकेतन रेलवे क्रासिंग से लेकर पुलिस लाइन तक होने के कारण सहादतपुरा मुख्य मार्ग पर वाहनों का सर्वाधिक दबाव रहता है। एक मिनट के लिए भी कोई बस इस मार्ग पर खड़ा हो जाता है तो जाम लग जाता है। वहीं, रोडवेज चालक अव्यवस्था फैलाने से बाज नहीं आते हैं।अक्सर रोडवेज चालक गेट के पास ही अपना वाहन खड़ा कर प्रशासनिक भवन में किसी काम से चले जाते हैं। जबकि, दूसरी बसें रोडवेज के गेट तक आने के बाद अंदर प्रवेश न कर पाने के कारण मुख्य सड़क पर ही खड़ी हो जाती हैं और जाम लगते देर नहीं लगती।
रोजाना चालकों को दी जाती है चेतावनी
रोडवेज प्रबंधन का कहना है कि ऐसा न करने के लिए चालकों को प्रतिदिन चेतावनी दी जाती है, लेकिन कोई न कोई चालक गलती कर बैठता है।मऊ डिपो एआरएम हरिशंकर पांडेय के अनुसार, मुख्य सड़क पर व रोडवेज परिसर के मुख्य द्वार पर बस खड़ा करने वाले चालकों को चिह्नित किया जा रहा है। जल्द ही ऐसे चालकों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
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