Sita Kund: चुनाव से पहले योगी सरकार ने की वर्षों पुरानी मांग पूरी, वैज्ञानिक रहस्यों वाले कुंड को पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी शुरू
धार्मिक मान्यता व आस्था के केंद्र के साथ ही चर्मरोग से मुक्ति दिलाने वाले सीताकुंड का सुंदरीकरण कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की मांग अरसे से चल रही थी। अब प्रदेश सरकार के नगर विकास व ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने इसके सुंदरीकरण को 02 करो़ड़ 21 लाख रुपये स्वीकृत किए जाने की घोषणा की है।
संवाद सूत्र, घोसी (मऊ)। गर्भ में वैज्ञानिक रहस्य समेटे घोसी नगर की धार्मिक पोखरी सीता कुंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की योजना गुरुवार को एक और कदम आगे बढ़ी है। प्रदेश सरकार के नगर विकास व ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने इसके सुंदरीकरण को 02 करो़ड़ 21 लाख रुपये स्वीकृत किए जाने की घोषणा की है।
कैबिनेट मंत्री ने उपजिलाधिकारी सुमित सिंह, चेयरमैन मुन्ना प्रसाद गुप्ता, अधिशासी अधिकारी रोहित कुमार सहित नागरिकों से विकास कार्यो के बाबत चर्चा की। उन्होंने इसके मौके पर क्षेत्रफल व राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार क्षेत्रफल की जानकारी ली।
हालांकि नगर पंचायत ने समस्त अभिलेख कई माह पूर्व ही पर्यटन विभाग को प्रेषित कर दिया है। कैबिनेट मंत्री ने औपचारिकताएं पूर्ण होने व वित्तीय स्वीकृति प्रदान किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बाद पर्यटन विभाग को यह राशि शीघ्र आवंटित किए जाने का दावा किया है।
कई वर्ष से जुड़ी है आस
धार्मिक मान्यता व आस्था के केंद्र के साथ ही चर्मरोग से मुक्ति दिलाने वाले सीताकुंड का सुंदरीकरण कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की मांग अरसे से चल रही थी। वर्ष 2010-11 में तत्कालीन चेयरमैन प्रतिनिधि पन्नालाल जायसवाल की पहल पर तत्कालीन राजस्व मंत्री फागू चौहान ने प्रयास किया।
पर्यटन विकास विभाग के गोरखपुर कार्यालय ने नगर पंचायत से कुंड का भू-अभिलेख मांगा। पश्चिमी घाट का सुंदरीकरण एवं दक्षिणी घाट पर पक्की सीढ़ी भी बनी। उनके चुनाव में पराजित होने एवं प्रदेश में सपा की सरकार के गठन के बाद विकास कार्य रूक गया।
प्रदेश सरकार के बीते कार्यकाल में मुख्यमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक स्थल का चयन कर मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत इस कुंड के सुंदरीकरण हेतु 49.61 लाख की राशि स्वीकृत किए जाने की घोषणा की गई थी पर अभी तक प्रगति शून्य है।
जनवरी 2021 में मुख्यमंत्री की पहल पर इस कुंड का विकास होने एवं अतिक्रमण समाप्त होने की संभावनाएं बढ़ गई थीं। तत्कालीन जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल के निर्देशानुसार तत्कालीन एसडीएम डा. सीएल सोनकर ने कुड का निरीक्षण कर रख-रखाव प्रमाण पत्र एवं भू राजस्व अभिलेख प्रेषित भी किया था पर कार्य प्रारंभ न हो सका।
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