सरयू में गिराया जा रहा प्रदूषित 'जहर', गंदगी से मुस्लिमों ने वजू करना छोड़ा; स्नान से कतरा रहे हिंदू श्रद्धालु
भगवान श्रीराम व परशुराम की मिलनस्थली दोहरीघाट कस्बा स्थित सरयू नदी में हर दिन जहर गिराया जा रहा है। इसकी वजह से नदी न सिर्फ प्रदूषित हो रही है बल्कि मुस्लिम समाज के लोग वजू करना छोड़ दिए हैं। यही नहीं गंदगी की वजह से लोग यहां स्नान करने से कतरा रहे हैं। रामघाट पर जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा रहता है। इसकी वजह से दर्शनार्थी भी परेशान रहते हैं।
संवाद सूत्र, दोहरीघाट (मऊ)। भगवान श्रीराम व परशुराम की मिलनस्थली दोहरीघाट कस्बा स्थित सरयू नदी में हर दिन जहर गिराया जा रहा है। इसकी वजह से नदी न सिर्फ प्रदूषित हो रही है, बल्कि मुस्लिम समाज के लोग वजू करना छोड़ दिए हैं। यही नहीं गंदगी की वजह से लोग यहां स्नान करने से कतरा रहे हैं। रामघाट पर जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा रहता है। इसकी वजह से दर्शनार्थी भी परेशान रहते हैं।
600 वर्ष पूर्व औरंगजेब का सिपहसालार कमरूज्जमा अपनी विशाल सेना लेकर जब बड़हलगंज से इस पार दोहरीघाट कस्बे के रामघाट पर आया तो इस घाट की महत्ता जानकर इस घाट का मुरीद हो गया। इसके बाद घाट पर तंबू तानकर रहने लगा तथा शाही मस्जिद का निर्माण कराया। ताकि पवित्र सरयू की धारा मस्जिद से आकर टकराए और मस्जिद की पवित्रता बनी रहे।
दोहरीघाट के सरयू तट पर एक मात्र रामघाट जिसे रेत का घाट भी कहा जाता है। यहां हनुमान मंदिर, शिव मंदिर व महादेव मंदिर हिंदुओं के आस्था के प्रतीक हैं। यहीं पर सरयू तट किनारे शाही मस्जिद भी है। यहां दोनों धर्मो की आस्था हिलोरें लेती है।
मुसलमान जहां सरयू के पानी से वजू करते थे तो आज भी हिंदू वर्ग के लोग सरयू में स्नान कर मंदिरों में दर्शन-पूजन करते हैं। आए दिन व कार्तिक पूर्णिमा, माघ मेला आदि पर बड़ी संख्या में लोग स्नान करते हैं। इस रामघाट पर सीधे नगर के नाले का पानी नदी में गिराया जाता है तथा पूरे घाट पर चारों तरफ भीषण गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इससे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नदी के पानी से वजू करना छोड़ दिया है।
गंदगी की वजह से हिंदू समाज के लोग भी नदी में स्नान करने से कतरा रहे हैं। शाही घाट के नाम से मशहूर रामघाट आज भीषण गंदगी से दोनों धर्मों की आस्था को चोट पहुंचा रहा है। इधर राज्यसभा सदस्य सकलदीप राजभर व नगर पंचायत चेयरमैन विनय जायसवाल ने रामघाट पर पक्का घाट बनाने का स्टीमेट भेजा है। अगर परियोजना धरातल पर उतरी तो नगर का भविष्य ही संवर जाएगा। वहीं घाट के सुंदरीकरण के साथ तथा नाले का पानी दूसरे दिशा में ले जाकर गिराने की मांग भी तेजी से उठी है।
रामघाट पर पक्का घाट बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी स्वीकृति मिलते ही पक्का घाट बनाने का काम किया जाएगा। इसके लिए नाला का भी निर्माण होगा। - विनय जायसवाल, नगर पंचायत अध्यक्ष दोहरीघाट।इसे भी पढ़ें: Uniform Civil Code: क्या है यूनिफार्म सिविल कोड बिल, बाल विवाह-हलाला और महिलाओं को...; पढ़ें विधेयक की बड़ी बातें
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