UP News: घोसी में दारा सिंह चौहान को मिली हार, ओपी राजभर को भी करारा झटका; शिकस्त के बाद भी मिलेगा मंत्री पद?
UP Politics घोसी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह से मिली हार दारा सिंह चौहान ही नहीं सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के लिए भी बड़ा झटका है। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री पद छोड़कर सपा में आए दारा सिंह चौहान विधायक बने। चौहान का करीब 14 महीने में ही सपा से मोहभंग हो गया।
जयप्रकाश निषाद, मऊ: घोसी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह से मिली हार दारा सिंह चौहान ही नहीं, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के लिए भी बड़ा झटका है। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री पद छोड़कर सपा में आए दारा सिंह चौहान विधायक बने।
चौहान का करीब 14 महीने में ही सपा से मोहभंग हो गया। उपचुनाव में घोसी से हार के बाद उनका फिर भाजपा से विधायक बनकर मंत्री बनने का सपना टूट गया। सत्ता सुख भोगने की दारा सिंह चौहान की चाहत के कारण घोसी में 16 महीने में दोबारा चुनाव कराना पड़ा और जनता ने इस बार उन्हें पूरी तरह नकार दिया।
राजनीतिक जमीन खो बैठ दारा सिंह चौहान
अपनी राजनीतिक जमीन गंवा चुके दारा सिंह को अब भाजपा में कोई पद मिलने पर संशय है। उपचुनाव से पहले दारा सिंह चौहान व ओमप्रकाश राजभर का योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बनना तय माना जा रहा था। मगर दारा सिंह चौहान तो विधायक भी नहीं हैं।
घोसी में हुई अब तक भाजपा की इस सबसे बड़ी हार ने बड़बोले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को भी सबक दिया है। यह चुनाव परिणाम उपचुनाव को सपा बनाम सुभासपा का मुकाबला बता रहे राजभर की मोलतोल की क्षमता को भी प्रभावित करेगा।
पूर्वांचल में राजभर की पकड़ पर सवाल
पूर्वांचल में राजभर वोटबैंक पर पकड़ का दंभ भरने वाले ओमप्रकाश राजभर चुनाव प्रचार में बड़े-बड़े दावे करते रहे। दम-खम दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन घोसी की जनता ने सिर्फ अपना राजनीतिक लाभ देखकर कभी इधर तो कभी उधर होने वाले राजनेताओं को अपना निर्णय सुना दिया है।
उपचुनाव के परिणाम ने मंत्री पद की आस लिए राजग गठबंधन का हिस्सा बने राजभर के राजनीतिक भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया है। घोसी विधानसभा में 2017 से 2023 के बीच चार बार चुनाव हुए हैं। 2022 में सपा के टिकट पर दारा सिंह चौहान जीते, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी विजय राजभर को 22 हजार से अधिक वोट से हराया था।
घोसी के लोगों को उम्मीद थी कि क्षेत्र का विकास होगा, लेकिन हुआ ठीक उलटा। दारा सिंह 14 महीने भी सत्ता से दूर नहीं रह सके और जुलाई में विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा में लौट आए। रिक्त सीट पर पांच सितंबर को उपचुनाव कराना पड़ा।